न्यूनतम मजदूरी क्या है? इस से कम मजदूरी मिलने पर क्या कार्यवाही की जा सकती है?
| महेश कुमार वर्मा ने पूछा है –
कृपया बताने की कृपा करें कि किस-किस प्रकार के कार्य के लिए न्यूनतम मजदूरी क्या-क्या है? तथा यह भी बताएं कि यदि कोई नियोक्ता किसी कार्य के लिए न्यूनतम मजदूरी से कम का भुगतान करता है तो उसके कार्य करने वाले को किस प्रकार से क्या कदम उठाना चाहिए? यह भी बताएं कि यदि कार्य करने वाला अपने नियोक्ता के विरुद्ध कार्रवाई करता है तो क्या नियोक्ता बिना कोई कारण उसे कार्य से हटा सकता भी है? क्या कार्य करने वाला अपने ऊपर हो रहे शोषण के विरुद्ध अपने नियोक्ता के विरुद्ध कार्रवाई किस प्रकार कर सकता है?
उत्तर –
महेश जी,
देश स्वतंत्र होने के उपरांत 1948 में यह विचार करते हुए कि देश में श्रमिकों के संगठन कमजोर अवस्था में हैं और श्रमिकों के पास अपने नियोजकों के साथ सौदेबाजी के लिए पर्याप्त बल नहीं है इस कारण ऐसा कानून होना चाहिए जिस से कुछ अनुसूचित नियोजनों के लिए न्यूनतम मजदूरी सरकारें निर्धारित कर सकें और प्रत्येक नियोजक के लिए यह अनिवार्य हो कि वे अनुसूचित नियोजनों में नियोजित श्रमिक को निर्धारित की गई न्यूनतम मजदूरी अदा करें। इस तरह न्यूनतम मजदूरी अधिनियम, 1948 पारित किया गया जिसे समय समय पर संशोधित भी किया गया है।
इस अधिनियम के अंतर्गत प्रत्येक राज्य सरकार और केंद्र सरकार यह निर्धारित करती है कि किस-किस प्रकार के नियोजनों में न्यूनतम मजदूरी निर्धारित करनी है, फिर इन नियोजनों के लिए न्यूनतम मजदूरी निर्धारित करती है। महंगाई बढ़ने के साथ निर्धारित की गई न्यूनतम मजदूरी को संशोधित भी किया जाता है। जिन उद्योगों (खान, रेलवे आदि) के लिए उचित सरकार केन्द्र सरकार है, तथा केन्द्र शासित प्रदेशों के लिए सभी नियोजनों के लिए केन्द्र सरकार न्यूनतम मजदूरी निर्धारित करती है, शेष नियोजनों के लिए राज्य सरकारें न्यूनतम मजदूरी निर्धारित करती हैं।
आप बिहार में निवास करते हैं, इसलिए आप को स्वयं के संदर्भ में बिहार राज्य द्वारा निर्धारित न्यूनतम मजदूरी को देखना चाहिए। इस के लिए बिहार राज्य में वर्तमान में जो न्यूनतम मजदूरी अनुसूचित नियोजनों के लिए निर्धारित की गई है उसे इंटरनेट पर यहाँ देखा जा सकता है। आप जिस उद्योग के जिस नियोजन में हैं उस के लिए न्यूनतम मजदूरी यहाँ देख सकते हैं। इस के अतिरिक्त आप अपने नगर या जिले के श्रमविभाग के कार्यालय में जा कर भी किसी भी उद्योग के किसी भी नियोजन के लिए न्यूनतम मजदूरी की जानकारी कर सकते हैं।
न्यूनतम मजदूरी अधिनियम 1948 के अंतर्गत न्यूनतम मजदूरी से कम मजदूरी का भुगतान करना एक दंडनीय अपराध है। यदि कोई नियोजक किसी श्रमिक को न्यूनतम मजदूरी से कम मजदूरी का भुगतान करता है तो इस की शिकायत श्रम विभाग में श्रम निरीक्षक को की जा सकती है। श्रम निरीक्षक स्वयं संस्थान का निरीक्षण करेगा और यह देखेगा कि निर्धारित न्यूनतम मजदूरी से कम मजदूरी तो नहीं दी जा रही है। यदि वह पाता है कि न्यूनतम मजदूरी से कम मजदूरी श्रमिकों को भुगतान की जा रही है तो वह उस
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6 Comments
जानकारी देने के लिए धन्यवाद.
कई दिनों से नेट पर नियमित नहीं आ रहा था. अतः विलम्ब से आज पढ़ा. क्षमा करेंगे.
शुकर भारत मे भी हे नून्तम मजदुरी कानून, लेकिन कोन मानता होगा इसे, क्योकि मजदुरी के घंटे भी होने चाहिये, जो ७, से ८ घंटे होते हे, लेकिन भारत मे तो मैने देखा हे घरो मे काम करने वाले सुबह से शाम तक कोहलू के बेल की तरह काम करते हे.
धन्यवाद
हम्म सही बात कहे है आपने अच्छा लगा आपका पोस्ट हवे अ गुड डे ! मेरे ब्लॉग पर आये !
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Shayari Dil Se
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आपने बहुत अच्छी जानकारी दी है. आपकी उपरोक्त सूचना को निम्न वर्ग के लोगों तक अगर पहुंचा दिया जाए. तब आपका और आपके ब्लॉग का उद्देश्य काफी हद तक पूरा हो जायेगा, क्योंकि निम्न वर्ग के पास इन्टरनेट नहीं होता है और बेचारे आपके इस नाचीज़ शिष्य की तरह से इन्टरनेट की दुनिया में अनपढ़ और ग्वार होते हैं.
आपके इस नाचीज़ शिष्य की दिली इच्छा है कि-आप अपने ब्लॉग पर प्रकाशित हो चुकी समस्याओं व आलेखों को पुस्तक के रूप में भी प्रकाशित करें. जिससे जागरूकता पूरे भारत वर्ष में फैलें. उस पुस्तक की सबसे बड़ी खूबी यह होनी चाहिए कि-पाठक तक कम से कम कीमत में पहुंचे/मिले. अगर आप चाहे तो आपके इस नाचीज़ शिष्य के पास दस पुस्तकें प्रकाशित करने के लिए ISBN NO है. इससे आपके इस नाचीज़ शिष्य का प्रकाशक(साहित्य) के रूप में आने का सपना भी पूरा हो जायेगा. जो कुछ अनचाहे कारणों(जिनसे आपके पाठक और आप अवगत है) के कारण अधुरा है. आज "ख़ाली हाथ" हूँ. ख्याब बहुत बड़ा है. मगर "गुरु" को "गुरु दक्षिणा" से वंचित नहीं करूँगा.अगर आपको मेरा प्रस्ताव योग्य लगा हो तो आप इस सन्दर्भ में अपने ब्लॉग पर "पोल" करवाकर पाठकों और मित्रों का समर्थन लेने की कृपया करें. आपकी कल मिली दो ईमेल ने मेरे अंदर नया जोश और उमंग का संचार कर दिया है. अब मुझे एक ऐसा "गुरु" मिल गया है कि-जब यह नाचीज़ शिष्य रास्ता भटकेंगा. तब उसका गुरु उसको रास्ता जरुर दिखायेगा, ऐसा मेरा विश्वास है.
बहुत बढ़िया पोस्ट! उम्दा प्रस्तुती!
आपको एवं आपके परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनायें!
अच्छी जानकारी,
————–होली की शुभकामनायें…