धौंस जमाने पर आयकर अधिकारी की शिकायत उस के उच्चाधिकारियों और वित्त मंत्रालय से करें
| दीपक कुमार ने पूछा है –
एक आयकर अधिकारी पर अनुसूचित जाति जनजाति के व्यक्ति को परेशान और अपमानित करने का मुकदमा चला और उसे छह माह का कठोर कारावास हुआ है। अपील में मुकदमा 2003 से आज तक चल रहा है और उच्चन्यायालय से अभी तक कोई निर्णय नहीं हुआ है। यह अधिकारी हम पर आयकर विभाग की धौंस जमा कर परेशान कर रहा है। हम उस अधिकारी की सारी जानकारी आयकर विभाग से कैसे प्राप्त कर सकते हैं? क्या इस मुकदमे का आयकर अधिकारी की सेवा में कोई अंतर नहीं पड़ता। या इस पर क्या कार्यवाही की जा सकती है?
उत्तर –
दीपक जी,
आयकर विभाग से आप उस अधिकारी के बारे में क्या जानकारी चाहते हैं? जो भी जानकारी चाहते हैं आप सूचना के अधिकार के अंतर्गत मांग सकते हैं। लेकिन उस जानकारी का आप क्या और कैसे उपयोग करना चाहते हैँ? यह स्पष्ट नहीं है। वैसे विभाग में उस अधिकारी के बारे में शायद ही कोई ऐसी जानकारी उपलब्ध हो जो आप के काम आ सके।
यह अधिकारी आप पर धौंस जमा रहा है तो उस की शिकायत पुलिस में अवश्य करें। समस्या यह है कि सरकार के सभी उच्च स्तरों पर इतना भ्रष्टाचार है कि मुश्किल से ही कोई अधिकारी दूध का धुला हो। सभी काली कमाई करते हैं। आयकर यदि उन की सम्पत्ति की जाँच करे तो अघोषित आय पकड़ी जाए। इस कारण से उन से सभी डरते हैं और यही कारण है कि आयकर अधिकारियों के हौंसले भी बहुत बढ़े हुए हैं। लेकिन वास्तव में इन की धौंस में कोई दम नहीं होता। आप उक्त अधिकारी की ऐसी धौंस देने की शिकायत पुलिस में दर्ज करवाएँ और यदि पुलिस कुछ न करे तो आप सीधे न्यायालय में उस के विरुद्ध शिकायत दर्ज करवा कर मुकदमा दर्ज करवा सकते हैं।
उक्त आयकर अधिकारी के संबंध में मुख्य आयकर आयुक्त को तथा वित्त मंत्रालय को शिकायत की जा सकती है कि वह एक सजायाफ्ता मुजरिम है लेकिन निर्णय की अपील लंबित है। ऐसी अवस्था में उस की सेवाएँ समाप्त भी की जा सकती हैं और निलंबित भी की जा सकती हैं। निलंबन कोई दंड नहीं होता। लेकिन इस तरह के अधिकारियों के लिए यह दंड से कम नहीं होता। फिर धौंस नहीं चलती। वैसे यह आयकर विभाग पर निर्भर करता है कि वह अपील के चलते अधिकारी को निलंबित करे या न करे। फिर भी आप को उस की शिकायत अवश्य करनी चाहिए। वैसे एक साधारण व्यक्ति को ये धौंस ही दे सकते हैं कुछ कर नहीं सकते।
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3 Comments
बढियां जानकारी,धन्यवाद.
भ्रष्ट अधिकारियों को तो अवश्य दंड मिलना चाहिए| आपने सही लिखा है निलंबन कोई दंड नहीं है| ज्ञानवर्धक पोस्ट|
ाच्छी जानकारी है। आभार।