सायबर अपराध तथा संबंधित उपभोक्ता विवाद के लिए कार्यवाही कहाँ करें?
|समस्या-
पिछले दिनों मुझे एक वेब स्क्रिप्ट की जरुरत थी। जिसके लिए मैंने अपनी जरुरत की वेब स्क्रिप्ट बेचने वालों की गूगल खोज से खोजबीन की व कई वेब स्क्रिप्ट के डेमों देखे। जिनमें से मुझे एक वेब डिजाइनर की वेब स्क्रिप्ट पसंद आई। वे वेब डिजाइनर के जोधपुर के थे इसलिए मुझे ज्यादा भरोसेमंद भी लगे। जब उनसे बातचीत हुई तो मेरा उन पर भरोसा और पक्का हो गया और उनसे उस वेब स्क्रिप्ट का फोन पर मोलभाव तय कर मैंने तय मूल्य की रकम उनके व्यक्तिगत बैंक खाते दिनांक २१-१०-२०११ को अपने खाते से नेट बैंकिंग के जरिये ट्रान्सफर भी कर दी और उसी रात में उन्होंने मेरे डोमेन पर वह स्क्रिप्ट अपलोड भी कर दी।
उनके द्वारा दी गयी उस वेब एप्लीकेशन में काफी त्रुटियाँ थी जिसके बारे बताने पर वे जल्द ठीक करवाने का आश्वासन देते रहे, एक दो कमियां उन्होंने ठीक भी कराई। लेकिन अभी भी उस एप्लीकेशन में काफी कमियां हैं, जिसके चलते उसे वेब साईट पर चलाना बेमानी लगता है। मेरे द्वारा कई बार अनुरोध करने के बावजूद उन्होंने आज तक वे कमियां ठीक नहीं की। पहले वे फोन पर आश्वासन देते रहते थे, पर अब उन्होंने मेरा फोन उठाना भी बंद कर दिया है और मेल भेजने पर उसका कोई जबाब भी नहीं देते। जबकि मैं उन्हें लिख चुका हूँ कि मुझे कोई समय सीमा बतायें पर उनकी और से कोई जबाब नहीं मिलता।
मेरे जोधपुर रहने वाले एक मित्र ने भी उन्हें फोन पर मेरा कार्य करने का अनुरोध किया। तब उनका मेरे पास फोन आया। उन्हों ने अपनी व्यस्तता उजागर की, साथ ही मुझे मेरी समस्या जल्द सुलझाने का आश्वासन दिया और यह भी अनुरोध किया कि इस तरह अपने किसी परिचित से फोन न करवाएँ। क्योंकि इस तरह उनकी प्रतिष्ठा पर प्रतिकूल असर पड़ता है। इसके बावजूद अब तक उन्होंने न मेरी समस्या का समाधान किया और न ही वे मुझे कोई समय सीमा बता रहे है।
ऐसी स्थिति में मेरे पास दो ही उपाय बचते है –
१- उनके खिलाफ क़ानूनी कार्यवाही
२- जोधपुर से प्रकाशित होने वाले अखबारों में उनकी इस धोखाधड़ी की प्रमुखता से खबर छपवाना।
यदि मैं उनके खिलाफ क़ानूनी कार्यवाही करना चाहूं तो कृपया मार्गदर्शन करें कि क्या मैं उनके खिलाफ अपने शहर के पुलिस थाने में धोखाधड़ी के मामले में शिकायत दर्ज करवा सकता हूँ ? मेरे पास सबूत के तौर पर सिर्फ उनके खाते में ट्रान्सफर की गयी रकम की प्रविष्टि ही है। उनके द्वारा किये गए वादे उनकी वेब साईट पर लिखें है।
-रतनसिंह शेखावत, फरीदाबाद, हरियाणा
समाधान-
सब से पहले तो मैं आप को धन्यवाद देना चाहता हूँ कि आप ने समस्या को पूर्ण विस्तार से लिखा है जिस से उसे समझने में कठिनाई नहीं हुई। कुछ कठिनाई हुई भी तो वह टेलीफोन बातचीत से हल हो गई। आप की समस्या सायबर व्यवहार से संबंधित है। क्यों कि इस में आप ने अपनी आवश्यकता की वस्तु क्रय करने के लिए अंतरजाल पर खोज की और जब लगा कि वस्तु आप के उपयोग की है तो उसे क्रय करने के लिए आप ने उस के विक्रेता से टेलीफोन पर बातचीत की। आप ने वस्तु का मोलभाव किया और अंत में वह आप के प्रस्तावित मूल्य पर आप को वस्तु विक्रय करने के लिए सहमत हो गया। उस ने अंतिम रूप से तय वस्तु की कीमत आप को टेलीफोन पर जोधपुर से बात करते हुए बताई जिस से आप दोनों के बीच एक संविदा संपन्न हुई। आप ने संविदा के अंतिम होने के संदेश को टेलीफोन पर फरीदाबाद में सुना। इस तरह यह संविदा फरीदाबाद में संपन्न हुई है। इस का अर्थ यह है कि अंशतः वाद कारण फरीदाबाद में घटित हुआ है। इस के उपरान्त आप ने फरीदाबाद स्थित अपने बैंक खाते से विक्रेता के बैंक खाते में संविदा की संपूर्ण राशि स्थानान्तरित कर दी। विक्रेता ने आप की वेब साइट पर वेब स्क्रिप्ट को अपलोड किया। इस तरह आप के द्वारा खरीदी गई वस्तु की सप्लाई उस ने स्वयं आप की वेब साइट पर दी जिसे आप फरीदाबाद से संचालित करते हैं। इस तरह उस ने माल फरीदाबाद में आप को सौंपा है। इस कारण से भी वाद कारण अंशतः फरीदाबाद में उत्पन्न हुआ है। जिस से यह स्पष्ट है कि कोई भी कानूनी कार्यवाही चाहे वह अपराधिक हो या दीवानी, फरीदाबाद में संस्थित की जा सकती है।
आप यह जानना चाहते हैं कि क्या पुलिस में अथवा फरीदाबाद के न्यायालय में शिकायत प्रस्तुत कर धोखाधड़ी करने का अपराधिक मुकदमा चलाया जा सकता है? तो उक्त मामले में विक्रेता ने वेबसाइट पर प्रचार करते हुए तथा फोन पर बातचीत के माध्यम से आप को यह विश्वास दिलाया कि वह एक अच्छा और उपयोगी माल आप को विक्रय कर रहा है। जब आप को माल मिला तो वह इस तरह का था कि उसे वेब साइट पर चलाया ही नहीं जा सकता था। वह बार बार कहने पर भी माल को दुरु्त नहीं कर रहा है। इस तरह यह स्पष्ट है कि उस ने आप को अनुपयोगी माल बेचा है और धन प्राप्त कर लिया है। यह वैसा ही है कि कोई वीपीपी से आप को ट्रांजिस्टर या कैमरा भेजे लेकिन पैकेट में केवल डिब्बा निकले। इस तरह उसने आप को धन प्रदत्त करने के लिए बेईमानी से उत्प्रेरित किया है। विक्रेता का यह कृत्य धारा 420 भा.दं.संहिता के अंतर्गत अपराध है जिस के लिए विक्रेता को सात वर्ष तक के कारावास का दंड दिया जा सकता है। अंशतः वाद कारण फरीदाबाद में उत्पन्न हुआ है इस कारण से फरीदाबाद के आप के निवास के पुलिस थाने में इस की रिपोर्ट लिखाई जा सकती है जिस पर संज्ञेय अपराधिक मुकदमा दर्ज किया जा सकता है।
आप उक्त फौजदारी कार्यवाही के अतिरिक्त फरीदाबाद के जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच के समक्ष भी अपना प्रतिवाद प्रस्तुत कर सकते हैं जिस में आप आप के द्वारा अदा किए गए धन के साथ साथ आप को हुए शारीरिक व मानसिक संताप के लिए प्रतितोष व खर्चा मुकदमा भी दिलाया जा सकता है।
सायबर ला कया है
त्वरित क़ानूनी सलाह देने के लिए हार्दिक आभार|
दरअसल इस तरह के मामले में तकनिकी से अनभिज्ञ आम व्यक्ति को पहले तो इस तरह खामियों वाली वेब स्क्रिप्ट में कमियों का पता ही नहीं चलता और कुछ कमियों का पता भी चल जाए तो ये लोग उसको ठीक करने के आश्वासन देते देते इतना लम्बा समय खिंच लेते है कि सामने वाला व्यक्ति हार कर उस वेब साईट को चलाने का इरादा ही त्याग देता है|और इस तरह से इन लोगों की ठगी चलती रहती है|
मेरा मानना है कि जिस व्यक्ति ने यह समझते हुए कि मैं भी वेब डिजाईन तकनिकी की थोड़ी समझ रखता हूँ फिर भी उसने मुझे ठगने की कोशिश की तो उस व्यक्ति ने अब तक पता नहीं कितने लोगों के साथ इस तरह की धोखाधड़ी की होगी इसलिए इस तरह के लोगों को सबक सिखाना बहुत जरुरी है|
फिर भी मैं अभी भी अपनी और बड़प्पन दिखाते हुए उस वेब स्क्रिप्ट में कमियां दुरस्त करने हेतु उस व्यक्ति को थोड़ा समय और दे रहा हूँ | फिर भी वह नहीं समझता तो तो मैं निश्चित ही उसके खिलाफ क़ानूनी कार्यवाही करूँगा जिसके लिए बेशक मुझे उस वेब स्क्रिप्ट मूल्य से ज्यादा धन खर्च करना पड़े|