दिवंगत पिता के लॉकर में अमानत रखे स्त्री-धन को प्राप्त करने के लिए क्या किया जाए?
| गीता ने पूछा है –
मेरा अपना कुछ स्त्री-धन (गहने) मेरे पिताजी के बैंक लॉकर में हैं। उन का 2004 में देहान्त हो गया। यह संपत्ति स्वयं मेरी माताजी ने अपने हाथ से मेरे पिताजी को लॉकर में रखने के लिए दी थी, इस बात को सब जानते हैं। मैं अपने भाइयों से कह कर परेशान हो गई हूँ कि मेरी संपत्ति मुझे निकाल कर दे दो। लेकिन वे बोलते हैं कि तुम हस्ताक्षर करो कि तुम पिताजी की संपत्ति में से हिस्सा नहीं लोगी। तब हम लॉकर खोलेंगे। अब कह रहे हैं कि जब हम सब बँटवारा कर लेंगे, उस के बाद में लॉकर खोलेंगे। मैं ने कहा कि है कि मुझे पिता जी की संपत्ति से कुछ नहीं चाहिए बस मेरा सामान दे दो पर वे लोग तैयार नहीं हैं। आप बताएँ मुझे क्या करना चाहिए?
उत्तर-
गीता जी,
आप ने अपनी संपत्ति अपनी माता जी के माध्यम से पिताजी को बैंक लॉकर में रखने के लिए दी थी और पिता जी के देहान्त के उपरान्त वह संपत्ति उन के लॉकर में ही है। आप ने यह नहीं बताया है कि आप के पिताजी के लॉकर में कोई सहभोक्ता (ज्वाइंट ऑपरेटर) भी था या नहीं, और आप के पिताजी ने किसी को अपना नॉमिनी तो नहीं बना रखा था। इन तथ्यों की जानकारी होने से यह स्पष्ट हो सकता था कि आज बैंक लॉकर ऑपरेट हो रहा है या नहीं, यदि ऑपरेट हो रहा है तो कौन कर रहा है? आप का स्त्री-धन आप के पिता जी के पास अमानत था। यदि कोई आप के पिता जी के लॉकर का कोई सहभोक्ता था तो वह वर्तमान में भी उस लॉकर का उपयोग कर सकता है, यदि कोई सहभोक्ता नहीं था और उन्हों ने किसी को नॉमिनी बनाया हुआ था तो वह उस लॉकर का उपयोग कर सकता है। यदि कोई सहभोक्ता नहीं था और कोई नॉमिनी भी नहीं, तो बैंक लॉकर को खुलवाने के लिेए उत्तराधिकार प्रमाण पत्र जिला न्यायाधीश के न्यायालय से जारी कराना पड़ेगा उस के पहले लॉकर को ऑपरेट किया जाना संभव नहीं है। उत्तराधिकार प्रमाण पत्र के लिए आवेदन पत्र को न्यायालय की प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा जिस में समय लगेगा और आप के पिताजी के सभी उत्तराधिकारियों को कार्यवाही की सूचना भेजी जाएगी साथ ही एक सामान्य सूचना किसी स्थानीय दैनिक में भी प्रकाशित की जाएगी। यदि ऐसी कोई कार्यवाही होती है तो न्यायालय से सूचना प्राप्त होने पर अथवा स्वयं आवेदन प्रस्तुत कर आप अपनी आपत्तियाँ न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत कर सकती हैं।
दोनों ही स्थितियों में आप उस लॉकर के सहभोक्ता, नॉमिनी तथा आप के पिताजी के सभी उत्तराधिकारियों को रजिस्टर्ड ए.डी. डाक से पत्र भेज कर सूचित कर दें कि आप का क्या-क्या स्त्री-धन आप ने अपनी माता जी के माध्यम से पिता जी के लॉकर में रखवाया था और वह लॉकर में आप की अमानत है जिसे लॉकर का उपयोग आरंभ होते ही उपयोगकर्ता आप को लौटा दे। इस पत्र की एक प्रति, डाक की रसीदें और प्राप्ति स्वीकृतियाँ आप सहेज कर रख लें। आप चाहें तो इस पत्र के स्थान पर किसी वकील से विधिक-सूचना भी इन सभी लोगों को प्रेषित करवा सकती हैं। इस नोटिस के उपरान्त आप लॉकर खुलने पर भी आप का स्त्री-धन लॉकर को खोलने के लिए अधिकृत व्यक्ति द्वारा आप को नहीं लौटाए जाने पर वह व्यक्ति अमानत में खयानत का अपराधी होगा और आप उस व्यक्ति के विरुद्ध संबंध
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10 Comments
बहुत ही उपयोगी जानकारी।
——
कभी देखा है ऐसा साँप?
उन्मुक्त चला जाता है ज्ञान पथिक कोई..
गुरुवर जी, आपने काफी अच्छी जानकारी दी है.
गुरुवर जी,क्या आप सोच सकते हैं कि "अनपढ़ और गँवार" लोगों का भी कोई ग्रुप इन्टरनेट की दुनिया पर भी हो सकता है. मैं आपका परिचय एक ऐसे ही ग्रुप से करवा रहा हूँ. जो हिंदी के प्रचार-प्रसार हेतु हिंदी प्रेमी ने बनाया है. जो अपना "नाम" करने पर विश्वास नहीं करता हैं बल्कि अच्छे "कर्म" करने के साथ ही देश प्रेम की भावना से प्रेरित होकर अपने आपको "अनपढ़ और गँवार" की संज्ञा से शोभित कर रहा है.अगर आपको विश्वास नहीं हो रहा, तब आप इस लिंक पर जाकर देख लो. http://www.facebook.com/groups/anpadh/ क्या आप भी उसमें शामिल होना चाहेंगे? फ़िलहाल इसके सदस्य बहुत कम है, मगर बहुत जल्द ही इसमें लोग शामिल होंगे. कृपया शामिल होने से पहले नियम और शर्तों को अवश्य पढ़ लेना आपके लिए हितकारी होगा.
ऎसी जानकारी काफी भुक्तभोगियों के काम आयेगी… और हम भी ऎसी जानकारी को अपने परिचितों को देकर जागरुक करेंगे.
विशेषज्ञ होना तभी फलीभूत होता है…. जब उसे जमीन मिलती है… जिज्ञासु के सारे सवालों को जवाब मिल जाये यही तो चाहिए.
@ रचना जी,
आप ने सही कहा कि मूल उपभोक्ता के देहान्त के बाद उत्तराधिकारी बैंक लॉकर को सील करवा सकते हैं। क्यों कि यह स्पष्ट नहीं होता कि उस में क्या संपत्ति रखी हुई है।
बैंक इसीलिए नॉमिनेशन से बचते हैं। वैसे सभी बैंकों में लॉकर का नॉमिनी नियुक्त किया जा सकता है। लॉकर के मूल आवेदन पत्र में उस के लिए कोई पूर्ति नहीं होती। उस के लिए अलग से आवेदन प्रपत्र है और नॉमिनी नियुक्त किया जा सकता है। कम से कम इंडियन बैंक और ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स में यह सुविधा है। लेकिन नॉमिनी मृत उपभोक्ता का ट्रस्टी मात्र होता है। उसे चाहिए कि वह लॉकर से वस्तुएँ प्राप्त कर सभी उत्तराधिकारियों के बीच विधि के अनुसार या उन की सहमति से विभाजन कर दे।
useful information – thanks
आप का स्त्री-धन
yae ek samsyaa haen aam naari ki kyuki stri dhan kaa koi record nahin hota haen
bahut sae jewar ityadi bina raseed kae liyae jaatey haen is liyae unko prove nahin kiyaa jaa saktaa
my information is based on my conversations with officials of CBI
I would like to inform that in bank there is nothing called as nominee for locker
geeta can go to the bank and put in a application that without her consent the operation of the locker should not be permitted
after this the bank will seal the locker and then
she and all other legal heir of the holders will have to go to court and get proper papers to justify ownership
i discussed this issue at length with bankers in connection with such problems and that is why i know about it
बहुत बढ़िया जानकारी दी हैं . आभार
अच्छी जानकारी,आभार.