विवाह के बाद स्त्री को ससुराल के परिवार के सदस्य के रूप में परिवर्तित होने का अवसर दें।
|समस्या-
पालस, महाराष्ट्र से विकास काम्बले ने पूछा है –
शादी हुए अभी 4 महीने हुए हैं। पत्नी छोटी छोटी बाते अपने मायके वालों को बताती है। उस के मायके वाले मुझे जेल में डालने की धमकी दे रहे हैं। खुद भी गाली देती है और उस के मायके वाले भी। वह उसकी मर्जी के अनुसार रहना चाहती है। बीमार माँ से सब काम करवाती है। मेरे घर में मेरी माँ, मा के पिता और हम दोनों हैं। परेशान हूँ, काम में ध्यान नहीं लगता। सोचता हूँ कहीं भाग जाऊँ। क्या करूँ? बाग जौ क्या करू
समाधान –
यदि आप सोच रहे हैं कि आप ने गलत लड़की से विवाह कर लिया है और उस से छुटकारा मिल जाए तो अच्छा है तो यह आप की गलती है। आप किसी दूसरी लड़की से विवाह करते और उस के साथ भी किसी दूसरी प्रकार की समस्या होती तब आप क्या करते? या आप यह विवाह विच्छेद कर के दूसरा विवाह करते हैं और उस दूसरी लड़की से कुछ दूसरी प्रकार की समस्या आप को होगी तो क्या करेंगे? जरा सोच कर देखिए।
सब लोग अपनी समस्या लिखते समय हमेशा यह कहते हैं मेरी पत्नी ऐसी है या ऐसा करती है, मैं क्या करूँ। लेकिन यह नहीं लिखते कि ऐसा क्या हुआ था जिस से उस ने ऐसा व्यवहार करना आरंभ कर दिया। कोई भी लड़की ससुराल आते ही ऐसा व्यवहार तो बिलकुल नहीं करती। इस स्थिति में समस्या को समझना या उस का कारण जानना असंभव होता है। आप ने लिखा है पत्नी छोटी छोटी बातें मायके में बताती है, लेकिन यह नहीं बताया कि क्या बातें हैं जिन्हें मायके में बताने से आप को परेशानी होती है? शायद हम उसी से पता लगाते की समस्या की जड़ कहाँ है। खैर¡ आप का कहना है कि पत्नी अपने तरीके से रहना चाहती है। यदि वह अपने तरीके से रहना चाहती है तो इस में क्या गलत है? आप भी तो अपने तरीके से रहना चाहते हैं।
पत्नी अपने पिता का परिवार छोड़ कर आप के परिवार में आई है जहाँ सभी अपरिचित हैं। वह यहाँ असुरक्षा महसूस करती है। एक जमाना था जब शादी के बाद दो चार दिन ससुराल में रखने के बाद पत्नी को महिनों तक उस के मायके छोड़ दिया जाता था। जब उस के माता पिता कहते थे तब उसे लाते थे। इस बीच वह अपने माता पिता के यहाँ रह कर ससुराल में व्यवहार करना सीखती थी। विवाह के छह आठ माह तक पत्नी को ससुराल में कोई काम करने को नहीं कहा जाता था। लेकिन अकेले बैठे रह कर और सब को काम करते देख कर खुद ही स्वेच्छा से शरम कर के काम में लगती थी और धीरे धीरे परिवार में अपनी जिम्मेदारियों को समझते हुए अपने कामों को संभाल लेती थी। यह एक सामान्य प्रक्रिया थी।
लेकिन अब कुछ अधिक उम्र में विवाह होता है और तुरन्त ही पत्नी से यह अपेक्षा की जाती है कि वह ससुराल आते ही ससुराल का सारा काम संभाल लेगी, सास, ननद, ससुर और पति सब को आराम मिलेगा। यह अपेक्षा कोई भी पत्नी विवाह के तुरन्त बाद पूरी नहीं कर सकती। आप जैसे आप की पत्नी रहती है उसे वैसे ही रहने दीजिए। कुछ दिन, कुछ महीने, कम से कम 6-8 माह तक ऐसा किया जा सकता है। उसे किसी काम के बारे में कुछ मत कहिए। वह खुद भी कोई काम करने के ले कहे तो उसे कहिए अभी तो वह नई दुलहिन है, काम की ऐसी क्या जल्दी है। फिर देखिए कितने दिन में वह खुद अपनी जिम्मेदारियाँ संभालने के लिए तैयार होती है।
हम ने आप को छह-आठ माह ये सब कर के देखने के लिए इस लिए कहा है कि आप चाहें तो भी अपनी पत्नी से विवाह विच्छेद के लिए कोई आवेदन अदालत में विवाह को एक वर्ष पूर्ण हुए बिना नहीं प्रस्तुत नहीं कर सकते। इसलिए किसी भी स्त्री के विवाह के उपरान्त उस के साथ एक वर्ष तक ससुराल में सम्माननीय मेहमान जैसा व्यवहार करते हुए उसे परिवार के सदस्य के रूप में परिवर्तित होने का अवसर मिलना चाहिए। यदि विवाह का एक वर्ष पूर्ण होने के बाद भी समस्या शेष रहे तो फिर सोचिए कि क्या करना है? तब आप किसी से भी उचित सलाह ले सकते हैं।
जय हो सर जी की, आपने तो हम सबकी आँखे ही खोल दी. बहुत अच्छे से विस्तार में बताया की नई दुल्हन को भी सम्मान और आराम का मौका दो. एक दम से सहमत है हम
बिल्कुल सही राय