मकान पर कब्जे के आधार पर घोषणा व आदेशात्मक निषेधाज्ञा का वाद प्रस्तुत करें।
समस्या-
महेन्द्र सिंह जाट ने नरसिंहपुर मध्यप्रदेश से पूछा है-
मेरे पास जो मकान है उसका नगर पालिका मे रजिस्ट्रेशन नहीं है। अगर रेजिस्ट्रेशन के लिए नगर पालिका जाते हैं तो वह बोलते हैं कि इस मकान या प्लॉट का रेकॉर्ड लाओ। लेकिन मेरे पास कोई रिकॉर्ड नहीं है। क्यों कि यह मकान मेरे पूर्वजों का है और उस समय जब उन्हों ने खरीदा था जब रजिस्ट्री या नगर पालिका मे रजिस्ट्रेशन नहीं कराया था। लेकिन अब बहुत प्रॉब्लम आ रही है। रजिस्ट्रेशन न होने के कारण न तो नल, बिजली कनेक्शन मिल पा रहा है और यहाँ तक कि नगर पालिका वाले कहते हैं कि यह प्लॉट/मकान अतिक्रमण में है लेकिन हमारे पास में यह मकान पिछले लगभग 80 साल से है।
समाधान-
मकान 80 वर्ष से आप के व आप के पूर्वजों के कब्जे में चला आ रहा है। लेकिन आप के पास मकान के स्वामित्व के सबूत नहीं हैं। कोई भी विभाग मकान पर स्वामित्व का सबूत हुए बिना नल बिजली कनेक्शन नहीं दे सकता है। ऐसी परिस्थिति में आप को परेशानी होना स्वाभाविक है।
इस परिस्थिति में केवल कब्जा ही आप के स्वामित्व का सबूत है। किसी भी अचल संपत्ति के स्वामित्व का प्राथमिक सबूत उस का कब्जा ही होता है। लेकिन स्वामित्व के दस्तावेजों का अपना महत्व होता है। हर जगह तो यह प्रमाणित नहीं किया जा सकता कि मकान पर आप का पुराना कब्जा है।
ऐसी स्थिति में यदि आप यह साबित कर सकते हों कि आप उस प्लाट/मकान पर पिछले 80 वर्षों से आप व आप के पूर्वज लगातार काबिज हैं तो आप को दीवानी न्यायालय में स्वामित्व की घोषणा तथा आदेशात्मक निषेधाज्ञा के लिए वाद प्रस्तुत कर घोषणात्मक जयपत्र प्राप्त करना चाहिए। एक बार न्यायालय यह घोषित कर देगा कि उस मकान पर आप का स्वामित्व है तो फिर उस जयपत्र के आधार पर आप नगरपालिका में अपने मकान का पंजीकरण करवा सकते हैं। इसी मुकदमे में नगरपालिका, नल और बिजली विभागों को पक्षकार बना कर उन के विरुद्ध आदेशात्मक निषेधाज्ञा प्राप्त कर सकते हैं वे आप को नल और बिजली के कनेक्शन दें तथा नगर पालिका आप के मकान का पंजीकरण करे। इसी मुकदमे में आप अस्थाई निषेधाज्ञा का आवेदन प्रस्तुत कर मुकदमे का निस्तारण होने तक बिजली और नल विभागों को कनेक्शन देने का आदेश जारी करवा सकते हैं। इस मामले में आप को किसी स्थानीय वकील की मदद लेनी चाहिए।
Mera ghar nagar palika atikram me ata use areya me sabhi ne atikraman kiya he ham waha pichle 30 salo se rah rahe he hamare kabje mo jaga thi usme zopdi thi or nagar palikame sirf zopdike jagah ki nond ki he abhi paka makan babh rahe he par padosi pareshan kare he
महेन्द्र सिंह जी आपकी दिक्कतों के साथ कई एक विचारणीय बिन्दु हैं। आपकी समस्या ये साबित करती है कि आपके इलाके में नगर निगम द्वारा प्रदत्त सुविधाएँ मौजूद हैं । सवाल ये उठता है कि आप या आपके परिवार के कब्जे में मकान पिछले अस्सी सालों से है ऐसे में अब तक भला नगर निगम आदि से औपचारिक्ताएँ क्यों नहीं पूरी की गईं। इसलिए सिविल सूट दाखिल करने से पूर्व आप नेचर आफ लैण्ड जरूर पता कर लें। अगर आपकी जमीन फ्री होल्ड है तो कोई दिक्कत नहीं है इस संबंध में आप अपनी सदर तहसील से इन्तखाब निकालवा कर बतौर प्रमाण सिविल सूट दाखिल कर सकते हैं लेकिन इन्तखाब पर आपके पिता अथवा बाबा का नाम होना चाहिए जिससे आपका उत्तराधिकार साबित होता हो। लेकिन अगर आपकी जमीन फ्री होल्ड न होकर राजकीय अस्थान इत्यादि की हुई तो फिर दिक्क्त हो सकती है क्योंकि ऐसी जमीनों का स्वामित्व तो आपको कोर्ट से भी नहीं मिल सकता और ये अवैध कब्जे माने जाते हैं। दूसरी बात ये कि अगर आप अपने मकान को जितना पुराना बताएंगे नगर निगम उसका एसेसमैंट बैक डेट से भी कर सकता है और आपको पिछले बकाए का भुगतान भी करना पड़ सकता है।
– रवि श्रीवास्तव, इलाहाबाद।
श्री रवि श्रीवास्तव जी, गुरुदेव दिनेश राय द्विवेदी के अलावा आपने भी काफी अच्छी जानकारी दी है.