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पत्नी से विवाह विच्छेद (तलाक) का मुकदमा करने पर किन परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है?

समस्या-

अहमदाबाद, गुजरात से परेश पटेल ने पूछा है-

मेरी शादी मई-2003 मे हुई थी।  मेरी पत्नी मुझ से अलग मार्च-2004 से उसके मायके मे रह रही है।  .हमारे घर पर ग़लत आरोप लगा कर और मेरे परिवार को बदनाम करके चली गई है।  हम कई बार उसको लेने भी गये पर वह वापिस नही आई।  जनवरी-2012 को हमारे समाज के कुछ लोग बीच मे पड़ कर मेरी पत्नी को मेरे घर ले आए। वो रात को आई और दूसरे दिन सुबह वापस चली गई।  बोलती है कि तुम्हारे माता पिता से अलग रहो तो मे आपके साथ रहूंगी।  जब कि मैं अपने माता पिता से अलग रहना नहीं चाहता।  अब उन्हों ने गुजरात क़ानूनी सत्ता मंडल में अर्जी पेश की है वह मेरे घर आना चाहती हूँ।  पर अब उन लोगो पर मुझे विश्वास नहीं है।  तो क्या मैं कोर्ट मे तलाक़ की अर्जी प्रस्तुत कर सकता हूँ?  अगर कोर्ट में तलाक़ की आर्जी करूँ तो मूझे किन मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा?

समाधान-

प ने नहीं बताया कि मई-2003 में जब आप का विवाह हुआ तो आप की और आप की पत्नी की उम्र क्या थी? यह एक महत्वपूर्ण तथ्य है। दूसरा महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि कोई भी पत्नी यदि यह कहती है कि वह आप पति के माता-पिता के साथ नहीं रहना चाहती है तो उसे उस के कारण अवश्य बताना चाहिए। यदि आप की पत्नी ने इस का कारण बताया हो तो वह भी आप को अपने प्रश्न में लिखना चाहिए था। क्यों कि पति माता-पिता के साथ रहता हो तब भी पति के साथ रह रहे माता पिता के कारण पति के साथ न रहने का कोई वाजिब कारण होना जरूरी है। खैर¡

प की पत्नी 8 वर्ष तक मायके रह गई, इस बीच आप ने कानूनी कार्यवाही क्या की? यदि नहीं की है तो फिर आप इस मामले में उदासीन रहे हैं। पत्नी आप के पास जनवरी 2012 में एक रात रह कर गई है। इस कारण से पिछले आठ वर्ष तक अलगाव तो आप का समाप्त हो चुका है और उस का कोई कानूनी लाभ आप को नहीं मिलेगा। उसे तलाक का आधार नहीं बनाया जा सकता। हाँ आप दोनों के रिश्ते के अलगाव को प्रदर्शित करने के लिए यह तथ्य अवश्य महत्वपूर्ण है।  लेकिन जनवरी 2012 को भी एक वर्ष से अधिक समय गुजर चुका है। इस कारण से एक वर्ष से अधिक समय से आप से अलग रहना तलाक का आधार बनाया जा सकता है। इस तरह आप के पास तलाक की अर्जी प्रस्तुत करने के लिए कारण तो उपलब्ध है और चूंकि वह पहले भी 8 वर्ष आप से लगातार अलग रही है इस कारण आप का आधार मजबूत भी है। लेकिन आप कहते हैं कि पत्नी और उस के परिजनों पर आप का विश्वास नहीं रहा है। यह एक गंभीर बात है। हो सकता है पत्नी वास्तव में आप के साथ रहना चाहती हो और आप उस का विश्वास नहीं कर पा रहे हो। इस कारण से इस तथ्य को जान लेना निहायत जरूरी है। आप अपनी पत्नी से मिलें अकेले में उस से बात करें कि क्या कारण था कि वह 8 वर्ष तक अलग रही और फिर एक रात रह कर माता-पिता से अलग रहने की शर्त लगा कर वापस चली गई। यदि वह अपनी गलतियों को खुले मन से स्वीकार करे, और आप के साथ पुरानी सब बातों को भूल कर रहने को तैयार हो तो आप पत्नी पर एक बार और विश्वास कर सकते हैं। तलाक की अर्जी एक वर्ष बाद भी लगाई जा सकती है। मेरी राय में पत्नी को एक और अवसर देना उचित होगा।

लेकिन आप को फिर भी लगता है कि पत्नी किसी सोची समझी योजना के तहत आप के साथ आ कर रहने को कह रही है तो फिर तलाक लेने की बात सोचना भी गलत नहीं है। लेकिन तलाक की अर्जी लगाने का अर्थ है कि आप की पत्नी आप से भरण पोषण की मांग कर सकती है और न्यायालय तलाक होने तक आप को उस के भरण पोषण की राशि नियमित रूप से अदा करने का आदेश निश्चित रूप से पारित करेगा। यह भी हो सकता है कि वह अनर्गल आरोप लगा कर कहे कि आप ने उस के साथ दुर्व्यवहार किया और स्त्री-धन रख लिया, दहेज कम लाने के कारण आप के माता-पिता ताना मारते हैं और क्रूरतापूर्ण व्यवहार करते हैं। इस तरह वह आप के विरुद्ध धारा 498-ए व 406 आईपीसी का अपराधिक मुकदमा कर सकती है। वह घरेलू हिंसा कानून के अंतर्गत और धारा 125 दंड प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत भऱण पोषण के लिए आवेदन कर सकती है।  यदि आप इन सब को मुसीबत समझते हैं तो इन सब से आप का सामना हो सकता है।  इन सब मुसीबतों से बचते हुए आप तलाक ले सकते हैं लेकिन तभी जब कि आप पत्नी और उस के घर वालों से बात करें और सहमति से तलाक की अर्जी के लिए उन्हें राजी कर लें। जिस के लिए वे तभी तैयार होंगे जब आप पत्नी को उस का स्त्रीधन लौटाने और एक मुश्त भरण पोषण राशि देने को तैयार हों।

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