प्रस्ताव (proposal) का संचार (communication), स्वीकृति (acceptance) और निरसन (revocation)
|भुवनेश जी पहली ही बार में कक्षा के विद्यार्थी हो गए। वे कहते हैं कि बातों को उदाहरण सहित समझाया जाए तो उत्तम होगा। उन्हों ने विशेष रूप से कंसीडरेशन का उल्लेख किया। वास्तव में कंसीडरेशन पर जितनी बात पिछले आलेख में पढ़ी गई वह त्रुटिपूर्ण और अधूरी थी, इसी कारण उन का यह आग्रह आया जो उस त्रुटि को सही करने के लिए भी आवश्यक था। आगे के आलेखों में बातें उदाहरण सहित ही रखी जाएँगी। पिछले आलेख में वर्णित शब्दों का बार-बार उल्लेख होने वाला है, तब बातें ठीक से समझ में आने लगेंगी।
फिलहाल अपनी त्रुटि जिसे मैं खुद नहीं समझ पा रहा हूँ कि यह कैसे और क्यों कर हुई? पाठकों से, विशेष रुप से विश्वनाथ जी और अन्य वे सभी पाठक जिन्हों ने इसे अपने कम्प्यूटर पर संग्रह किया है, क्षमा चाहते हुए सही कर रहा हूँ। सभी पाठकों से अनुरोध है कि उसे ठीक कर लें। । पिछले आलेख में पाठसही कर दिया है। सही पाठ निम्न प्रकार है-
“जब प्रस्तावक (प्रोमिसर) की इच्छा पर प्रस्तावगृहिता (प्रोमिसी) या कोई अन्य व्यक्ति कुछ कर देता है या करने से रुक जाता है, अथवा कुछ करता है या करने से रुकता है, अथवा कुछ करने या न करने का वादा करता है, तो इसे वादे (प्रोमिस) का प्रतिफल (कन्सीडरेशन) कहा जाता है”
आज हम प्रस्ताव (proposal) के संचार (communication), स्वीकृति (acceptance) और निरसन (revocation) पर बात करेंगे।
किसी भी अनुबंध या कंट्रेक्ट पर पहुँचने के लिए सब से पहले प्रस्ताव का अन्य पक्षों तक संचरित होना आवश्यक है, और उस के बाद उस की स्वीकृति का भी। यदि किसी प्रस्ताव .या स्वीकृति को निरस्त किया जाता है तो उस के निरसन का भी संचार आवश्यक है। इस के सम्बन्ध में कानून यह है कि किसी प्रस्ताव, प्रस्ताव की स्वीकृति या उन के निरसन को प्रस्ताव, स्वीकृति या निरसन करने वाले पक्ष के किसी भी उस कृत्य(Act) या अकृत्य (Omission) को प्रस्ताव, स्वीकृति या निरसन या जिस का भी वह संचार करना चाहता है, का संचार माना जाएगा जिस कृत्य(Act) या अकृत्य (Omission) के द्वारा वह संचार करना चाहता है।
उदाहरण के रूप में आप अपने वाहन का बीमा कराना चाहते हैं और एक प्रस्ताव-प्रपत्र हस्ताक्षर कर उस के साथ बीमा के प्रीमियम की राशि का एक चैक नत्थी कर बीमा कंपनी के किसी भी अभिकर्ता को दे आते हैं। बीमा कंपनी उस चैक को बैंक में प्रस्तुत कर उस की राशि को प्राप्त कर लेती है तो चैक को भुगतान हेतु बैंक में प्रस्तुत करना ही प्रस्ताव की स्वीकृति का संचार कहा जाएगा और जिस क्षण चैक भुगतान हेतु बैंक में प्रस्तुत किया गया है उसी क्षण प्रस्ताव स्वीकृत होना मान लिया जाएगा। यहाँ हस्ताक्षरित प्रस्ताव-प्रपत्र चैक के साथ प्रस्तुत करना ही प्रस्ताव का संचार है। लेकिन चैक का आप के बैंक में भुगतान हेतु पहुँचने के पूर्व ही आप अपने चैक का भुगतान न करने का निर्देश अपने बैंकर को देते हुए प्रस्ताव का निरसन कर देते हैं और बैंकर उस का भुगतान नहीं करता है तो आप के द्वारा अपने प्रस्ताव का निरसन किए जाने का संचार होना मान लिया जाएगा। (धारा-3)
अगले आलेख में हम प्रस्तावों के निरसन (revocation) पर बात को आगे बढ़ाएंगे।
badi achchi class chal rahi hai aapki…mujhe hamesha se law ki shabdawali kathin lagti rahi hai…aapne aasan bhasha mein samjhaya.
देरी से टिप्पणी कर पाया इसके लिए माफी चाहता हूं..
कम्युनिकेशन के बारे में उदाहरण पढ़कर अच्छा लगा..अगली क्लास का इंतजार है
please see my new blog RANGPARSAI
द्विवेदी जी आप से सहमत हूँ की हिन्दी में होना चाहिए… अंग्रेजी तो पढ़ना पड़ता है… पर कई बातें हिन्दी में देख कर बहुत अच्छा लगता है… आज का आखिरी पैराग्राफ तो पुरा समझ में आया.
और जब तक समीरजी की तरह के पाठक है लिखने का हौसला तो मिलता ही रहेगा.
बहुत अच्छा प्रस्ताव, इसको हिंदी में प्रस्तुत करने का !
मेरी समझ से तो बाहर है, फिर भी बहुत बढ़िया !
@ Udan Tashtari
आप ने वह सब अंग्रेजी में याद किया था, और हम ने भी। इधर इस विश्व जन-जाल (जंजाल) पर भी तो हिन्दी में यह सब होना चाहिए ना?
हम तो घोंट कर रखते थे अपने जमाने में सेकश्न २५ ऑफ कान्ट्रेक्ट एक्ट आदि आदि …Agreement without consideration is not valid.
या
सेक्शन १० में:
All agreements are contracts if they are made by the free consent of parties competent to contract, for a lawful consideration and with a lawful object, and are not hereby expressly declared to be void.
शायद अब तो ठीक ठीक याद भी नहीं.
आप फिर से वही सब पढ़ाये दे रहे हैं. CA की पढ़ाई के दौरान यह सब पढ़ा था. फिर से रिवाईज हो रहा है. 🙂 मजा आ रहा है..इतने पुराने सलों की पढ़ाई याद करके. जारी रखिये..
रिवोकेशन बैंक से पैसा रिलीज करने न करने से तय हो गया, यह समझ आता है। आगे के पाठ की प्रतीक्षा है।