विधवा पुत्री आश्रित है, उसे अनुकंपा नियुक्ति प्राप्त करने का अधिकार है।
|समस्या-
बूंदी, राजस्थान से अनिल मीणा ने पूछा है –
मेरे पिताजी का निधन 30 जनवरी 2013 को हो गया है जो राजस्थान सरकार के शिक्षा विभाग में कार्यरत थे| मेरी एक बहिन जो विधवा है मेरे पिताजी पर ही सम्पूर्ण रूप से निर्भर थी, जिसके एक 3 साल का पुत्र है| क्या मेरी बहिन मेरे पिताजी के स्थान पर अनुकम्पा नियुक्ति पाने की हक़ दर है? इस नियुक्ति से हम परिवार वालों को कोई आपति नहीं है|
समाधान-
आप की बहिन विधवा है और आप के पिता जी पर निर्भर करती थी। विधवा पुत्री को THE RAJASTHAN COMPASSIONATE APPOINTMENT OF DEPENDANTS OF DECEASED GOVERNMENT SERVANTS RULES, 1996 के अंतर्गत आश्रितों की श्रेणी में आती है। इस कारण से आप की विधवा बहिन इन नियमों के अन्तर्गत अनुकम्पा नियुक्ति पाने का अधिकार है।
इन नियमों के अन्तर्गत राज्य कर्मचारी के निधन के 90 दिनों की अवधि में आवेदन देना आवश्यक है।
आप के पिता का निधन 30 जनवरी 2013 को हुआ है इस कारण से आप की बहिन को यह आवेदन इस तिथि से 90 दिनों की अवधि में अर्थात् 30 अप्रेल से पहले पहले कर देना चाहिए। इस आवेदन को प्रस्तुत करने में बहुत सी औपचारिकताएँ भी करनी होती हैं जिन में समय लग सकता है।
आप को चाहिए कि आप तुरन्त अपने पिता जी के विभाग से संपर्क कर के संबंधित नियमों में आवश्यक आवेदन प्रपत्र प्राप्त करें और आप की बहिन से आवेदन प्रपत्र और उस के साथ संलग्न किए जाने वाले आवश्यक दस्तावेज तैयार करवा कर जितना शीघ्र हो सके विभाग को प्रस्तुत कराएँ।
अच्छी जानकारी है
मेरे पिता की पैत्रिक कृषि भूमि है | मेरे पिता का १० वर्ष पहले देहांत हो गया | सम्पूर्ण कृषि भूमि हम पांच भाईयों व माताजी के नाम राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज हो गयी है | मेरी माताजी ने १/६ हिस्सा अपने नाम की भूमि को मेरे नाम वसीयत (अपंजीकृत) कर दी | क्या यह वसीयत कानून में मान्य है ?
आप की माताजी की वसीयत मान्य है। किसी भी स्त्री की संपत्ति सदैव उसी की अपनी होती है वह
उसे वह बेच सकती है, हस्तांतरित कर सकती है और वसीयत भी कर सकती है।
दिनेशराय द्विवेदी का पिछला आलेख है:–.अपने वकील से समझें कि उन की बात क्यों सही है? तब आप उन पर भरोसा कर सकेंगे।
श्रीमान आपका सुझाव बहुत ही अच्छा है थैंक यू
संजय सेठ कुशलगढ़ राजस्थान