विवाह पंजीकरण विवाह की एक तात्विक व पर्याप्त साक्ष्य है।
|समस्या-
उदयपुर, राजस्थान से ललित जैन से पूछा है –
मैं हिन्दू हूँ और मैं एक हिन्दू लड़की से प्यार करता हूँ, हम दोनों वयस्क हैं पर मेरे घर वाले हमारी शादी से सहमत नहीं थे तो हम ने पिछले साल मई 2012 में एक मंदिर में जा कर हिन्दू विवाह विधि के अनुरूप विवाह कर लिया तथा उसे नगरपरिषद उदयपुर में विवाह पंजीयक के कार्यालय में पंजीकृत करवा लिया। विवाह का प्रमाण पत्र हमें प्राप्त हो चुका है। हम ने इस विवाह को सार्वजनिक नहीं किया। क्यों कि तब हम दोनों विद्यार्थी थे। अब हम दोनों ही नौकरियाँ कर रहे हैं। अब हम विवाह को सार्वजनिक कर देना चाहते हैं। इस के लिए सब से सुरक्षित तरीका क्या है जिस से कोई कानूनी रूप से हमें परेशान न कर सके और यह विवाह अवैध घोषित नहीं कर सके? हम पिछले एक वर्ष में साथ नहीं रहे तो क्या इस कारण से इस विवाह को अवैध घोषित किया जा सकता है? क्या हमारा विवाह प्रमाण पत्र जो नगर परिषद से मिला है वह वैध है? यदि कोई पुलिस वाला हमें परेशान करने की कोशिश करे तो हमें क्या करना चाहिए। हमें विवाह की घोषणा कैसे करनी चाहिए जिसे हमें इधर उधर भागने की जरूरत न पड़े और हम बिना किसी परेशानी के पति-पत्नी के रूप में साथ रह सकें?
समाधान-
आप का विवाह वैध है। आप के पास विवाह का सब से मजबूत प्रमाण विवाह का प्रमाण पत्र है। यह विवाह की तात्विक और पर्याप्त साक्ष्य है। जब तक प्रमाण पत्र फर्जी प्रमाणित न हो आप के विवाह को अवैध नहीं ठहराया जा सकता। इस विवाह के कारण आप दोनों पति-पत्नी के रूप में साथ रह सकते हैं। आप दोनों नौकरी करते हैं इस के कारण आप दोनों आत्मनिर्भर भी हैं और बिना किसी अन्य की सहायता के एक अच्छा पारिवारिक जीवन बिता सकते हैं। इस में किसी तरह की कोई कानूनी बाधा नहीं है।
आप ने उल्लेख किया है कि आप के परिवार वाले इस विवाह से सहमत नहीं हैं। वैसी स्थिति में यदि उन के विरोध का सामना आप दोनों को करना पड़ सकता है। लेकिन चूंकि आप की सहमति है इस कारण से वे कानूनी रूप से या अन्य प्रकार से कुछ भी नहीं कर सकते। उन से तो आप को कोई भय नहीं होना चाहिए।
आपकी पत्नी वयस्क है, और खुद नौकरी करती है। वैसी स्थिति में उस के संबंधियों की ओर से भी कानूनी रूप से कुछ किया जाना संभव प्रतीत नहीं होता है। हाँ इतना हो सकता है कि आप की पत्नी के माता-पिता यह कहें कि आप ने उन की पुत्री को बहला फुसला कर यह सब किया। लेकिन जब विवाह हुआ है और उस का पंजीकरण हुआ है तो उन की इस बात को भी विवाह के पंजीकरण के कारण सही नहीं माना जा सकता।
आप को अकारण भय हो रहा है। भय का कोई कारण आप की समस्या में दिखाई नहीं दे रहा है। आप दोनों ने विवाह किया है तो साथ रहने की भी हिम्मत करें। पहले अपने रहने का स्थान तय करें, उसे गृहस्थी के लायक बनाएँ और साथ रहने लगें। आप दोनों साथ हैं तो आप का कोई भी कुछ भी नहीं बिगाड़ सकता। आप दोनों के साथ रहने में किसी तरह की कोई कानूनी समस्या, बाधा या परेशानी नहीं है।
द्विवेदी जी मुझे आपकी मदद चाहिए।
sir मेरा नाम रतनलाल हे .मैक विजति लड़की से प्यार करा हु और हमनी एक सपथ पात्र dakar एक मंदिर म शादी की उसकी बाद हम दोनों न विवाह पंजीयन नगर निगम udaipur म
ललित,
आपको लोवे मैरिज वेरिज के चक्कर मई पड़ना ही नहीं चाहिए था, ये सब टाइम वेस्ट करने और खास कर लड़के का करियर व भविष्य बर्बाद करने की मुसीबत मात्र है, इन सब चीजो मे खास कर लड़के की ही शामत आती है.
थैंक्यू सर, आपकी सलाह मेरे लिए बहुत उपयोगी सिद्ध होगी.
दिवेदी साहब, आप बुरा मान गये, मै आपसे माफ़ी मांगता हूँ, प्लीज माफ़ केर दे.
विकास जी,
मैं ने बुरा तो माना था, लेकिन इस बात का कि जो तथ्य समस्या में नहीं हैं उन की कल्पना कर के उत्तर देना उचित नहीं है। यदि वे कल्पनाएँ गलत हुई तो एक समस्याग्रस्त व्यक्ति को और भय उत्पन्न होता है उस की समस्या हल होने के स्थान पर बढ़ जाती है। लेकिन गुस्सा तो मैं नहीं ही था। गुस्से से किसी समस्या का हल निकलता भी नहीं है। इतना तो है कि तथ्यों की कल्पना करना एक गलत आदत है। हम पहले अपनी मनोगत अवस्था के अनुरूप तथ्यों की कल्पना करते हैं फिर उस के हिसाब से अपना कार्यक्रम बनाते हैं तो वह हमेशा असफल होता है। वैसे इस पर गुस्सा करना तो हमारे देश में परेशानी मोल लेना है क्यों कि यह आदत हम भारतीयों में आम है। खैर!
ललित जी,
आप ने अपने पिता की धमकी पर ध्यान नहीं दिया। वे आप को कुछ नहीं कह रहे हैं। अपितु आप को यह धमकी दे रहे हैं कि यदि यह विवाह हुआ तो वे लड़की और उस के पिता को देख लेंगे। इस का सीधा मतलब है कि वे आप पर दबाव डाल रहे हैं। मुझे नहीं लगता कि उन्हों ने आप को जो धमकी दी है उसे लागू करेंगे। वैसे भी पुलिस कैसी भी हो हर मामले में दखल नहीं देती। वास्तव में आप के पिता जी आप से गुस्सा हैं और चाहते हैं कि आप अपनी जिद से हट जाएँ। पर वे .यह नहीं जानते कि आप विवाह कर चुके हैं। मुझे लगता है कि जैसे ही उन्हें पता लगेगा कि आप ने ऐसा कर लिया है तो वे कुछ दिन आप से गुस्सा करेंगे फिर धीरे धीरे नजदीक आने लगेंगे। फिर भी आप को उन्हें समझाने के कुछ तरीके और तलाशने चाहिए। यदि संभव हो तो उन की सहमति से अपनी पत्नी को घर लाना चाहिए। फिर भी यदि बात नहीं बनती है तो आप खुद सीधे एस.पी. और जिला कलेक्टर से मिलें और सारी स्थिति को समझाएँ। उन से मिलने से समस्या हल हो जाएगी। यदि उन से भी काम न चले तो आप आईजी पुलिस से मिल कर अपनी बात कह सकते हैं। मुझे नहीं लगता कि इस के लिए किसी कानूनी उपाय की आवश्यकता है। आप यह भी कर सकते हैं कि इस विवाह की घोषणा के लिए एक संक्षिप्त समारोह व भोजन रखें जिस में आप अपने मित्रों आदि को बुलाएँ उस में आप जिला कलेक्टर, एस.पी. आईजी आदि को भी बुलाएँ। उन से आग्रह करें कि वे अवश्य आएँ। इस विवाह को सामाजिक सुधार का रूप देने का प्रयत्न करें। चीजें और आसान हो जाएंगी।
प्रिय विकास जी , आपने मेरी मदद करने का सोचा और मेरे सम्बंधित अपने दिवेदी जी से इतने प्रश्न किये इसके लिए आपका धन्यवाद् , पर आप दिवेदी सर से बहस न करे प्लीज, वो इतना सुझाव दे रहे है वो ही बहुत है हमारे लिए , प्लीज आप बुरा मत मानियेगा I
दिवेदी सर ,
आप गुस्सा मत कीजिये सर , मै आपके सुझावों से पूरी तरह समहत हूँ , परन्तु हाँ सर एक बात अपने जो ऊपर लिखी है उसके सम्बन्ध मै कुछ पूछना चाहता हूँ ,
सर, मै पिछले २ महीनो से अपने पिताजी को उस लड़की( मेरी पत्नी ) से मेरी शादी की बात के लिए मन रहा हूँ पर वे विरोध कर रहे है , और मुझे धमकी देते है की मेरी पुलिस मे और मजिस्टर आदि से जानपहचान है उस लड़की और उसके बाप को पुलिस वालो से पिटवाऊंगा, उनके खिलाफ बहलाने , पैसे चुराने/हतियाने आदि का केस लगाऊंगा, मै इतनी जल्दी हार नहीं मानूंगा आदि…… और मेरे घर वाले पैसे आदि से भी सक्षम है ……
सर इस कारण मुझे थोडा डर लगता है की अगर ऐसा कुछ हुआ तो मुझे क्या करना चाहिए, उस लड़की के घर वाले बहुत ही सीधे ,भोले व थोड़े कम संभ्रांत है , और उनकी रक्षा करना भी अब मेरा फर्ज है मै नहीं चाहता की हमारे कारन उनको किसी प्रकार का कष्ट झेलना पड़े, और मेरे संस्कार मुझे ये गवाही बी नहीं देते की मै मेरे पिताजी के खिलाफ किसी तरह का केस दायर करूँ.
बस सर यही मेरी सारी समस्या है , आपसे ये अंतिम निवेदन है की इस सम्बन्ध मै मुझे बिलकुल सटीक सुझाव उपलब्ध करवाने की कृपा करे की हमे क्या करना चाहिए I
सर इसके बाद मै आपको फिर से परेशान नहीं करूँगा , कष्ट के लिए क्षमा
दिवेदी सर, मै आपके सुझावों की बहुत कद्र करता हूँ, परन्तु आपके जमीनी हक वाले तथ्य को मै समझा नहीं, मैंने उपरोक्त पोस्ट मै जमीनी हकीकत से सम्बंधित कोई बात का जिक्र शायद नहीं किया है कृपया करके समझाने का कष्ट करे
ललित जी के केस के सम्बन्ध मे कुछ पहलू है जो उन्हे मुसीबत मे डाल सकते है उन्ही का समाधान मे ललित जी को अवगत करवाना चाहता हूँ, ताकि इस जोड़े को कोई दिकत न झलनी पड़े: मेरे शंका के प्रश्न निम्न प्रकार है , जिनके समाधान से ललित जी को काफी राहत मिलेगी :
१. मेरे सोच के अनुसार आप दोनों शादी के एक साल बाद तक साथ नहीं रहे है तो शायद इस सम्बन्ध मई कोई प्रश्न खड़ा हो सकता है अतः इस रिश्ते को कानूनी रूप से और मजबूत बनाने के उपाय बताये
२. आपको भागना न पड़े और कोई कानूनी यातना आप दोनों को न झेलनी पड़े तो इस के लिए मेरी सलाह है की आप दोनों को आपके जिले के SDM या कलेक्टर के समक्ष पेश हो जाना चाहिए तथा अपना शादी का प्रमाण पत्र बता कर (फोटो कॉपी ही ले जाये , ओरिजिनल भूल कर भी न ले जाये ) न ले गए उन्हे आपके प्रोटेक्शन व साथ रहने का निवेदन करना चाहिए. वो अधिकारी सम्बंधित पुलिस स्टेशन को आपके खिलाफ किसी तरहे की FIR दर्ज करने या कोई कानूनी कार्यवाही करने से मन करने का निर्देश दे देंगे.
३. अगर ललित जी के घर वाले लड़की को या लड़की के घर वालो को धमकाये तथा पुलिस वालो को पैसे खिला कर किसी प्रकार का दबाव बनाये और इस शादी को अवैध घोषित करने की कोशिश करे तो इन्हे क्या करना चाहिए
४. पंडित जी के नगर परिषद कार्यालय मे उपस्थित नहीं होने व उनके हस्ताक्षर उस त्रुटी वाले स्थान पर नहीं होने की बात तो इसके बारे में मुझे भी कोई जानकारी नहीं है तो इस बारे में मै आपको कोई सलहा नहीं दे सकता आपको किसी और से सलाह करनी चाहिए तथा पंडित जी का प्रमाण पत्र के बारे में भी आप किसी और जानकर से ही सलाह करे.
५. इन्हें न भागने के लिए क्या करना चाहिए
बस इन प्रश्नों का समाधान उपलब्ध करवा कर आप मेरी तथा ललित जी की समस्या का समाधान करे I आपके जवाब का मुझे तथा शायद ललित जी को बी काफी इन्तेजार रहेगा I
धन्यवाद्
विकास जी,
जमीनी हकीकत से अर्थ है कि उन की पारिवारिक सामाजिक परिस्थितियाँ क्या हैं? जिन से आप को लगता है कि वे मुश्किल में पड़ सकते हैं। उन का ललित जी कोई उल्लेख नहीं किया है। लगता है व्यक्तिगत रूप से आप के सामने कुछ व्यवहारिक समस्याएँ आई हैं, आप ने ललित जी के मामले में भी वैसी ही समस्याओं की कल्पना खड़ी कर ली है। जबरन किसी के समक्ष काल्पनिक समस्याएँ खड़ी करने से कोई लाभ नहीं है, इस से व्यर्थ की चिंताएँ ही खड़ी हो सकती हैं,किसी की मदद नहीं की जा सकती। लगता है आप स्वयं ऐसी ही समस्या से ग्रस्त हैं, यदि आप की स्वयं की कोई ऐसी समस्या हो तो बताएँ।
ललित जी के सामने केवल समस्या थी। कि किसी तरह उन का विवाह अवैध घोषित नहीं हो जाए। उन के पास विवाह पंजीयक का पंजीकरण है। विवाह वैध है। किसी को भी इस विवाह को अवैध घोषित करने के लिए न्यायालय में वाद/आवेदन दाखिल करना होगा। फिर किसी विवाह को केवल विवाह के पक्षकार और विवाह से प्रभावित पक्षकार ही अवैध घोषित करवा सकते हैं। प्रभावित होने वाले पक्षकार पूर्व पत्नी/पति हो सकते हैं। इस मामले में ऐसा कोई नहीं है।
आपके सवालों के भी उत्तर हैं-
१. आप तो कुछ भी सोच सकते हैं क्यों कि सोच की कोई सीमा नहीं होती। हिन्दू विवाह के बाद पति/पत्नी कितना ही अर्सा अलग रह जाएँ, चाहे २० वर्ष भी पर उन का विवाह उस से समाप्त नहीं होता न अवैध होता है। कानूनी रूप से संबंध बना ही रहेगा जब तक कि तलाक की डिक्री न्यायालय द्वारा प्रदान न कर दी जाए।
२. ललित जी के मामले में भागने वाली कोई समस्या नहीं है। आप उन्हें भगाना क्यूँ चाहते हैं। हो सकता है आप की ऐसी कोई समस्या रही हो।
३. धमकाने की बात भी ललित जी ने नहीं की है वे केवल कानूनी परेशानी की बात कर रहे हैं। यदि धमकी मिलती है तो वह अपराध है उस की रिपोर्ट पुलिस को करनी चाहिए। तदुपरान्त पुलिस स्वयं कार्यवाही कर लेगी। पुलिस वालों को पैसा खिला कर कार्यवाही करने की स्थिति ललित जी के मामंले में नहीं है। यदि हो भी तो उस की केवल शिकायत की जा सकती है या फिर उच्च न्यायालय के समक्ष रिट कर के पुलिस को सुरक्षा के लिए रिट जारी करवाई जा सकती है।
४. पंडित जी वाले मामले से अब कोई संबंध नहीं है न कोई समस्या है, जब पंजीकरण हो चुका है। आप को जिस मामले में जानकारी नहीं है उस में आप वास्तव में क्या सलाह देंगे। वैसे आप से सलाह मांगी भी किस ने है?
५. ललित के सामने भागने न भागने की कोई समस्या नहीं है। आप उन्हें भगाने के पीछे क्यों पड़े हैं?
दिनेशराय द्विवेदी का पिछला आलेख है:–.अवयस्क की अभिरक्षा के लिए उस स्थानीय क्षेत्र के न्यायालय को क्षेत्राधिकार है, जहाँ अवयस्क निवास करता है।
विकास पुरोहित जी,
आप ने जो शंकाएँ जाहिर की हैं वे इस तरह के सभी युगलों के मन में होती हैं जो परिवार की इच्छा के विरुद्ध विवाह करते हैं। लेकिन ललित जी के मामले में हम ने बहुत सोच समझ कर यह राय दी है। विवाह हुआ है और पंजीकृत भी हुआ है। उसे अवैध घोषित कराया जाना संभव नहीं है। इस की कोशिश भले ही की जाए। लेकिन जब तक दोनों पति-पत्नी साथ हैं, एक राय हैं। कानूनी रूप से कोई कुछ नहीं कर सकता। जहाँ तक जमीनी हकीकत का प्रश्न है तो न तो जमीनी हकीकत के तथ्य ललित जी ने बताए हैं और न ही उस बारे में उन्होंने कुछ पूछा है। वैसी स्थिति में काल्पनिक तथ्य गढ़ कर कोई सलाह देना उचित नहीं है। ललित जी उदयपुर राजस्थान से हैं और जैन हैं। मैं जानता हूँ कि राजस्थान के इस हिस्से में प्रेम विवाह के प्रति अब इतना विरोध नहीं है। लोग इस तरह का विवाह होने पर नाराजगी प्रकट करते हैं लेकिन कुछ समय बाद सब सामान्य हो लेता है।
ललित जी,
मैं अपनी राय पर कायम हूँ। आप को कोई समस्या नहीं आने वाली है। आप बस हिम्मत कर के व्यवस्था करें और गृहस्थी का शुभारंभ करें। मामूली कोई समस्या हो भी तो डरने की कोई बात नहीं है जीत आप की होगी।
एक और बात विवाह का प्रमाण पत्र तब फर्जी घोषित होता है जब आप उससे किसी सरकारी कार्यालय से प्राप्त न करके कही और से फर्जी वादे मई बनवा लेते है, परन्तु अपने नगर परिषद् से बनवाया है अतः आपका प्रमाण पत्र बिलकुल वैध्य है.
एक मई आपको और बता दूँ की अगर लड़का और लड़की बालिग हो और उन्होंने शादी नहीं की हो तो भी अगर वे हाई कोर्ट या SDM के समक्ष जाकर अपनी शादी की इच्छा जाहिर कर दे तो भी सरकार उनकी शादी करवा देती है और उन्हें किसी प्रकार की परेशानी नहीं होती है, परन्तु बशर्ते लड़की बदलनी नहीं चाहिए और दोनों अपना गुजारा करने मे सक्षम होने चाहिए. अतः कोई आपके शादी को अवैध गोषित करार भी दे तो आप आप आपस में शादी करने व साथ रहने की इच्छा जाहिर करके शादी करके साथ रहा सकते है, सरकार भी इससमे आपका साथ देगी.
ललित जी, अपने जो विवाह किया है वो पूर्ण रूप से वैध्य है, जैसा की दिवेदी साहब ने कहा, परुन्तु मेरे सोच के अनुसार आप दोनों शादी के एक साल बाद तक साथ नहीं रहे है तो शायद इस सम्बन्ध मई कोई प्रश्न खड़ा हो सकता है, तथा जैसा की अपने बताया की आपके घर वाले इस सम्बन्ध को स्वीकार नहीं करेंगे तो हो सकता है जब आप अपने शादी की बात उनके सामने रखे तो वे लड़की या उसके घर वालो को धमका सकते है तथा पुलिस वालो और सरकारी अधिकारी को पैसे खिला कर आपके शादी को अवैध घोषित करवा सकते है, इसलिए मई आपको राय देना चाहता हूँ की आप किसी अछे वकील से मिलकर इस शादी को और मजबूत बनाने के तरीके प्राप्त करे जैसे कुछ और प्रमाण पत्र एकत्र कर ले जो इस शादी को और मजबूत बना सके .
मै दिवेदी जी से भी यही निवेदन करता हूँ की आप इस जोड़े को बिलकुल सही सलाह प्रदान करे तथा इस रिश्ते को कानूनी रूप से और मजबूत बनाने के उपाय बताये ताकि ये जोड़ा अपना भविष्य सुधार सके .
और जैसा की ललित जी अपने कहा था की आपको भागना न पड़े और कोई कानूनी यातना आप दोनों को न झेलनी पड़े तो इस के लिए मेरी सलाह है की आप दोनों को आपके जिले के SDM या कलेक्टर के समक्ष पेश हो जाना चाहिए तथा अपना शादी का प्रमाण पत्र बता कर (फोटो कॉपी ही ले जाये , ओरिजिनल भूल कर भी न ले जाये ) न ले गए उन्हे आपके प्रोटेक्शन व साथ रहने का निवेदन करना चाहिए. वो अधिकारी सम्बंधित पुलिस स्टेशन को आपके खिलाफ किसी तरहे की FIR दर्ज करने या कोई कानूनी कार्यवाही करने से मन करने का निर्देश दे देंगे.
पर आप भूल कर भी सीधे पुलिस ठाणे न जाये क्योकि पुलिस वालो की नियत आप जानते ही है अतः आप कलेक्टर या S D M के समक्ष पेश हो जाये ताकि आपको भागना न पड़े व आपके घर वाले किसी भी प्रकार की कारवाही आपके खिलाफ नहीं कर सके.
रही पंडित जी के नगर परिषद कार्यालय मे उपस्थित नहीं होने व उनके हस्ताक्षर उस त्रुटी वाले स्थान पर नहीं होने की बात तो इसके बारे में मुझे भी कोई जानकारी नहीं है तो इस बारे में मै आपको कोई सलहा नहीं दे सकता आपको किसी और से सलाह करनी चाहिए तथा पंडित जी का प्रमाण पत्र के बारे में भी आप किसी और जानकर से ही सलाह करे.
जितना मै जनता था मैंने आपको उपरोक्त बता दिया और मै देवेदी जी से भी निवेदन करना चाहता हूँ की इस जोड़ी को सफल बनाने मे आप विस्तृत से और सुझाव देने की कृपा करे .
देवेदी जी, आपका या अन्य किसी जानकर का इस सम्बन्ध मे मुझे भी इंतजार रहेगा
धन्यवाद्
ये सामान्य टाइपिंग त्रुटियाँ हैं। इन से कोई अन्तर नहीं पड़ता है। आप चिंता न करें।
धन्यवाद् सर जी
thank you sir, apki salaha mere liye bahoot upyogi hai…….apka dhanywad. Sir mujhe ek shanka apse poochni hai ki , jaise mine suna hai aur padha hai ki jis mandir mai hum shadi krte hai waha ka pandit bi ek vivah praman patra deta hai, parantu humme to pandit ji ne kisi prakar ka koi praman patra nai diya unhone ne sirf ek affidavit per apne hastakshar karke we apna photo laga ker vakil ko diya tha jo hummne agle din nagr parishad karyalye mai humare affidavit ka saath salagna kiya tha, aur padit ji waha upasthit nai the. bus mai meri patni aur mere do gahawah hi nagar parishad karyalaye gaye the aur hummare anguthe ke nishan affidavit aur vivah panjiyan form per lye gaye the. that affidavit mai meri patni ke pita ka naam galti se anil sharma ki jagha amit type ho gaya that to waha ke clerk ne humse affidavit per wo galat naam katwa kr pen se sahi naam likh ker humare (mere, meri patni ke aur dono gawaho ke ) hastakshar kerwa diye the, perantu padit ji ke affidavit mai koi change nai kiya gaya tha kyoki we waha upasthit nai the, kya humme isse age koi pareshani ho sakti hai?