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परिजनों से संबंध विच्छेद की घोषणाओं का कोई कानूनी असर नहीं।

समस्या-

मेरे साथ गाँव मे कुछ विवाद हो गया था और मैंने पुलिस को शिकायत की मुझे सिपाही  फर्जी केस में फँसा देने की धमकी दे रहा है  और मुझे जाति सूचक गाली देता है कहता है कि दुबारा गाँव में दिखाई मत देना। आये दिन परेशान करता रहता है। क्या ऐसा कोई उपाय है जिससे उस पर कार्यवाही कर सकूँ? मैं अपने पिता व भाइयों व बहनों से सभी कानूनी, गैर कानूनी व सामाजिक सम्बन्ध समाप्त करना चाहता हूँ। मेरे द्वारा किये गये समस्त कृत्यों के लिए मैं स्वयं जिम्मेदार हूँ। मेरे परिवार के किसी सदस्य का इससे कोई लेना देना नहीं है और न कोई जिम्मेदार है। कृपया बताएँ कि मैं परिवार के समस्त लोगो से सम्बन्ध विच्छेद कैसे कर सकता हूँ?

-अवनीश कुमार, हरपालपुर, जनपद हरदोई, उत्तर प्रदेश

समाधान-

सा प्रतीत होता है कि आप के साथ कोई घटना हुई है जिस से आप बहुत डर गए हैं। हालांकि आप ने घटना का विवरण नहीं दिया है। खैर जो भी हुआ हो। सब से पहले तो आप अपने मन से हर तरह के डर को निकाल बाहर करें। क्यों कि डरना किसी समस्या का हल नहीं हो सकता। उस से समस्या बढ़ेगी, कम नहीं होगी।

आप यह चाहते हैं कि अपने परिवार वालों से संबंध विच्छेद कर दें और जो आपदा आप पर आने वाली है उस का प्रभाव परिवार पर न पड़े। तो ऐसा आप सोचते हैं, लेकिन यह संभव नहीं है। आप के परिवार के लोग जो आप को बहुत प्यार करते हैं क्या आप को मुसीबत में देख कर परेशान नहीं होंगे। किसी कानूनी कार्यवाही से उन की परेशानी समाप्त होना संभव नहीं है।

संबध विच्छेद करने और बेदखल करने का प्रश्न है तो आप के परिवार में आप के माता, पिता, भाई, बहिन व अन्य रक्त संबंधी हैं। इन का आप के साथ रिश्ता रक्त संबंध से बना है वह कानून द्वारा या किसी घोषणा से समाप्त होना संभव नहीं है। आप कितनी ही घोषणाएँ कर दें जो आप के माता, पिता, भाई, बहिन, चाचा, ताऊ वगैरा हैं उन के साथ रक्त संबंध तो बने ही रहेंगे वे किसी भी तरह से समाप्त नहीं हो सकते। आप तौर पर अखबारों में इस तरह की घोषणाएँ प्रकाशित होती रहती हैं कि हमने अपने पुत्र, पुत्री या माता पिता से संबंध विच्छेद कर लिया है। लेकिन इस तरह की घोषणाओं से किसी तरह का कोई कानूनी प्रभाव नहीं होता। यदि किसी तरह के कोई दायित्व आने होते हैं तो वे आते ही हैं उन से इस तरह की घोषणाओं के द्वारा नहीं बचा सकता।

जहाँ तक पुलिस द्वारा आप की रिपोर्ट दर्ज न करने और किसी सिपाही द्वारा आपको धमकाने का प्रश्न है तो आप इस संबंध में एस.एस.पी. को लिखित परिवाद रजिस्टर्ड ए.डी. डाक से भेज सकते हें। ऐसी शिकायत की प्रति, रजिस्ट्री की रसीद और ए.डी. लौट कर आए तो उसे सुरक्षित रखें और पुलिस द्वारा फिर भी कोई कार्यवाही आपकी रिपोर्ट पर न करने  आप न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत कर सकते हैं।