रास्ते के सुखाधिकार को बनाए रखने के लिए क्या करें?
|समस्या-
जबलपुर, मध्य प्रदेश से अरविंद विश्वकर्मा ने पूछा है-
अभी पिछले साल मेरे मकान से 70 फीट दूर एक मंदिर का निर्माण हुआ है, जिसके कारण हम लोगों का रास्ता बाधित हो रहा है। पहले के बने रास्ते पर मंदिर वालों ने फुहारा, और टाइल्स लगाकर उसे बंद कर दिया है, अब हम करीब 10 परिवारों के लोग मंदिर केंपस से बने रास्ते से निकलते हैं, पर नवरात्रि और अन्य त्योहारों पर भीड़ के कारण हम लोगों को असुविधा होती है, मंदिर जिस ज़मीन पर बना है पहले वो खाली थी और दानपत्र से मंदिर बनाने वालों को मिली है, मूल भूमिस्वामी जीवित नहीं है। मंदिर वालो से रास्ते कं संबध में बात करने पर वे उसे अपनी ज़मीन बताते हैं। मंदिर वाल के 3 डुप्लेक्स भी बने हुए हैं, हम लोगों ने उन मे से एक को तोड़कर रास्ता देने को कहा है। अब क्या किया जाए?
समाधान-
वैसे तो इस समस्या का हल आपसी बातचीत से निकल जाना चाहिए। क्यों कि मंदिर वालों को समझना चाहिए कि पहले के मार्ग को उन्हों ने बन्द किया है तो उन्हें वहाँ आने जाने वालों को मार्ग देना चाहिए। जिस का उन्हें अधिकार है।
फिर भी आप लोगों को जो उस रास्ते का उपयोग करते थे उस का उपयोग करने का सुखाधिकार है। किसी मंदिर को जमीन दान कर देने से आप का सुखाधिकार समाप्त नहीं किया जा सकता है। आप सुखाधिकार के आधार पर दीवानी न्यायालय में दीवानी वाद प्रस्तुत कर रास्ता प्राप्त कर सकते हैं।
आप चाहें तो जबलपुर में श्री राजेन्द्र जैन एडवोकेट, बी-2 समदरिया रेजीडेंसी पेट्रोल पम्प के पास ब्योहार बाग, जबलपुर से मिल कर सलाह कर सकते हैं।