पिता की स्वअर्जित संपत्ति में उन के जीवनकाल में किसी का अधिकार नहीं।
समस्या-
श्वेता ने जबलपुर, मध्यप्रदेश से समस्या भेजी है
मेरी बड़ी दीदी की शादी जबलपुर में हुई है उनको 25 साल हो गये। शादी के बाद से जीजाजी मज़दूरी करते हैं इसलिए ज़्यादा इनकम नहीं होती जिससे कि वो अपना स्वयं का घर बना सकें। लेकिन उनके फादर का बहुत बड़ा मकान है, उनकी 3 बेटियाँ हैं जिस में से एक बेटी ने शादी नहीं की हैं और वह जबलपुर हाईकोर्ट में एडवोकेट भी है। 4 बेटे हैं जिस में से किराए के मकान में रहते हैं। उनकी बेटी जो एडवोकेट है और 45 वर्ष की है ने उनको घर से निकालने के लिए उच्च न्यायालय में मुक़दमा कर दिया है की मेरी दीदी उनको गाली देती है, लड़ाई करती है इसलिए हम इनको अपनी प्रॉपर्टी से बेदखल करते हैं। इनसे हमारा कोई लेना देना नहीं है। मेरी दीदी हमेशा से ही अत्याचार सहते आई है, उसे कई बार मारा पीटा भी, लेकिन उसने कभी कोई एक्शन नहीं लिया। हमेशा इज़्ज़त को लेकर चलती थी जिसकी वजह से उन्हें आज ये सब देखना पड़ रहा है? क्या बेटे का अपने पिता की संपत्ति पर कोई हक नहीं होता? यदि पिता चाहे तो ही उसे हक मिलेगा और न चाहे तो नहीं? क्या फादर की इच्छा से ही प्रॉपर्टी का बटवारा हो सकता है।
समाधान-
आप की बहिन की समस्या का हल आप को संपत्ति के बंटवारे में नजर आता है। लेकिन यह संपत्ति तो आप के जीजाजी को तभी मिल सकती है जब कि वह संपत्ति सहदायिक हो और उस में आप के जीजाजी का हक हो। तीसरा खंबा पर आप सर्च करेंगी तो आप को यह मिल जाएगा कि संपत्ति सहदायिक कब हो सकती है। यदि यह संपत्ति 60-70 वर्ष पुरानी है और 17 जून 1956 के पूर्व आप के जीजाजी के पिता या उन के पिता या दादा जी को उन के पिता से उत्तराधिकार में मिली हो तो ही वह सहदायिक हो सकती है।
यदि आप के जीजाजी के परिवार की यह संपत्ति सहदायिक है तो उस में जन्म से आप के जीजाजी का अधिकार हो सकता है और आप के जीजाजी उस का बंटवारा करने तथा अपने हिस्से की संपत्ति पर कब्जा प्राप्त करने का दावा कर सकते हैं। इस के लिए आप के जीजाजी को दीवानी कानून के जानकार किसी अच्छे वकील से मिल कर अपनी समस्या बतानी चाहिए।
लेकिन यदि उक्त संपत्ति आप के जीजाजी के पिता की स्वअर्जित संप्तति हुई तो उस में आप के जीजाजी का कोई हक नहीं है और उन्हें उस संपत्ति से पिता के जीवनकाल में कुछ नहीं मिलेगा। यदि पिता उन की संपत्ति की कोई वसीयत कर गए और उस में आप के जीजाजी को कुछ नहीं दिया तो उन्हें कुछ नही मिलेगा। यदि पिता की मृत्यु के उपरान्त कोई संपत्ति निर्वसीयती शेष रही तो उस में से आप के जीजाजी को कोई हिस्सा मिल सकता है।