बच्चों की अभिरक्षा केवल उसी को जो उन का ठीक से लालन पालन कर सके
|समस्या-
कुचामन सिटी, राजस्थान से नटवर लाल ने पूछा है –
कुल 6 पेशी हो चुकी हैं, तामील होने के बाद मेरी पत्नि कभी भी उपस्थित नहीं हुयी, कुछ समय पहले मेरा केस दूसरी जगह स्थानांतरित कर दिया गया, वहां भी वह अनुपस्थित रही। अपनी बदचलनी के चलते उसने हमेशा मुझे बदनाम किया, मेरे लिए तलाक के अलावा कोई रास्ता नहीं रह गया था। उस ने सारी मर्यादायें तोड़ दी, मैं चाहता था कि यह मसला सामाजिक स्तर पर हो, लेकिन उसका कोई रास्ता नहीं था। क्यों कि मेरे परिवार के लोग भी उसके साथ हैं। मैं पिछले 4-5 साल से घर और पत्नी से अलग ही रह रहा हूँ। मेरे दो बच्चे हैं, एक लड़का और एक लड़की जो 8 साल की है। मेरे बच्चे कभी मुझसे मिलने आ जाते हैं। वकील का कहना है कि बदचलनी साबित नहीं की जा सकती, लेकिन क्रूर व्यवहार और चार पांच सालों से अलग-अलग रहना तलाक का आधार हो सकते हैं, और तलाक मिल जायेगा। अभी जहाँ केस स्थानान्तरित हुआ है। वहाँ मैंने कोई वकील नहीं किया है। मेरी पत्नी नहीं चाहती कि तलाक हो। वह कोर्ट में उपस्थित भी होगी तो तलाक नहीं चाहेगी। इस औरत के साथ पुन: घर बसाने की कोई स्थिति नहीं रही। लेकिन बच्चों की जिंदगी ख़राब ही होगी। मैं बच्चों की कस्टडी भी चाहता हूँ और इस औरत से छुटकारा भी चाहिए? कानून कितना वक्त लेगा?
समाधान-
सब कुछ दुनिया में वह तो नहीं होता जो हम चाहते हैं। शादी में सदैव दो प्राणी एक बन्धन में बन्धते हैं। वह एक दूसरे की इच्छाओं के सम्मान और सहयोग से चलती है। आप के और आप की पत्नी के बीच क्या विवाद है यह तो इस प्रश्न और उस में दिए गए विवरण से पता नहीं लगता। वैसे भी प्रश्नकर्ता सदैव अपना ही बयान लिखता है। दूसरे पक्ष का उस पर क्या कथन है यह हमारे सामने नहीं होता। इस कारण निश्चयात्मक रूप से कुछ भी नहीं कहा जा सकता। जब आप यह साबित नहीं कर सकते कि आप की पत्नी बदचलन है तो फिर आप को यह बात कहनी भी नहीं चाहिए। कहेंगे तो उस का कोई वजन नहीं है।
आप को पूरा भरोसा है कि आप की पत्नी विवाह विच्छेद के आप के आवेदन का विरोध करेगी। यह तो हर मामले में होता है। तभी तो न्यायालय की जरूरत पड़ती है अन्यथा तो पति विवाह विच्छेद का आवेदन प्रस्तुत करे, पत्नी उसे स्वीकार कर ले तो न्यायालय तुरन्त डिक्री पारित कर देगा। केवल यह देखेगा कि किसी खास उद्देश्य के लिए तो यह आवेदन दोनों पक्षों की मिलीभगत से तो नहीं प्रस्तुत हुआ है और यह डिक्री किसी षड़यंत्र के अंतर्गत प्राप्त तो नहीं की जा रही है।
आप की पत्नी तामील के बावजूद उपस्थित नहीं हो रही है तो आप न्यायालय को कहें कि वह मामले को एकतरफा कार्यवाही कर के निर्णीत करे। इस तरह आप को केवल अपनी और से अपने आवेदन के तथ्यों को साबित करने के लिए साक्ष्य प्रस्तुत करनी होगी और आप को अधिक से अधिक छह माह में डिक्री प्राप्त हो सकती है। यदि आप की पत्नी उपस्थित हो कर प्रतिवाद करती है तो समय तीन-चार वर्ष भी लग सकता है।
जहाँ तक बच्चों की अभिरक्षा का प्रश्न है तो बच्चों की अभिरक्षा इस आधार पर प्राप्त हो सकती है कि बच्चों का लालन-पालन कहाँ अच्छी तरह हो सकता है। क्यों कि बच्चों की अभिरक्षा न्यायालय उसी पक्षकार को देगा जो उन का लालन-पालन ठीक से कर सकता हो। आप को बच्चों की अभिरक्षा प्राप्त करने के आवेदन को अपने पक्ष में निर्णीत कराने के लिए साबित करना होगा कि केवल आप ही बच्चों का अच्छी तरह से लालन पालन कर सकने में समर्थ हैं आप की पत्नी नहीं। आप ने विवाह विच्छेद के लिए आवेदन प्रस्तुत कर दिया है तो आप बच्चों की अभिरक्षा के लिए भी प्रस्तुत कर ही दीजिए।
बच्चों की अभिरक्षा केवल उसी को जो उन का ठीक से लालन पालन कर सके