पिता जो दे रहे हैं उसे ले लें, शेष के लिए प्रयत्न करना व्यर्थ है।
|समस्या-
राजेश सिंह ने मुंबई से पूछा है-
मेरे पापा बिहार पुलिस में थे तब दो जगह पटना और कटिहार में ज़मीन लिए थे जो सोतेली माँ के नाम पर है। मेरी माँ नही है। मुझे दादी ने पाला है, पर सौतेली माँ के तंग करने पर मैं 16 साल पहले घर से भाग गया था। अब लौटा हूँ। मेरी शादी हो गई है, दो बच्चे हैं। हालत ठीक नहीं है। मुझे पापा के रिटायरमेंट के पैसे में भी माँ कुछ नहीं दे रही है। पापा 2012 में रिटायर हुए हैं। दो सौतेले 2 भाई इंजीनियर हैं। पापा भी कुछ नहीं बोलते, कहते हैं दादा की ज़मीन का 16 कट्टा में से 8 कट्टा ले कर चले जाओ। बच्चे को पढ़ा भी नहीं पा रहा हूँ, हालत खराब है। मुझे कुछ हुआ तो मेरे बच्चे का क्या होगा? समझ में नहीं आ रहा। मैं बीमार रहता हूँ। माँ पापा शहर में बनाए घर में रहते हैं। पापा के भाईयों में बटवारा नहीं हुआ इस लिए मैं कुछ नहीं कर पा रहा हूँ। मेरी गाँव में पहचान भी नहीं है। कुछ रास्ता बताएँ। सौतेली माँ के कारण मेरा बचपन और जवानी खत्म हो गई। बच्चों का भी लगता है जिन्दगी बरबाद हो जाएगी। मैं क्या करूँ?
समाधान-
किसी का भी जीवन बनाना उस के खुद के और परिस्थितियों के हाथ होता है। इस दुनिया में सभी पैतृक संपत्ति ले कर पैदा नहीं होते। जिन्हें पैतृक संपत्ति नहीं मिलती या जिन के माँ बाप बचपन में ही विदा ले लेते हैं वे भी अपना जीवन चला रहे हैं।
रिटायरमेंट पर जो भी राशियाँ किसी व्यक्ति को मिलती हैं वह खुद उस के भविष्य के लिए होती है, न कि उस के बच्चों के भविष्य के लिए उस राशि पर उस का खुद का अधिकार होता है। यदि आप के पिता इच्छा से या माँ के दबाव के कारण उस में से आप को कुछ नहीं देना चाहते तो आप को कुछ नहीं मिलने वाला है। उस पर निगाह बिलकुल न रखें।
आप के पिता ने जो भी जमीन खरीदी है वह आप की सौतेली माँ के नाम से खरीदी है उस पर आप की सौतेली माँ का पूरा अधिकार है उस में से आप के पिता चाहते हुए भी आप को कुछ नहीं दे सकते।
आप के पिता आप को पुश्तैनी जमीन 16 कट्टा में से आठ कट्टा दे रहे हैं उसे फौरन किसी भी तरह अपने नाम कराएँ, देरी न करें। देरी करने पर वह भी इधर उधर की जा सकती है। आप को अपने पिता से इस से अधिक कुछ भी कानून के माध्यम से नहीं मिल सकता इस कारण व्यर्थ कोशिश में समय और पैसा भी खराब न करें। बाकी जो कुछ करना है वह आप को और आप के बच्चों को करना है दूसरे की आस न रखें।
मेरे पिताजी की दो संताने हैं एक मैं और एक मेरी बहन मेरे पिताजी शराब का सेवन बहुत करते हैं जिसके कारण वह अपने पैतृक संपत्ति को बेच रहे हैं जो कि वह अपने दादा और परदादा से प्राप्त हुई थी मैंने कोर्ट में याचिका दायर की है जिसके कारण मेरी जमीन विक्रय ना हो कोर्ट में तारीख तारीख में मिल रही है अभी तक तो यह जमीन विक्रय नहीं हुई है और कोर्ट में तकरीबन 2 साल से Mukdma चला हुआ है मेरे पिताजी कहते हैं यह जमीन मेरी है मैं इसको ऐसे ही विक्रय करूंगा क्या मैं इस जमीन को विक्रय होने से रोक सकता हूं और यह जमीन मेरे पिताजी 2 एकड़ बेच चुकी है जिस को जमीन बेची गई थी उस पर भी केस चलाया हुआ है क्योंकि यह जमीन बिना मेरे पूछे भेजी गई थी क्या मैं अपनी जमीन बिकवाने से रोक सकता हूं क्या कोई ऐसा कानून है जिससे मैं इस जमीन पर स्टे ले सकता हूं जिसे यह जमीन विक्रय ना हो सके धन्यवाद कृपया मार्गदर्शन करें
Kaanooni salaah aur jeevan mein self reliance ki seekh ek dum sahi
सही और नेक सलाह