विवाह के बाद भी पिता के नाम से पढ़ाई करना गलत नहीं . . .
समस्या-
भोपाल, मध्य प्रदेश से अंजलि ने पूछा है –
मेरी शादी 2008 में हुई थी। मेरी शादी के पहले मैं ने महिला पॉलिटेक्निक कॉलेज में प्रवेश लिया था लेकिन मुझे वहाँ का कोर्स बहुत कठिन लगा और मैं ने वो छोड़ दिया। वहाँ से मैं ने स्कॉलरशिप भी ली थी। मैं ने वहाँ से अपना नाम नहीं कटवाया। और अपनी डुप्लीकेट टीसी से दूसरे सरकारी कॉलेज से बी.ए. करने लगी। मैं ने वहाँ से भी अपने पिता के नाम से स्कॉलरशिप ली। मैं अनुसूचित जाति में आती हूँ। मैं शादी के बाद भी पिता के नाम से पढ़ाई कर रही हूँ। क्या मेरे खिलाफ कोई केस हो सकता है? मेरे पति का ट्रॅवेल्ज़ का बिज़नेस है। कृपया मेरी मदद करें।
समाधान-.
आप ने विवाह के उपरान्त भी पिता के नाम से पढ़ाई कर के कुछ भी गलत नहीं किया है। पिता तो सदैव आप के वही रहेंगे। आप ने यह स्प्ष्ट नहीं किया है कि आप ने क्या उसी वर्ष बी.ए. में प्रवेश ले लिया क्या, जिस वर्ष आप ने पोलीटेक्निक में प्रवेश लिया था? यदि ऐसा है तो भी कुछ गलत नहीं है। क्यों कि पोलिटेक्निक से तो आप का नाम अनुपस्थिति के कारण स्वतः ही कट गया होगा।
लेकिन यदि आप ने उसी वर्ष दो छात्रवृत्तियाँ उठायी हैं तो यह गलत हो सकता है। इस के लिए आप को दोनों छात्रवृत्तियों के नियम देखने होंगे। यदि उन नियमों में यह है कि आप दो छात्रवृत्तियाँ एक ही वर्ष में नहीं ले सकती हैं तो आप को चाहिए कि आप पोलीटेक्निक में जो छात्रवृत्ति उठाई है उसे यह कहते हुए वापस जमा करवा दें कि आप ने छात्रवृत्ति जिस पढ़ाई के लिए प्राप्त की थी उसे आप जारी नहीं रख सकी हैं इस कारण से लौटा रही हैं। यदि आप को दो छात्रवृत्तियाँ एक ही वर्ष में प्राप्त करने में कोई नियम की बाधा नहीं है तो आप को कुछ भी करने की आवश्यकता नहीं है।