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पति से न्यायिक पृथक्करण की डिक्री के लिए आवेदन करें …

alimonyसमस्या-

मेघना तिखे ने भोपाल, मध्य प्रदेश से समस्या भेजी है कि-

मेरी शादी 2012 मे हुई है। मेरा 7 माह का बेटा है। शादी के पहले ही मैं ने अपने पति को बता दिया था की मेरे पिता जी 20 साल से लापता हैं और मेरा भाई एक्सीडेंट में ख़तम हो चुका है। घर में अकेली माँ है जो मुझ पर निर्भर है और शादी के बाद साथ में ही रहेंगी। शादी के बाद पति के शराब पीने और खराब नेचर के कारण मेरी माँ अलग किराए के मकान मे रह रही है। बच्चे के कारण कभी कभी मेरे घर आती थी तो मेरे पति उन को ये कहकर टार्चर करने लगे की तूने अपने पति को भगा दिया, अपने बेटे को पागल कर दिया, तू मेरे बेटे को भी पागल कर देगी, तुम हम पति पत्नी को अलग करना चाहती हो। यह मेरे और मेरी माँ के लिए बहुत पीड़ाजनक है। मेरी माँ ये कह कर चली गई कि मैं अब तुम्हारे घर नहीं आउंगी। माँ के जाने के बाद वो मुझे कहने लगे की तूने अपने बाप को और भाई को भगा दिया, अब मुझे भी भगा देगी। फिर मैं ने उन्हें टार्चर न करने के लिए समझाया। वो नहीं माने तो मैं ने महिला हेल्पलाइन में शिकायत कर दी। केन्द्रीय सरकार की नौकरी होने के कारण जो गवर्नमेंट मकान मुझे आल्लोटेड था उससे खाली करने को पति को कहा। शिकायत हो जाने के कारण वो मकान खाली करके चले गये हैं। दैनिक जीवन में भी वो अलग अलग तरह से टार्चर हैं। वो समझते हैं कि मैं अकेले होने के कारण उन का कुछ नहीं कर पाउंगी। मेरे घर और रिश्तेदारों में अकेली मेरी माँ ही है। मेरे पास छोटा बच्चा है और पूरी जिंदगी मेरे सामने पड़ी है। मुझे क्या करना चाहिए?

समाधान-

प केन्द्रीय सरकार की नौकरी में हैं। आप की सामाजिक सुरक्षा में कोई कमी नहीं है। आप ने जो हालात बताए हैं उन से लगता है कि आप के पति के साथ आप की निभना असंभव है। जब भी निबाहेंगी आप ही निभाएंगी और जीवन भर टार्चर होती रहेंगी। अब जब पति आप के साथ नहीं रहते आप को चाहिए कि सब से पहले आप अपनी माता को अपने साथ ला कर रखें। जिस से उन्हें भी साथ मिले और आप को साथ भी मिले और बालक के लिए उचित संरक्षण भी मिले।

प के पति का व्यवहार आप के प्रति क्रूरता पूर्ण है। आप इस आधार पर अपने पति के विरुद्ध न्यायिक पृथक्करण की डिक्री के लिए न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत करें और न्यायिक पृथक्करण की डिक्री प्राप्त करें। इस से आप के पति आप के जीवन में दखल नहीं कर सकेंगे। आप उक्त डिक्री पारित कराने के बाद एक वर्ष तक और प्रतीक्षा कर सकती हैं कि आप के पति सुधर जाएँ और उन के साथ जीवन यापन सुगम हो जाए। यदि ऐसा नहीं होता है तो आप विवाह विच्छेद के लिए आवेदन कर के विवाह विच्छेद की डिक्री प्राप्त करें और विवाह से मुक्त हो कर अपने जीवन के बारे में कोई निर्णय लें।

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