मकान में अपना पृथक हिस्सा प्राप्त करने के लिए संपत्ति के बँटवारे का दीवानी वाद करें।
|समस्या-
मुम्बई, महाराष्ट्र से संजय परब ने पूछा है –
हमारा पुश्तैनी मकान गाँव में है और मैं मुंबई में स्थाई रूप से रह रहा हूँ। गाँव का मकान मेरे और मेरी चाची के नाम पर है और उश मकान का कोई अन्य दावेदार नहीं है। चाची के साथ मेरे रिश्ते अच्छे नहीं हैं मैं मकान के बीच में एक दीवार करके अपना हिस्सा अलग रहना चाहता हूँ पर वह मुझे ऐसा करने से रोक रही है। मैं उन से झगड़ा नहीं करना चाहता हूँ। कृपया कानूनी तरीके से मुझे दीवार बनाने का उपाय बताएँ।
समाधान-
गाँव के मकान के आप और आप की चाची दो स्वामी हैं। आप दीवार कर के दोनों के हिस्से अलग अलग करना चाहते हैं। इस का सीधा अर्थ है कि आप गाँव की संपत्ति का बँटवारा करवा कर अपनी संपत्ति अलग कर के उस पर अपना कब्जा चाहते हैं। यह बँटवारा दो तरीकों से हो सकता है। एक तरीका तो यह है कि आप दोनों आपस में बँटवारा कर लें और उसे पंजीकृत करवा लें। दूसरा तरीका है कि आप बँटवारे का दावा न्यायालय में पेश करें और न्यायालय बँटवारा कर के दोनों को उन के हिस्से की संपत्ति पर पृथक पृथक कब्जा दे दे।
आप की चाची सहमत नहीं है। उस से प्रतीत होता है कि उन के मन में यह बात आ गई है कि आप तो मुम्बई में बस गए हैं और कभी भी स्थाई रूप से गाँव नहीं आएंगे। धीरे धीरे पूरा मकान उसी के कब्जे और स्वामित्व का हो जाएगा। मेरी राय में आप को अपनी चाची को विधिक नोटिस देना चाहिए कि आपसी सहमति से मकान के हिस्से कर के बँटवारे को पंजीकृत करवा लिया जाए। यदि वे नोटिस मिलने के एक माह में बँटवारे के लिए सहमत नहीं होती हैं तो आप बँटवारे का दावा करेंगे।
नोटिस की अवधि व्यतीत हो जाने पर आप आप के गाँव के जिला न्यायाधीश के न्यायालय में बँटवारे का दीवानी वाद प्रस्तुत कर दीजिए। न्यायालय बँटवारे की डिक्री पारित कर बँटवारा करवा देगा और आप के हिस्से के मकान पर आप को पृथक कब्जा दिलवा देगा। वैसे भी यदि आप स्थाई रूप से मुम्बई में बस गए हैं तो गाँव की संपत्ति की निरन्तर देखभाल नहीं कर सकते और इस तरह उक्त संपत्ति को कभी न कभी आप को विक्रय करना पड़ेगा। उस से मिली धनराशि से आप मुम्बई में कोई संपत्ति खरीदने की योजना बना सकते हैं।