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विक्रय पत्र फर्जी तैयार करना अपराध है, इस के लिए पुलिस को रिपोर्ट दर्ज कराइए या न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत करें।

समस्या-

भीलवाड़ा, राजस्थान से शिव खटीक ने पूछा है-

खातेदार बदरी लाल ने 1967 में एक बीघा नानूराम जी को बेचा और इसी साल में दूसरा एक बीघा रामप्रसाद जी को भी बेचा।  उक्त दोनों बीघा की खरीदी हुई जमीन को हमने 1971 में अलग अलग करके उक्त दोनों व्यक्तियों से हमने खरीद कर रजिस्ट्री करवा ली थी। जिसमें नानूराम वाला खेत का इंतकाल 1990 में खुल चुका है।  लेकिन दूसरे रामप्रसाद वाले में अभी तक इंतकाल नहीं खोल रहें हैं।  उक्त दोनों बीघा पर आज तक हमारा ही कब्जा चल रहा है और हम काश्तकारी कर रहे हैं।  किंतु सुमित नाम के व्यक्ति ने फर्जी रजिस्ट्री कराकर अपने नाम से इन्तकाल खुलवा लिया है और हमें परेशान कर रहा है कि एक बीघा के कब्जे से हटो, यह जमीन हमारी है। कृपया रामप्रसाद वाले एक बीघा पर इंतकाल खुलवाने के लिये मार्गदर्शन करें।

समाधान-

प ने जमीन के दोनों टुकड़े सही मालिकों से खरीद किए हैं और जमीन पर कब्जा आप का है तो आप को घबराने की जरूरत नहीं है। आप जमीन पर अपना कब्जा बरकरार रख सकते हैं।

प ने यह नहीं बताया कि दूसरे व्यक्ति ने जमीन की जो फर्जी रजिस्ट्री कराई है वह किस तिथि को हुई है, किस व्यक्ति ने उसे जमीन बेची है? यदि उस ने फर्जी रजिस्ट्री के आधार पर इंतकाल खुलवा लिया है तो आप को उस के द्वारा इंतकाल खुलवाने के आदेश की तुरंत अपील प्रस्तुत करना चाहिए। यह कहते हुए कि आप उस जमीन को पहले ही खरीद चुके हैं और आप ने इंतकाल खोलने के लिए आवेदन किया हुआ है लेकिन जानबूझ कर आप के पक्ष में इंतकाल नहीं खोला जा रहा है। आप द्वारा इंतकाल खोलने के लिए दिए गए आवेदन पर तो इस कारण कार्यवाही नहीं होगी कि पहले ही दूसरे के नाम इंतकाल खोला जा चुका है और आप को वर्तमान खुले हुए इंतकाल को ही चुनौती देनी होगी।

प सुमित के नाम हुई विक्रय पत्र रजिस्ट्री के बारे में पहले पूरी जानकारी कीजिए। उस की प्रमाणित प्रति उप पंजीयक के यहाँ से प्राप्त कर लीजिए। फिर कुछ तहकीकात कीजिए की यह फर्जी विक्रय पत्र कैसे पंजीकृत हुआ है? यदि आप पूरी तरह से विश्वास करते हैं कि सुमित के नाम पंजीकृत विक्रय पत्र फर्जी है तो आप उस के लिए पुलिस को प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करवा सकते हैं। यदि पुलिस कार्यवाही नहीं करती है तो आप न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत कर सकते हैं।

दि एक ही व्यक्ति ने पहले आप के नाम जमीन का विक्रय पत्र निष्पादित कर दिया है और बाद में सुमित के पक्ष में तो आप सुमित के नाम पंजीकृत कराए गए विक्रय पत्र को निरस्त कराने के लिए दीवानी न्यायालय में दीवानी वाद प्रस्तुत कर सकते हैं। लेकिन इस में विक्रय पत्र में प्रदर्शित विक्रय की राशि पर न्यायालय शुल्क अदा करना होगा।

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