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बाल विवाह को अकृत करवाने और आपसी समझौते का प्रयास करें।

Counsellingसमस्या-

आर्यन ने छावनी, उत्तर प्रदेश बस्ती से उत्तर प्रदेश राज्य की समस्या भेजी है कि-

मेरी शादी 7.6.2011 हिन्दू रितिरिवाज से सम्पन्न हुई थी मेरी पत्नी मेरी साथ विदा हो कर आई। लगभग। एक साल मेरी साथ थी इस बीच मुझे। पता चला कि मेरी पत्नी का एक लडके से सम्बन्ध है। हमने अपनी पत्नी से पूछा तो बोली हमारा सम्बन्ध शादी से पहले से है और मेरे मायके वाले जानते हैं। फिर हम ने अपने ससुर को बुलाया और पूछा कि क्या ये सब सही है तो उन्हो ने कहा कि शादी के पहले था पर अब नहीं है। फिर मैंने फोन पर रिकार्डिगं सुनाया जो 5.9.12 का था। तब मेरे ससुरजी ने मेरी पत्नी कोसमझाया कि अब ये सब गलत कर रही हो। फिर मेरे ससुरजी चले गये। 29.9.12 को मेरे ससुरजी पत्नी के मामा आये, मैं घर पर नहीं था और मेरी पत्नी को विदा करा के ले गये। फिर मेरे पिता जी 10.12.12 को विदा करवाने गये। मेरे ससुरजी ने कहा कि खिचड़ी के बाद आर्यन को भेज देना, वही आ कर ले जाएगा। मेरे पिता जी चले आये और मुझे कहे कि खिचड़ी के दूसरे दिन चले जाना। मैं 17.1.13 को अपनी पत्नी को लेने गया। जिस पर मेरे ससुरजी सास ने कहा कि अपना हिस्सा बाँट लो फिर मैं तुम्हारे साथ भेजूंगा। तब मैंने कहा कि मेरी पत्नी से बात कराओ। पर मुझे मेरी पत्नी से मिलने नहीं दे रहे हैं और कहा कि जो करना होगा कर लेना। इस बीच बहुत कहा सुनी हुई। मेरी पत्नी और ससुरजी अपने जिले पर 23.1.13 को तलाक का वाद दाखिल कर दिया जिस में आरोप लगाया कि मेरे पति मुझे मारते पीटते हैं और तान्त्रिक का काम कराते हैं और मेरे साथ तान्त्रिक साधना के समय स्त्री गमन प्रातिबन्धित है। मेरे साथ शारीरिक सम्बन्ध नहीं हुआ है और मेरा बालविवाह हुआ था और मैं इस समय नाबालिग हूँ। मेरी जन्मतिथी 1.7.1996 है। फिर मैं अपने जिले पर विदाई का दावा 27.2.13 को किया और 1.3.13 को 406/504 का मुकदमा किया। जिस में मेरी पत्नी मेरे ससुरजी व मामा को 15.11.13 को तलब करने का आदेश हुआ। फिर मेरे ससुराल वाले अपनी जमानत 15.9.14 को कराये। इसके बाद मेरे ससुरजी ने 10.10.14 को दहेज उत्पीड़न का और घरेलू हिंसा का वाद दाखिल कराये। अब मैं यह जानना चाहचा हूँ कि क्या हमारे रिश्तेदार को भी जेल जाना पडेगा। इस के बाद मुझे क्या करना चाहिये?

समाधान-

प की जन्मतिथि 01.07.1996 है। इस हिसाब से विवाह के दिन 06.07.2011 को आप की उम्र केवल 15 वर्ष कुछ दिन थी और आप अवयस्क थे। विवाह निश्चित रूप से बाल विवाह था। आप दिनांक 01.07.2014 को 18 वर्ष के हुए हैं, बालिग हो गए हैं लेकिन विवाह की उम्र आप की अभी भी नहीं हुई है। आप 01.07.2017 को 21 वर्ष के होंगे। आप की पत्नी को हक है कि उक्त विवाह को वह अकृत घोषित करवा दे। आप भी अपने विवाह को अकृत घोषित करने का आवेदन दे सकते हैं। चूंकि यह बाल विवाह का मामला है इस कारण आप के परिवार वालों और रिश्तेदारों को पुलिस अभियुक्त बना सकती है। यदि पुलिस ने आप के परिवार वालों और रिश्तेदारों को अभियुक्त बनाया तो उन की गिरफ्तारी हो सकती है लेकिन जमानत हो जाएगी।

स विवाद का हल आप दोनों के विवाह विच्छेद से ही संभव है। आप को स्वयं पत्नी के परिवार वालों के समक्ष विवाह को अकृत घोषित करवा कर विवाद को समाप्त करने का प्रस्ताव रखते हुए समझौते की तरफ बढ़ना चाहिए।

जो मुकदमे चल रहे हैं उन्हें न्यायालय से निवेदन कर के लोक अदालत में रखवा लें और समझौते का प्रयास करें यही बेहतर होगा। वर्ना इस लड़ाई में बरसों निकल जाएंगे। दोनों पक्षों का बहुत धन और समय व्यर्थ होगा और सब से बड़ी बात ये कि आप के जीवन के वे महत्वपूर्ण साल जो आप का कैरियर बनाने और अच्छे दाम्पत्य के लिए होने चाहिए बेकार चले जाएंगे। आप ने मुकदमे किए हैं तो वकील की सहायता आप को प्राप्त है। आप उन से सलाह ले कर आगे बढ़ सकते हैं।

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