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संपत्ति के दस्तावेजों की जाँच करनी पड़ेगी, संपत्ति के बँटवारे का वाद तुरन्त प्रस्तुत किया जा सकता है।

eviction of houseसमस्या-

कोटा, राजस्थान से जमनाधर राय ने पूछा है-

ह समस्या मेरी माँ की है।  मेरे नानाजी के दो लड़कियाँ हैं।  उनके लड़का नहीं था। मेरी मौसी यानी नानाजी की छोटी लड़की गाँव में रहती है, और माँ बड़ी लड़की कोटा में। मेरी मौसी का बड़ा लड़का पढ़ाई करने के खातिर नानाजी के यहाँ आकर रहने लग गया और कई सालों तक नानाजी के घर में उनके साथ ही रहता था।  मौसी चाहती थी की नानाजी उसे गोद ले लें, मगर नानाजी नही चाहते थे।  वे दोनों बेटियों को बराबर रखना चाहते थे। मगर मौसी के लड़के ने ओर उस के ससुराल वालो ने नानाजी को हमारे प्रति ग़लत बातें बना कर उस लड़के के नामे गोद नामा रिजस्टर करवा लिया ओर उसी के नाम वसीयत करवा ली। गोदनामा और वसीयतनामा बनाया उस समय मेरी माँ को बिना बताए बनाया गया था। इस के बारे में हमें नानाजी के मरने के बाद पता चला।  तब माँ ने कुछ कहा तो उन्होने माँ को सान्त्वना दी कि हम तुम्हें तम्हारा हिस्सा दे देंगे।  मगर अभी तक भी उन्हों ने माँ को कुछ नहीं दिया और कुछ समय बाद नानी भी मर गई।  उसने सारी संपत्ति करीब 3,00,00,000/- रुपए की है उस ने अपने नाम रगिस्टर करवा ली है। मेरी माँ जब उस से अपना अधिकार मांगती है तो दादागिरी करता है और कहता है कि कोई लिखित मे हो तो दिखाओ। वह पूरी संपत्ति पर कब्जा कर के बैठा है। हम क्या करें?  नानाजी ने जब उसे गोद लिया था तब उसकी उमर करीब 22 साल की थी. ओर नानाजी की उमर 70 साल की थी।  नानाजी के मरने के बाद इस ने नानी को बहुत परेशान किया। इस कारण नानी बीमार हो कर मर गई। नानाजी के एक लकड़ी का कारखाना था जो नानाजी के नाम था और मकान नानी के नाम इस ने सभी अपने नाम करा लिए हैं।

समाधान-

प की मौसी के लड़के ने जो भी दस्तावेज उक्त संपत्ति का स्वामी बनने के लिए तैयार कराए हैं, यदि वे पंजीकृत हैं तो उन सभी की प्रतिलिपियाँ ले कर उन की जाँच करनी पड़ेगी कि उन्हें कैसे चुनौती दी जा सकती है। गोदनामा तो गलत सिद्ध किया जा सकता है क्यों कि किसी भी 15 वर्ष से अधिक की आयु के बालक को कुछ शर्तों के साथ ही गोद लिया जा सकता है, अन्यथा प्रतिबंधित है। वसीयत किस तरह की गई है और वैध है या नहीं इस की भी जाँच करनी पड़ेगी।

प की माता जी अपने पिता और माता जी की संपत्ति के बँटवारे का वाद न्यायालय में प्रस्तुत कर सकती हैं। इस से आप की मौसी और उस के लड़के को अपने पक्ष के सभी दस्तावेज न्यायालय के समक्ष ले कर आना पड़ेगा और सारा मामला स्पष्ट हो जाएगा। यदि आप कोटा में ही रहते हैं तो अपनी समस्या के समाधान के लिए तीसरा खंबा के संचालक से व्यक्तिगत रूप से भी मिल कर सलाह कर सकते हैं।