स्त्री के उत्तराधिकार में पति का हिस्सा
|समस्या-
अभिलाषा प्रसाद ने मुरी, झारखंड से समस्या भेजी है कि-
मेरी माँ ने अपनी शादी में मिले गहनों को बेच कर जमीन खरीदी अपने नाम से और उस पर घर भी बनाया। लेकिन कुछ दिनों बाद बीमारी से उनकी मृत्यु हो गई है। इस के बाद मेरे पिता ने दूसरी शादी कर ली है। अब वह मेरे माता की सम्पत्ति मांग रहा है क्या मेरे पिता या सौतेले भाई को इस सम्पत्ति में हिस्सा मिलेगा। मेरी माता के हम चार सन्तान हैं तीन बेटी और एक बेटा। एक सौतेला बेटा है। कैसे हिस्से होंगे?
समाधान-
किसी भी स्त्री की संपत्ति उस की संपत्ति होती है। उस में किसी का अधिकार नहीं होता। यदि वह स्त्री कोई वसीयत नहीं करती है तो उस संपत्ति उत्तराधिकार के नियमों से उस के उत्तराधिकारियों को प्राप्त हो जाती है।
आप की माता की संपत्ति उन की स्वयं की स्वअर्जित है। उन्हों ने कोई वसीयत नहीं की थी। इस कारण वह संपत्ति उन के उत्तराधिकारियों को प्राप्त होगी।
आप की माता जी के उत्तराधिकारियों में आप के पिता, आप स्वयं और आप की तीन बहनें, कुल पाँच उत्तराधिकारी हैं। सौतेला पुत्र आप की माँ का उत्तराधिकारी नहीं है। इस तरह माँ की संपत्ति के पाँच समान हिस्से होंगे और उन में से एक हिस्सा अर्थात कुल संपत्ति का पाँचवा हिस्सा ही आप के पिता प्राप्त करने अधिकारी हैं। एक एक हिस्सा आप चारों भाई बहन प्राप्त करने के अधिकारी हैं।
हमारी दादी ने उसके पहले पति की मोत होने के बाद हमारे दादाजी को अपने पति के रूप में रख लिया था हमारी दादा के पहले पति से एक लड़का हु था उसके बाद मेरे दादाजी से दादी को दो लड़के और एक लड़की हुई हमारी जमीन पहले वाले दादाजी के लडके के नाम से थी पहले वाले लड़के की शादी होने के बाद उनके जीवित कल में उनकी पत्नी उनको छोड़कर किसी और के साथ शादी कर ली और उनके कोई संतान नहीं हेने की वजह से उनके नाम की जमीन मेरे पिताजी और ताऊजी के नाम १९९६ में हो गई अब उनकी पत्नी ने मेरे पिताजी पर केस किया है की यह जमीं मेरे पति के नाम होने से में इस जमींन की हक़दार हु और यह जमीं मुझे मिलनी चाहिए इसमें उचित हक़दार कौन है मेरे पिताजी या दूसरा विवाह करने वाली औरत
हमारी दादी ने उसके पहले पति की मोत होने के बाद हमारे दादाजी को अपने पति के रूप में रख लिया था हमारी दादा के पहले पति से एक लड़का हु था उसके बाद मेरे दादाजी से दादी को दो लड़के और एक लड़की हुई हमारी जमीन पहले वाले दादाजी के लडके के नाम से थी पहले वाले लड़के की शादी होने के बाद उनके जीवित कल में उनकी पत्नी उनको छोड़कर किसी और के साथ शादी कर ली और उनके कोई संतान नहीं हेने की वजह से उनके नाम की जमीन मेरे पिताजी और ताऊजी के नाम १९९६ में हो गई अब उनकी पत्नी ने मेरे पिताजी पर केस किया है की यह जमीं मेरे पति के नाम होने से में इस जमींन की हक़दार हु और यह जमीं मुझे मिलनी चाहिए इसमें उचित हक़दार कौन है मेरे पिताजी या दूसरा विवाह करने वाली औरत
कृपया अपनी समस्या कमेंट में लिखने के स्थान पर कानूनी सलाह लिंक पर क्लिक करने पर खुलने वाले फार्म में भेजें। तभी हम समस्या का कोई समाधान पेश कर सकेंगे। धन्यवाद!
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