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घरेलू हिंसा के प्रकरण में सभी विपक्षीगण को व्यक्तिगत रूप से न्यायालय में उपस्थित होना आवश्यक नहीं।

alimonyसमस्या-

जमशेदपुर, झारखंड से अमित शर्मा ने पूछा है –

मेरी उम्र 34 साल है और एक साधारण परिवार से हूँ।  मेरी शादी मध्यप्रदेश के जबलपुर की वन्दना शर्मा पुत्री श्री आर पी विश्वकर्मा से 16 अप्रैल 2009 को संपन्न हुई।  ये शादी हमारे पिता जी ने जीवनसाथी मेट्रीमोनी साईट पर वन्दना को देखते हुए, पारिवारिक माहोल में संपन्न की थी।  ठीक एक साल बाद 13 अप्रेल 2010 को मेरे बेटे का जन्म जमशेदपुर में हुआ।  सभी कुछ ठीक ठाक चलता रहा जिसका फोटोग्राफ हमारे है।  इस बीच वन्दना की छोटी बहन राखी विश्वकर्मा की शादी 2011 में हुई जिस में हम सभी परिवार के लोग जबलपुर गए और उसके बाद भी वन्दना को जब वह जबलपुर जाती थी उसे मैं पहुंचाता और जा कर वापस ले आता था।  परन्तु वन्दना का एक बड़ा भाई था जिसका नाम हेमंत विश्वकर्मा था जो 2007 से ही घर छोड़ कर जा चुका है और अभी तक किसी भी तरह की जानकारी नहीं है कि वो दुनिया में है भी कि नहीं। उस ने एमबीए की पढाई की थी। दूसरे भाई श्री अमित विश्वकर्मा जो जबलपुर कोर्ट में पेशे से वकील हैं, उनकी शादी 27 फ़रवरी 2012 को संपन्न हुई। उस शादी में वन्दना और मेरे बेटे देव्याम को 15 फ़रवरी 2012 को मैं जबलपुर छोड़ कर आया। जिसका प्रूफ मेरे पास है। वन्दना के पापा ने हम सब को वकील श्री अमित विश्वकर्मा जी की शादी में मेरे परिवार और भी रिश्तेदारों के नाम इनविटेशन कार्ड दिया था। जिस में मैं मेरे पापा, बहन, बहनोई, मम्मी कुल पांच लोग शादी के अवसर पर जबलपुर गए। उन्हों ने तोहफे वगैरह दिए। वापस आने के समय वन्दना ने हम सब से राजी खुशी से वादा किया कि मैं मेरी नई भाभी के साथ 10-12 दिन गपशप और दोस्ती कर पापा के संग देव्याम को लेकर आ जाउंगी।  देव्याम को मैंने  और वन्दना ने विचार विमर्श कर के जी किड्स स्कूल जमशेदपुर दाखिला करवाया था और स्कूल में 10 दिनों की छुट्टी का आवेदन दे कर भाई की शादी में वन्दना जबलपुर गई थी। लेकिन अब वो वापस जमशेदपुर नहीं आना चाहती। उल्टा उसने जबलपुर से घरेलु हिंसा का एक केस कर दिया है जो हम सब की सोच से बाहर है।  वन्दना को जबलपुर गए एक साल पांच महीने हो रहे हैं। घरेलू हिंसा के केस में जबलपुर में 26 जुलाई 2013 की तारीख है। उसने हम पांचो लोगों पर झूठा आरोप लगा कर ये साबित कर दिया है कि किसी पर विश्वास नहीं किया जाये।

मैं ने जमशेदपुर के कोर्ट में सेक्शन 9 का मुकदमा किया हुआ है जिसमें वन्दना कोर्ट में किसी भी तारीख पर हाजिर नहीं हुई है। कोर्ट के आदेश पर जबलपुर के दैनिक भास्कर समाचार पत्रिका में छपवाया गया था तो उसने जबलपुर से हम सब पर लगाये गए आरोपों के साथ पुलिस की सुरक्षा देने की अपील कि है।  हमें जबलपुर के कोर्ट में या सुप्रीम कोर्ट में वकील दे कर इस झूठे मुकदमें से मुक्ति दिलाएँ।

समाधान-

प ने अपनी समस्या का कोई कारण नहीं बताया। बिना कारण तो कोई समस्या उत्पन्न नहीं होती। विवाह को चार वर्ष हो चुके हैं तथा एक तीन वर्ष का पुत्र भी है। वैसी स्थिति में अकारण तो आप की पत्नी ने ऐसा कदम नहीं उठाया होगा। कुछ तो उस के पीछे कारण मूल कारण होंगे ही। आप उन कारणों को खोजें और विवाद को हल करने का प्रयत्न करें।

प की पत्नी ने घरेलू हिंसा में मुकदमा लगाया है। इस का अर्थ यह है कि आप की पत्नी आप से विवाद को आगे नहीं बढ़ाना चाहती। यदि विवाद आगे बढ़ाने की मंशा होती तो वह इस से अधिक गंभीर मुकदमे आप के विरुद्ध कर सकती थी वह भी उस अवस्था में जब कि उस का एक भाई वहीं जबलपुर में वकालत का व्यवसाय कर रहा हो। आप को इस मुकदमे का संकेत समझना चाहिए और जबलपुर जा कर स्वयं या किसी मध्यस्थ के माध्यम से आपसी बातचीत से मामले को सही रास्ते पर लाना चाहिए।

रेलू हिंसा अधिनियम के अन्तर्गत मुकदमे में सभी विपक्षीगण को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने की आवश्यकता नहीं है। विपक्षीगण अपने वकील के माध्यम से न्यायालय के समक्ष उपस्थिति दे सकते हैं और आवेदन पत्र का उत्तर दे सकते हैं। आप को सिर्फ इतना करना पड़ेगा कि आप सभी विपक्षीगण से वकालतनामे पर हस्ताक्षर करवा कर जबलपुर ले जाएँ और वहाँ जिस भी वकील को नियुक्त करें उसे दे दें। वह वकील आपके अतिरिक्त जितने भी विपक्षी इस कार्यवाही में पक्षकार बनाए गए हैं उन की ओर से न्यायालय के समक्ष उपस्थिति दे देगा और जवाब प्रस्तुत कर देगा। बाद में जिस जिस को आप गवाही के लिए प्रस्तुत करना चाहें उसे उपयुक्त तारीख पेशी पर साथ ले जाएँ।

बलपुर में आप को वकील करने में परेशानी हो तो आप वहाँ के वरिष्ठ वकील श्री राजेन्द्र जैन से संपर्क कर उन्हें अपना वकील नियुक्त कर सकते हैं।  उन का पता बी-2 समदरिया रेजीडेंसी, पेट्रोल पम्प के पास,  ब्योहार बाग, जबलपुर है। उन के टेलीफोन नंबर 9425150896/ 07812621177/ 0761 2521177 हैं।

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