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सहमति से विवाह विच्छेद हो तो संतान की कस्टडी और खर्चे के बारे में भी आपसी सहमति बनाएँ …

mother_son1समस्या-

संध्या ने भोपाल, मध्य प्रदेश से समस्या भेजी है कि-

मेरी शादी 2012 में हुई थी। मेरा 8 महीने का एक बेटा है। शादी के बाद से ही पति मुझे मानसिक रूप से प्रताड़ित कर थे, मैं ने तंग आकर महिला हेल्प लाइन में कंप्लेंट कर दी। अब मैं अपनी माँ के पास रह रही हूँ। मैं ने तलाक़ लेने का निर्णय किया है। पर मैं सहमति से तलाक़ चाहती हूँ। जब मेरे वकील ने मेरे पति से पूछा तो उन्होने भी सहमति व्यक्त की है। मैं केन्द्रीय सरकार की सेवा में हूँ और पति प्राइवेट बिजनेस करते हैं। ससुराल में एक घर जो सास ने बनाया है, 10 बीघा ज़मीन जो ससुर के नाम है और एक दुकान मेरे पति के नाम है। यही संपत्ति है। अभी लीगली बटवारा नहीं हुआ है। सहमति से तलाक़ होने पर मैं अपने पति से अपने लिए या मुझे ना भी मिले तो अपने बेटे के लिए उक्त संपत्ति में हिस्सा माँग सकती हूँ। अगर हाँ तो उस का निर्धारण किस प्रकार से होगा?

समाधान-

प स्वयं केन्द्रीय सरकार की नौकरी में हैं वैसी स्थिति में कानूनन आप कितना प्राप्त करने की स्थिति में हैं यह तभी बताया जा सकता है जब कि यह तथ्य ज्ञात हो कि आप के पति की आय कितनी है और आप खुद कितना कमाती हैं। फिर भी इस बात की संभावना कम है कि आप को कुछ आर्थिक सहायता प्राप्त हो।

प का विवाह विच्छेद हो जाने पर भी आप के पुत्र का संबंध तो सदैव ही उस के पिता से बना रहेगा। इस कारण उस के पिता से जो अधिकार हैं वे भी सदैव बने रहेंगे। पुत्र की कस्टडी और उस के पालन पोषण के खर्चों के लिए धनराशि जो पति आप को निरन्तर देते रहें आपसी सहमति से निर्धारित की जा कर आवेदन में अंकित की सकती है और न्यायालय इसे विवाह विच्छेद की डिक्री में अंकित कर सकता है।

जो भी संपत्ति आप की सास, ससुर व पति के नाम है उस पर उन के जीवनकाल में किसी का कोई अधिकार नहीं है। हाँ पुत्र का भरण पोषण प्राप्त करने का अधिकार है जिस के लिए जब भी आवश्यकता हो तब यदि पुत्र आप की कस्टडी में रहता है तो आप के माध्यम से भरण पोषण प्राप्त करने के लिए आवेदन प्रस्तुत किया जा सकता है। न्यायालय आप दोनों की आय और संपत्ति को ध्यान में रखते हुए पुत्र के लिए भरण पोषण की राशि निर्धारित कर सकता है।

दि आप के और आप के पति के बीच सहमति बनी है तो आप पति के साथ बातचीत कर के इन मसलों पर पहुँच सकती हैं। यदि आप के पति आप से विवाह विच्छेद के लिए सहमत हैं तो पुत्र की कस्टडी और भविष्य के खर्चों पर भी आपसी सहमति बन सकती है। बेहतर यही है कि यह सब आपसी सहमति से तय हो और विवाह विच्छेद की डिक्री में सम्मिलित कर लिया जाए।