पिता से पुत्र और चाचा से भतीजे के नाम हस्तान्तरण पर स्टाम्प शुल्क देय होगी।
|मुकेश वर्मा ने रायपुर, छत्तीसगढ़ से समस्या भेजी है कि-
मेरे पिता जी और चाचा जी का आपसी बंटवारा हो चुका है। चूंकि हमारी सम्पत्ति दो गांवों (कठिया एवं डिघारी) में है एवं बंटवारे में पिता जी एवं चाचा को दोनों गावों से बराबर-बराबर (कठिया में 11-11 एवं डिघारी में 10-10 एकड़) हिस्सा प्राप्त है। खाता विभाजन होने के पश्चात् दोनों अपने अपने हिस्से पर कृषि कार्य कर रहे है। मेरे पिता जी और चाचा जी आपसी सहमति से हिस्से में प्राप्त सम्पत्ति का अदला-बदली करना चाहते हैं। अर्थात मेरे पिता जी डिघारी में प्राप्त 10 एकड़ जमीन चाचा जी के नाम कर ग्राम कठिया की 10 एकड़ जमीन लेना चाह रहे है। खेती-बाड़ी का कार्य अब अपने हाथ में लेना चाहता हूं, और चाचा जी से बदले में प्राप्त 10 एकड़ जमीन को पिता जी के नाम पर न करके सीधे अपने नाम पर करवाना चाहता हूं तथा जो जमीन ग्राम कठिया में मेरे पिता जी के नाम पर है उसे अपने बड़े भाई के नाम पर करवाना चाहता हूं। चूंकि दोनों गांव का पटवारी अलग अलग है एवं अभी तक मैं ने पटवारी से मुलाकात कर कोई सलाह-मशविरा नहीं किया है। अदला-बदली एवं नामांतरण की प्रक्रिया क्या है? इसके किस-किस प्रकार की चार्जेस लगते है? क्या चाचा जी के हिस्से की जमीन को अपने नाम पर करवाने पर मुझे अलग से रजिस्ट्री करवाना पड़ेगा? ऐसी कोई प्रक्रिया बताये जिससे कम खर्च में (या बिना कोई खर्च के) चाचा जी की जमीन अपने नाम पर करवा सकूं। इस पर मेरे पिता जी, मेरे बड़े भाई एवं चाचा जी पूरी तरह से सहमत है।
समाधान-
कृषि भूमि से संबंधित कानून,नियम व प्रक्रिया प्रत्येक राज्य के लिए भिन्न भिन्न है। इस कारण इस मामले में आप को स्थानीय वकील से मशविरा करना चाहिए।
हम आप को सिर्फ इतनी राय दे सकते हैं कि विभाजन के बाद पिताजी और चाचाजी आपस में भूमि की अदला बदली करना चाहते हैं तो वे इस के लिए एक्सचेंज डीड निष्पादित कर सकते हैं। जिस में स्टाम्प ड्यूटी कम लगेगी। लेकिन यदि आप के चाचाजी और पिताजी की जमीन आप अपने और बड़े भाई के नाम कराना चाहते हैं तो यह गिफ्ट या विक्रय होगा और इस पर पूरी स्टाम्प ड्यूटी देनी पड़ेगी।
बेहतर होगा कि पहले एक्सचेंज डीड निष्पादित करवा ली जाए। जमीन पिताजी के नाम आ जाए। फिर आप अपने पिता जी से वसीयत करवा लें जिस से जमीन उन के जीतेजी उन के नाम रहे और उन के जीवनकाल के उपरान्त वसीयत के हिसाब से दोनों भाइयों को उन के हिस्से की भूमि मिल जाए।
कोई व्यक्ति स्वअर्जित संपत्ति तथा पु्श्तैनी संपत्ति में अपने हिस्से की वसीयत सकता है, संपूर्ण पुश्तैनी संपत्ति की नहीं। 1. पुश्तैनी संपत्ति किसे कहते हैं
2. स्वअर्जित संपत्ति तथा पु्श्तैनी संपत्ति में क्या अंतर हैं
3. पुश्तैनी संपत्ति में पौत्र का हिस्से हैं
कयआ आपसे मै कोई सवाल पूछ सकता हु
Yah questions puchhne ka madhyam nhi hai, yahan comments ki jati hain, aap uchit madhyam se questions puchh sakte hain, Guru ji aapke questions ka answer dene ka bharsak pryas krenge