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मिथ्या साक्ष्य देना अपराध है।

courtroomसमस्या-
शैलेन्द्र गौड़ ने भोपाल, मध्यप्रदेश से पूछा है-

क्या कोर्ट में झूटी गवाही के लिए कोई सजा है? इसकी शिकायत करने की क्या समय सीमा है?  कोई नौकरी में न होने के कारण अगर देर से शिकायत करे तो क्या सुनवाई होगी?

समाधान-

न्यायालय में अथवा जहाँ भी शपथ पर बयान देना कानून के द्वारा आवश्यक हो वहाँ मिथ्या साक्ष्य प्रस्तुत करना दंडनीय अपराध है। भारतीय दंड संहिता की धारा 191 से 200 इसी के बारे में हैं। शिकायत करने की सीमा इस बात पर निर्भर करती है कि किस मामले में झूठी गवाही दी गई है। यदि किसी को सजा दिलाने के लिए मिथ्या साक्ष्य दी गई है तो वैसे गंभीर मामलों में कोई समय सीमा नहीं है। लेकिन अधिकांश मामलों में तीन वर्ष की समय सीमा है जो कि अपराध के किए जाने से या उस का संज्ञान होने की तिथि से आरंभ होती है।

मय सीमा को कम करने के लिए नौकरी में न होना कोई उचित कारण नहीं है। उचित कारण केवल यही हो सकता है कि आप को अपराध होने की जानकारी होने पर आप ने शिकायत प्रस्तुत कर दी थी।

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