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विवाह के लिए मैं घर से भागना नहीं चाहता

 गुरू जायसवाल ने पूछा है –

मेरी उम्र 27 वर्ष है। मैं प्रियंका नाम की लड़की से विवाह करना चाहता हूँ।  अंकतालिका में उस की जन्मतिथि 02.07.1993 अंकित है और वास्तव में 27.10.1991 है। प्रियंका के परिवार वाले इस विवाह के लिए तैयार नहीं हैं, जब कि मेरे परिवार वाले सब तैयार हैं। मैं घर से भागना नहीं चाहता हूँ। उन के घरवाले इस विवाह में बाधा उत्पन्न न कर सकें इस के लिए हमें क्या करना चाहिए।

 उत्तर –

जायसवाल  जी,

प की उम्र 21 वर्ष से अधिक है और प्रियंका जिस से आप विवाह करना चाहते हैं दोनों ही तिथियों से 18 वर्ष से अधिक उम्र की हो चुकी है। उम्र के हिसाब से आप दोनों के विवाह में कोई बाधा नहीं है आप दोनों विवाह कर सकते हैं। लेकिन कानून के अनुसार भी विवाह के लिए अन्य कुछ योग्यताएँ होनी चाहिए। जैसे पत्नी का भरण-पोषण करने का दायित्व पति पर है, यदि वह स्वयं अपना भरण पोषण करने में असमर्थ है। यदि आप स्वयं आत्मनिर्भर हैं और दाम्पत्य का व्यय उठाने में समर्थ हैं तो समझ लीजिए आप विवाह कर सकते हैं। 
मारे समाज में जैसा प्रचलन है, एक लड़की को विवाह होते ही अपना परिवार त्याग कर अपने पति के साथ या उस के परिवार में रहना होता है। चाहे पति-पत्नी में विवाह पूर्व कितना ही प्रेम हो। एक परिवार का सुरक्षा और संरक्षा का वातावरण छोड़ कर एक नए परिवार में जाने के समय अपने नये जीवन के प्रति एक लड़की में अनेक आकांक्षाएँ और आशंकाएँ होती हैं। लड़की का अपने माता-पिता और परिवार से भी लगाव होता है। वह उन को भी सुरक्षित देखना चाहती है, चाहे वे उस की इच्छानुसार विवाह के विरोधी हो कर उस में बाधा ही क्यों न बन रहे हों। इस तरह विवाह के समय और उस के बाद भी कुछ वर्षों तक लड़की का एक पैर अपने माता-पिता की नाव पर होता है तो दूसरा पैर अपने पति की नाव पर। यह एक विचित्र स्थिति है। उस के दोनों पैर कब किस नाव पर रहेंगे यह परिस्थियों पर निर्भर करता है। इस कारण से यदि प्रेम विवाह में किसी एक परिवार की असहमति हो तो जब तक लड़का और लड़की विवाह करने और उस के उपरान्त साथ रहने की दृढ़ इच्छा नहीं रखते तब तक इस तरह का विवाह हमेशा संकट उत्पन्न करता है। आप विवाह के पहले पूरी तरह से मुतमइन हो लें कि प्रियंका बुरी से बुरी परिस्थिति में भी आप के साथ खड़ी रहेगी। हालाँकि यह तभी संभव है कि बुरी से बुरी परिस्थिति में भी, तब भी जब कि प्रियंका के परिजन आप की जान लेने तक को उतारू हो जाएँ, आप स्वयं उन के प्रति कोई दुर्भावना न रखें, कोई कार्य करें तो अपने बचाव के लिए तो करें लेकिन प्रियंका के परिजनों को हानि पहुँचाने के लिए न करें।
दि आप सब तरह से मुतमइन हो चुके हैं तो फिर आप के पास मार्ग यही है कि आप दोनों चुपचाप विवाह कर लें। यह केवल इसी तरह संभव है कि आप किसी आर्य समाज मंदिर में जा कर विवाह करें। आर्य समाज मंदिर में विवाह कानूनन मान्यता प्राप्त है और यदि सभी औपचारिकताएँ पूर्ण कर ली गई हों तो यह विवाह दो से तीन घंटे के समय में संपन्न हो जाता है। आर्य समाज वाले विवाह का प्रमाण-पत्र जारी करते हैं। यदि प्रियंका किसी तरह चार पाँ

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