DwonloadDownload Point responsive WP Theme for FREE!

सीमित कालावधि की किरायेदारी

 बाढ़मेर, राजस्थान से विवेक चौधरी ने पूछा है –

मेरा एक किरायेदार है, मैं ने उस के साथ कोई संविदा (कंट्रेक्ट) नहीं की है। वह छह माह से किरायेदार है,  मैं बहन के विवाह के लिए मकान खाली चाहता हूँ। लेकिन वह हमें कानूनी पहलू में उलझाना चाहता है। आप सलाह दें कि मुझे क्या करना चाहिए?

 उत्तर –

चौधरी जी,

प का मकान यदि बाढ़मेर में है तो जिला मुख्यालय का नगरपालिका क्षेत्र होने के कारण वहाँ राजस्थान किराया नियंत्रण अधिनियम, 2001 प्रभावी है।  किराएदार से संविदा न होने पर भी उस के साथ आप के भू-स्वामी व किराएदार के संबंध हैं। किराएदारी उक्त अधिनियम के प्रावधानों से शासित होती है। आप मकान केवल इस अधिनियम की धारा-9 में वर्णित आधारों पर खाली करवा सकते हैं, अन्य आधारों पर नहीं। इन आधारों में भू-स्वामी को विवाह आदि समारोह की तात्कालिक आवश्यकता के लिए मकान खाली कराने का कोई आधार उपलब्ध नहीं है। इस कारण से आप विधि के अनुसार अपने किराएदार से बहिन के विवाह के लिए मकान खाली नहीं करवा सकते। 
कान खाली कराने का आधार उपलब्ध होने पर भी आप को मकान खाली कराने के लिए किराया अधिकरण में अर्जी प्रस्तुत करनी पड़ेगी। यदि अधिकरण इस अर्जी का शीघ्रता से भी निपटारा करे तब भी सुनवाई के पश्चात निर्णय होने में कम से कम एक-दो वर्ष का समय लगना स्वाभाविक है। इस के उपरान्त यदि आप को सफलता मिल जाए तब भी किराएदार को अपील का अधिकार है। आम तौर पर कम से कम एक वर्ष अपील का निपटारा होने में लगेगा। यदि किराएदार आगे कोई कार्यवाही न करे तब भी आप को निर्णय तथा प्रमाण पत्र के अनुसार मकान खाली कराने में कम से कम तीन माह का समय और लग जाएगा। इस तरह राजस्थान में किसी भी किराएदार से मकान खाली कराने में न्यूनतम समंय तीन वर्ष तो अवश्य ही लगेंगे, वह भी तब जब कि सारी कार्यवाहियाँ त्वरित गति से हों और हर पेशी पर कोई न कोई कार्य आप के मुकदमे में होता रहे। 
दि मकान मालिक किरायेदार से निश्चित अवधि के पश्चात मकान खाली कराना चाहता है तो राजस्थान किराया नियंत्रण अधिनियम, 2001 की धारा-8 में यह उपबंधित किया गया है कि आवासीय प्रयोजनों के लिए मकान मालिक तीन वर्ष तक की सीमित अवधि के लिए परिसर किराए पर दे सकता है, लेकिन इस के लिए भूस्वामी तथा किराएदार को एक संयुक्त अर्जी इस धारा के अन्तर्गत न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करनी होगी। इस अर्जी पर न्यायालय तुरंत सीमित कालावधि की किराएदारी की अनुज्ञा तथा निर्धारित कालावधि के बाद कब्जे की पुनर्प्राप्ति के लिए प्रमाण पत्र जारी कर देगा। इस प्रमाण पत्र के आधार पर भूस्वामी निश्चित कालावधि के उपरान्त किराएदार द्वारा परिसर खाली न करने पर निश्चित कालावधि की समाप्ति के बाद छह माह की कालावधि में किराया अधिकरण को मकान खाली कराने के लिए निष्पादन का आवेदन प्रस्तुत कर तुरंत परिसर का कब्जा प्राप्त कर सकता है। 
 
Print Friendly, PDF & Email