पंजीकृत विक्रय पत्र निरस्त कराने के लिए दीवानी वाद प्रस्तुत करना होगा …
|समस्या-
इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश से रवि श्रीवास्तव ने पूछा है-
मेरी समस्या ये है कि मेरी एक कृषि योग्य जमीन के देवरिया जिले में है जिसे मैं मर्इ, 2013 में बेच चुका हूँ, यानि रजिस्ट्री कर दी। कुछ पैसा मुझे नकद मिल गया और कुछ का पोस्ट डेटेड चेक मिला लेकिन रजिस्ट्री पर पूरा भुगतान प्राप्त हो गया ही लिखा है। रजिस्ट्री एक स्कूल के नाम प्रबन्धक को की गई है। स्कूल या संस्था मान्यता प्राप्त नहीं है। दाखिल-खारिज भी हो चुका है। क्या अब मैं रजिस्ट्री को किसी विधि से कैंसिल करा सकता हूँ अथवा आपत्ति दाखिल कर सकता हूँ अथवा नहीं? क्योंकि पूरा भुगतान अप्राप्त है, तय राशि रजिस्ट्री पेपर पर लिखी धनराशि से अधिक है।
समाधान-
आप की भारी गलती ये है कि आप ने पूरा भुगतान प्राप्त किए बिना विक्रय पत्र की रजिस्ट्री करवा दी। अब आप के पास यही मार्ग शेष है कि आप उक्त विक्रय पत्र को निरस्त करवाने के लिए दीवानी न्यायालय में दीवानी वाद प्रस्तुत करें। यह वाद उसी जिला न्यायालय में होगा जिस के अधिकार क्षेत्र में आप की भूमि स्थित है। विक्रय पत्र को निरस्त कराने के लिए आप के पास कोई वैध कारण भी होना चाहिए।
उस व्यक्ति ने आप को जो नकद भुगतान किया है उस का कोई सबूत नहीं है। लेकिन पोस्ट डेटेड चैक आप के पास हैं। आप पोस्ट डेटेड चैकों को भुगतान के लिए प्रस्तुत करें। यदि उन में से कोई चैक अनादरित हो कर वापस लौटता है तो आप उस चैक के अनादरण के लिए धारा 138 परक्राम्य विलेख अधिनियम के अन्तर्गत चैक प्रदाता के विरुद्ध अपराधिक मुकदमा कर सकते हैं। साथ के साथ इस आधार पर कि जमीन की कीमत के लिए किए गए भुगतान के लिए दिया गया चैक अनादरित हो जाने से विक्रय संविदा निरस्त हो गई है इस आधार पर विक्रय पत्र निरस्त कराने का वाद प्रस्तुत किया जा सकता है। विक्रय पत्र निरस्त कराने के अन्य वैधानिक आधार भी तलाश किए जा सकते हैं। लेकिन यह कार्य कोई अनुभवी वकील आप से बातचीत कर के और सारी स्थिति व तथ्यों को जान कर ही कर सकता है।