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पहली पत्नी से तलाक की डिक्री कोर्ट से पारित न हुई तो दूसरी पत्नी वैेध नहीं होगी तथा उसे पति की संपत्ति में उत्तराधिकार प्राप्त नहीं होगा।

समस्या-

संदीप कुमार ने ब्यावर, राजस्थान से समस्या भेजी है कि-

मेरे पिता की पहली पत्नी से 1979 में सीमाजिक रीति से तलाक हो चुका था, उस से एक पुत्र का जन्म हुआ था। दूसरी पत्नी से चार पुत्र तथा एक पुत्री का जन्म हुआ। जिनमें से दो अविवाहित पुत्रियों तथा एक विवाहिता पुत्री की मृत्यु हो गई। इसके बाद मेरे पिताजी का भी स्वर्गवास हो गया है। अब मेरे पिताजी की निर्वसीयती सम्पत्ती पर किस किस का अधिकार है। जबकि पहली पत्नी के पुत्र से पिताजी के जीवन काल में कोई वास्ता नहीं था। कृपया सुझाव दें।

समाधान-

दि आप की पिता की पहली पत्नी का तलाक सामाजिक रीति से हुआ था और न्यायालय ने विवाह विच्छेद की डिक्री पारित नहीं की थी तो आप के पिता का दूसरा विवाह अवैध है इस कारण दूसरी पत्नी को वैधानिक दर्जा नहीं मिलेगा। किन्तु सभी संतानों को बराबर उत्तराधिकार मिलेगा।

इस प्रकार यदि न्यायालय में यह कहा गया और साबित हुआ कि दूसरा विवाह वैध नहीं था तो पिताजी की संपत्ति में दूसरी पत्नी को कोई हिस्सा नहीं मिलेगा। जितने जीवित पुत्र पुत्री हैं उन सभी को एक एक हिस्सा मिलेगा तथा एक विवाहित पुत्री जिस की मृत्यु हो गयी है, यदि उस की संतानें और पति जीवित है तो उस का हिस्सा उन्हें प्राप्त होगा। आप ने जो विवरण दिया है उस में यह तथ्य सही अंकित है कि दूसरी पत्नी से चार पुत्र व एक पुत्री हुई है, तो फिर दो अविवाहित व एक विवाहित पुत्री की मृत्यु कहाँ से हो गयी है। आप अपने तथ्यों के हिसाब से इस राय को दुरुस्त कर सकते हैं।

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