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स्टाम्प पर नोटेरी से प्रमाणित तलाकनामा या मुक्ति-पत्र वैध नहीं है।

समस्या-

गोंदिया, महाराष्ट्र से राहुल ने पूछा है

मैं हिन्दू हूँ, मेरा विवाह 2013 में हुआ था। में ने जिला न्यायलाय से 2016 में तलाक की डिक्री पारित करा ली। छह माह बाद दूसरा विवाह किया। दूसरी पत्नी का भी यह दूसरा विवाह है। पर उस ने 100 रुपए के स्टाम्प पेपर पर मुक्ति का दस्तावेज लिख कर तलाक लिया है, इस बात की जानकारी मुझे शादी के छह माह बाद हुई हैं। मेरी दूसरी पत्नी तलाक लेने के बाद भी अपने पता के घर से भाग गई थी और एक साल अपने पहले पति के साथ रही। अब मुझे मानसिक परेशानी दे रही है, धमकी देती है कि मैं आत्महत्या कर लूंगी। 498 में अन्दर करवा दूंगी वगैरा वगैरा। मुझे शुगर की बीमारी हो गयी है। मेरी बीमारी का फायदा उठा कर मुझे परेशान कर रही है। मैं बेवजह डिप्रेशन में हूँ। मैं उस से मुक्ति पाना चाहता हूँ। क्या मैं अपनी प्रेमिका से शादी कर सकता हूँ?

समाधान-

प ने जब दूसरा विवाह किया तब आप की पत्नी ने कहा कि वह शादीशुदा है और उस का तलाक हो चुका है तो आप को उस की तलाक की डिक्री देख लेनी चाहिए थी। यह जरूरी है। सब को देखनी चाहिए। मुक्ति के दस्तावेज का कोई विधिक मूल्य नहीं है। जैसे ही आप को पता लगा वैसे ही आप को तुरन्त अपनी पत्नी से अलग हो जाना चाहिए था और तुरन्त धारा 11 हिदू विवाह अधिनियम के अंतर्गत विवाह को शून्य एवं अकृत घोषित करने का दावा करना चाहिए था।

प को अब भी अपनी पत्नी से तुरन्त अलग हो जाना चाहिए और उक्त प्रकार से घोषणा का दावा कर देना चाहिए।

प जानते हैं कि आप का विवाह शून्य और अकृत है इस कारण से आप अब किसी अन्य स्त्री से विवाह कर सकते हैं। उस के लिए दूसरे विवाह के शून्य व अकृत घोषित होने की डिक्री की प्रतीक्षा करने की कोई आवश्यकता नहीं है।