बिना रसीद के किराया भुगतान न करें, वह बकाया माना जाएगा।
|अनूप मिश्र ने रीवा मध्य प्रदेश से समस्या भेजी है कि-
एक साल पहले मैंने एक दुकान किराये में ली थी, जिसका किराया 2500 रुपये महीने और एडवांस 20000 रुपये तय हुआ था और दुकान खाली करने पर एडवांस 20000 रुपये दुकानमालिक को वापस करना था। लेकिन दुकान खाली करने के बाद भी 20000 रुपये दुकान मालिक नहीं दे रहा है और किराये की रसीद भी नहीं दी है। मैं क्या करूँ?
समाधान–
बिना रसीद प्राप्त किए कभी भी किराया अदा नहीं करना चाहिए या फिर चैक से या बैंक खाते में हस्तान्तरण के माध्यम से ही किराया अदा करना चाहिए। क्यों कि किराए का नियम है कि यदि किराएदार के पास किराया अदा करने की रसीद नहीं है तो किराया भुगतान किया हुआ नहीं माना जाएगा।
अब यदि आप 12 माह किराएदार रहे हैं तो 30000 रुपया तो किराया बाकी माना जाएगा। यदि आप के पास 20000 रुपए एडवांस की रसीद भी हो तो भी 10000 रुपया आप की तरफ ही बकाया माना जाएगा।
फिर भी यदि आप के पास किराया अदा करने का कोई मौखिक गवाह हो या आप के द्वारा व्यापारिक रूप से रोजमर्रा रखे जाने वाले खाते बही में किराया अदा करना अंकित हो तो आप इस 20000 रुपए जो कि मकान मालिक के पास अमानत था अदा नहीं करने के लिए धारा 406 आईपीसी में अमानत में खयानत के अपराद पुलिस में रिपोर्ट करवा सकते हैं। पुलिस कोई कार्यवाही न करे तो मजिस्ट्रेट के न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत कर उसे धारा 156 (3) में पुलिस को अन्वेषण के लिए भेजे जाने की प्रार्थना मजिस्ट्रेट से कर सकते हैं।