बेटी की कस्टड़ी माँ के पास ही रहेगी।
|समस्या-
भाग्यश्री ने फरीदाबाद, हरियाणा से पूछा है-
शादी को 3 साल हो गये। दो साल की बेटी है। मरे पति पैसे के लिए मुझ से झगड़ा करते हैं। कई बार मारा भी। मैने इस की सूचना महिला थाने को दी। वो कई बार सुलह करा के जाते हैं। पर फिर वही बर्ताव। मुझे भूखा रखा जाता है सब के सामने हर बात मान लेते हैं जिस से मैं ही गलत लगती हूँ। अब मैं ने मुकदमे के लिए पत्र दिया है तो मुझे क्या करना होगा। क्या बच्ची मुझे मिल जाएगी। मेरे कितने पैसे खर्च होंगे इस में?
समाधान-
आप की समस्या से स्पष्ट नहीं हुआ कि आप चाहती क्या हैं? यह तो सही है कि आप उस व्यक्ति के साथ जीवन निर्वाह नहीं कर सकतीं। पति से अलग रहने का आप के पास वाजिब कारण है। इस कारण आप अलग रह सकती हैं। अपने लिए भरण पोषण प्राप्त कर सकती हैं। बच्चों की कस्टड़ी का आधार बच्चों का हित है। बेटी की उम्र दो वर्ष की है, उस का हित आप के साथ रहने पर है और उसे आप से अलग नहीं किया जा सकता। कोई भी अदालत उसे आप से अलग नहीं होने देगी। बेटी आप के साथ रहेगी तो आप उस के लिए भी भरण पोषण मांग सकती हैं और आप को यह सब मिलेगा।
आप तुरन्त अन्तरिम रूप से राहत मांग सकती हैं न्यायालय आप को दे सकता है। मुकदमों का खर्च स्थान भेद से भिन्न भिन्न होता है। फरीदाबाद दिल्ली से लगा हुआ है इस कारण उस पर महानगर का असर है इस कारण खर्च तो जो होगा वह होगा। वकील की फीस ही सब से अधिक होगी. वह आप को तय करनी पड़ेगी। लेकिन जैसे ही आप को अन्तरिम राहत प्राप्त होगी आप के लिए वकील की फीस देना उतना कठिन नहीं रहेगा। आप चाहें तो वकील को कह सकती हैं कि आप आरंभ में नोमिनल खर्चे की रकम दे पाएंगी।लेकिन जैसे ही भरण पोषण की राशि मिलने लगेगी नियमित किस्तों में फीस भी दे देंगी। वकील इस प्रस्ताव को स्वीकार कर सकता है।
अन्त में आप को हमारी सलाह है कि आप को अपने पैरों पर खड़ा होना चाहिए। भरण पोषण के सहारे जीवन व्यतीत नहीं होता और व्यक्तित्व नष्ट हो जाता है। आप इतना आत्मनिर्भरता प्राप्त कर लें कि खुद ठीक से जी सकें और बेटी की परवरिश कर सकें। यदि आप ऐसा सोचती हैं तो आप अपने पति से तलाक ले कर अलग भी हो सकती हैं। आप चाहें तो किसी नए जीवन साथी के साथ अपना जीवन भी आरंभ कर सकती हैं।
आपको दोनों का सहारा लेना होगा अधिवक्ता और पुलिस का , यदि पुलिस कुछ नही करती तो अधिवक्ता से मिलो , आपकी शिकायत जरूर दर्ज हो सकती गई , मुकदमा बनता है
आपको बच्चे की कस्टुडी भी मिलेगी , बस आप पहले आत्मनिर्भर हो जाये
mene mba kiya hai finance se aur me khud apni life chala sakti hu aur beti ki bhi. m apne pati k sath ab nahi rehna chahti hu m talak lena chahti hu jab mukadme ke liye najdiki thane me chithhi aai to wanha k sho sahab me baat ki but wanha bhi mere pati ne wahi drama kiya aur m unke samne kuch spasht nahi keh paai to aur mene fir ki mang ki to police walo ko bhi ab yahi lag raha hai ki sari galti meri hai m hi apni shadi nahi chalana chahti.kai baar gharwalo ki baat man ke me chali gai but ab mene police ki baat manne se mna kar diya m vanha nahi jana chahti aur sab keh rahe hai ki mukadma nahi banta aur darj ho bhi gya to mere pas koi proof nahi un logo k agaist aap btaiye kya agar mere sur fta ho ya meri lash samne ho to proof hai bina proof m apni life nahi ji sakti kya mujhe advocate ka sahara lena hoga ya police se fir karwau please help me.