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न्यायालय में किराया किस के नाम जमा कराया जाए?

समस्या-MoneyOrderForm

आगरा, उत्तर प्रदेश से विजय कुमार ने पूछा है-

मेरे पास बिना किरायेनामे के 4 पीढ़ियों से एक दुकान किराये पर है। पहले जो मकान मालिक था उसने अपना मकान सन 80 में बेच दिया जिसमे चार दुकानें भी थीं।  उसके बाद नए मकान मालिक ने 2 दुकानें किराये पर उठा दीं। हमारे पास जो 2 दुकानें थीं उस का किराया वो हमसे नहीं लेता था वो किराया मेरे पिताजी ने कोर्ट में जमा करा दिया। पिताजी के देहांत के बाद मैं ने मकान मालिक को मनीआर्डर से किराया भेजा लेकिन उन्होंने किराया नहीं लिया। सन 2008  में मकान मालिक ने मकान अपने दोनों बेटो के नाम कर दिया और 2008 तक का किराया भी उसने मकान नाम करने के बाद मनी आर्डर से ले लिया। उसके बेटे ने भी किराया लेने से मना कर दिया। अब वो मकान बड़े बेटे कि पत्नी के नाम है। में किराया कोर्ट में जमा कराना चाहता हूँ।  मुझे बताये कि किस प्रतिपक्ष के नाम में मैं कोर्ट में प्रार्थना पत्र दायर करूँ?

समाधान-

प से अंतिम बार जिस व्यक्ति ने किराया प्राप्त किया था। उस व्यक्ति को उक्त सारे तथ्य लिखते हुए एक रजिस्टर्ड पत्र दीजिए कि “मुझे पता नहीं है कि कौन मकान मालिक है जिसे किराया जमा कराया जाए। मेरी जानकारी में बड़े बेटे की पत्नी के नाम वह दुकानें हैं। यदि आप ने 15 दिन में पत्र का उत्तर नहीं दिया तो किराया उसे मनिआर्डर से भेज दिया जाएगा। यदि वह किराया स्वीकार नहीं करती है तो उस के नाम से न्यायालय में जमा करवा दिया जाएगा।

ह रजिस्टर्ड ए.डी. पत्र भेजने के बीस दिन बाद बड़े बेटे की पत्नी के नाम मनिआर्डर से अब तक का सारा बकाया किराया भेज दीजिए। यदि मनिआर्डर स्वीकार नहीं होता है तो फिर उसी के नाम से आवेदन प्रस्तुत कर न्यायालय में किराया जमा करा दीजिए।

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