सास से झगड़ा हुआ, माफी मांगने पर भी वह तलाक चाहती है, क्या किया जाए?
|सर्वेश सिंह पूछ रहे हैं —
मेरा विवाह 12 दिसंबर 2009 को हुआ था। पत्नी के साथ मेरा कोई झगड़ा नहीं हुआ लेकिन विदाई को ले कर मेरी सास से कहा सुनी हुई थी। इस में मेरी गलती थी इस लिए मैं ने उन से माफी मांग ली थी। लेकिन फिर भी वे मुझे माफ करने को तैयार नहीं हैं। अब वे चाहती हैं कि हमारा तलाक हो जाए, मेरी पत्नी भी तलाक के लिए कह रही है। जब कि मैं तलाक नहीं चाहता। कृपया मुझे सलाह दें।
उत्तर —
सर्वेश जी,
आप ने जो विवरण तीसरा खंबा को भेजा है, उस के अनुसार आप के विवाह विच्छेद का कोई आधार ही नहीं है। आप तलाक नहीं चाहते। ऐसी स्थिति में तलाक संभव नहीं है। निश्चित रूप से आप की सास आप से यह कह रही होगी कि तलाक रजामंदी से हो जाए। जो आप के न मानने तक संभव नहीं है। आप अपनी सास को स्पष्ट कह दें कि तलाक का कोई आधार और कारण उपलब्ध नहीं है, फिर भी वे चाहती हैं तो तलाक की अर्जी अदालत में प्रस्तुत करवा दें। न्यायालय स्वयं निर्णय कर देगा।
लेकिन आप की सास जिद पर अड़ गई हैं। यदि उन्हो ने किसी वकील से सलाह ली तो निश्चित रूप से आप को घेरने के लिए धारा-125 दं.प्र.सं., धारा 498-ए व 406 भा.दं.सं. के अंतर्गत आप पर मुकदमे किए जा सकते हैं। इस से बचाव के लिए आप को तुरंत चाहिए कि आप हिन्दू विवाह अधिनियम की धारा-9 के अंतर्गत वैवाहिक संबंधों की पुनर्स्थापना के लिए मुकदमा प्रस्तुत कर दें और उस में सारे तथ्य जो आप ने मुझे बताये हैं वे अंकित कर दें। इस से न्यायालय आप दोनों की बात सुन समझ कर समझौता करवा देगा। यदि समझौता संभव नहीं होगा तो आप के पक्ष में वैवाहिक संबंधों की पुनर्स्थापना की डिक्री पारित कर देगा। सब से बड़ी बात तो यह कि आप धारा-125 दं.प्र.सं., धारा 498-ए व 406 भा.दं.सं. के प्रकरणों से बच सकेंगे।
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2 Comments
I’d have to bury the hatchet with you on this. Which is not something I usually do! I enjoy reading a post that will make people think. Also, thanks for allowing me to comment!
अच्छी सलाह!