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बिना कानून सम्मत आधार के तलाक संभव नहीं।

rp_rapevictim.jpgसमस्या-

विजेन्द्र कुमार ने दादरी, नोएडा उत्तर प्रदेश से समस्या भेजी है कि-

मेरी शादी 20.05.2015 को हुई, जिस में धोखाधड़ी हुई। अब मेरी इच्छा तलाक लेने की है। तलाक के लिए क्या करना होगा? मेरी पत्नी के पाँच साल से दोनों निप्पलों में गांठें हैं जिन का इलाज चल रहा है। इस के बारे में मुझे तथा मेरे परिवार को नहीं बताया गया। शादी सात माह पहले तय हुई थी। इस धोखाधड़ी से मेरी भावनाओँ को ठेस पहुँची और मुझे मानसिक रूप से आघात पहुँचा है। नरननमेरी प्राइवेट नौकरी है मैं उस का ट्रीटमेंट कराने में असमर्थ रहूंगा। मुझे उस से नफरत हो चुकी है। मेरी आत्मा उस के पास जाने को कभी नहीं कहती है। मेरी भाभी की माँ और ताई को यह बीमारी थी, दोनों की इसी बीमारी से मृत्यु हो गईं। मेरी बुआ की मृत्यु भी इन्हीं गांठों के कारण हो गयी थी।

समाधान-

स बीमारी का पता तो विवाह के पहले तभी लग सकता है जब कि लड़की खुद ही अपने होने वाले पति को बता दे। पर यह तभी संभव हो सकता है जब लड़की खुद उस लड़के से प्रेम करती हो, और उस के जीवन को अपने जीवन के संकट से बोझिल न बनाना चाहती हो। हमारे समाज में प्रेम करना अपराध माना जाता है। किसी पुरुष ने कर लिया तो कोई बात नहीं, किसी स्त्री ने कर लिया तो पहाड़ टूट पड़ता है और यदि उसे शादी में बदलने की ठान ली तो सारा समाज उस के विरुद्ध खड़ा हो जाता है। लेकिन इन्हीं कारणों से समाज सड़ रहा है। विवाह के पहले कम से कम साल भर तक लड़के लड़की का आपस में लगातार मिलना जरूरी होना चाहिए जिस से वे एक दूसरे को ठीक से जान समझ सकें और निर्णय ले सकें। इसे यूरोप में कोर्टशिप कहते हैं। लेकिन भारतीय समाज इसे सामाजिक अपराध मानता है। पर यही इस सामाजिक बीमारी का इलाज भी है। आप का विवाह से पूर्व पत्नी से प्रेम होता और इस बीमारी के बारे में पता हो कर भी आप विवाह करते तो शायद आप को इतना दुख नहीं होता। आप की और आप की पत्नी के परिवार व रिश्तेदारों की असली समस्या यह बीमारी नहीं बल्कि गरीबी है जिस ने आप लोगों को इस तरह की बीमारी का इलाज कराने में असमर्थ बनाया हुआ है। यह बीमारी भी संभवतः उस इलाके में पीने के पानी की अशुद्धता के कारण होती है।

प का विवाह अभी मई 2015 में हुआ है, विवाह के उपरान्त एक वर्ष तक तलाक /विवाह विच्छेद के लिए आवेदन प्रस्तुत नहीं किया जा सकता। दूसरा यह बीमारी ऐसी नहीं है जिस के कारण विवाह विच्छेद की डिक्री मंजूर की जा सके। केवल किसी ऐसे कारण से विवाह विच्छेद की डिक्री प्राप्त हो सकती है जो हिन्दू विवाह कानून में विवाह विच्छेद के आधार के रूप में वर्णित हो। या फिर आपसी सहमति से विवाह विच्छेद हो सकता है।

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