पत्नी पर चरित्रहीनता का आरोप लगाना अत्यन्त गंभीर है, इस से पति मुसीबत में फँस सकता है।
|समस्या-
हिमांशु ने दिल्ली से पूछा है-
मेरी शादी को 7 महीने हुए हैं। मेरी वाइफ का किसी और के साथ चक्कर है, मेरे पास उसके सबूत हैं, और परसों ही उसके घर वाले उसको यहां से लड़ाई कर के ले गए हैं। मैं टाइम से पहले सेक्शन 9 हिन्दू मैरिज एक्ट के द्वारा उसके खिलाफ शिकायत करना चाहता हूँ सर प्लीज मेरी हेल्प’ कीजिये मुझे सेक्शन 9 हिन्दू मैरिज एक्ट के बारे में गाइड कीजिये।
समाधान-
हिन्दू मैरिज एक्ट की धारा 9 में यह उपबंध किया गया है कि पति या पत्नी में से कोई भी बिना किसी उचित कारण के दूसरे के साथ रहने से इन्कार करता है तो पीड़ित पक्षकार न्यायालय में आवेदन कर के दाम्पत्य अधिकारों के प्रत्यास्थापन की डिक्री पारित करने की राहत की मांग कर सकता है।
इस मामले में पीड़ित व्यक्ति को आवेदन दे कर मात्र इतना साबित करना होता है कि उस के जीवन साथी ने बिना किसी उचित कारण से उस के साथ रहने से इन्कार कर दिया है और साथ नहीं रह रहा है। जब कि साथ रहने से इन्कार करने वाले साथी के पास इस आवेदन के बचाव में यह कथन है कि उस के पास अपने जीवन साथी का साथ छोड़ने और उस के साथ न रहने का उचित कारण है। लेकिन ऐसा उचित कारण साबित करने का दायित्व उस पक्षकार पर होता है जिस ने अपने साथी का साथ छोड़ा है।
आप के मामले में आप की पत्नी आप का साथ छोड़ कर गयी है तो आप धारा 9 हिन्दू विवाह अधिनियम की धारा 9 में न्यायालय के समक्ष अपना आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं। लेकिन पत्नी के बेवफा होने का कथन न करें। यदि आप ने ऐसा किया तो आप के द्वारा उस के चरित्र पर संदेह करना आप का साथ छोड़ने का मजबूत कारण बन जाएगा और धारा 9 के आवेदन में आप को कोई भी राहत प्राप्त नहीं हो सकेगी। आप को अपनी पत्नी से तलाक लेने के लिए विवाह के बाद उस का किसी अन्य व्यक्ति से यौन संबंध स्थापित करना साबित करना होगा। जो लगभग असंभव है और आप साबित नहीं कर सकेंगे। इस कारण से इस तरह की बात तभी कहें जब आप मजबूत साक्ष्य से पत्नी का दूसरे व्यक्ति के साथ विवाह के बाद यौन संबंध स्थापित करना साबित कर सकें।
सर
मेरी माँ और हम तीनों भाई को 20 साल पहले मर पिट कर घर से निकाल दिया था और मेरे पिता जी नसे के आदि हैं वो दादा और बुया के साथ रहते हैं मेरे दादा ने 02/05/2016 को बुया के नाम रजिस्टर वसीयत कर दी और दादा 15/07/2016 को मर गये किया हमे कोर्ट से हिस्सा मिल सकता हैं हम मुस्लिम हैं किया मुस्लिम लॉ को कोर्ट में माना जाता हैं सर प्लीज हेल्प में
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Lieber Herr Bayer, Sie haben Recht, ein Screen Shot ist möglich, bleibt aber eine “Krücke”. Trotzdem würde mich interessieren, warum die FR die Kopierfunktion aus der Textansicht eliminiert hat? Ich empfinde es als Rückschritt und als Schritt hin zu mehr Geschlossenheit. Der Text liegt digital vor und kann nicht digital genutzt werden.Gruß Th.Wahl
Graph paper is perfect. There's more control, but fewer boundaries than with lined paper… go figure.Looking at your blog always makes me want to bundle up in sweaters.You also seem to have the "basics with a twist" look down pretty well.One cool thing about your being a perfectionist & interested in fashion is that it seems to allow good design to permeate your life.I'd love to see more "lifestyle"-type posts. I think you don't have as much to worry about as you may think.