स्त्री स्वयं विवाह विच्छेद की अर्जी प्रस्तुत कर सकती है।
|जय प्रकाश सोडानी ने भीलवाड़ा, राजस्थान से समस्या भेजी है कि-
मैं एक लड़की से शादी करना चाहता हूँ जिस की उम्र 26 साल है। वो शादीशुदा है। उसकी 8 साल पहले शादी हुई थी। लेकिन उन दोनों की कभी नहीं बनी तथा पिछले 2 साल से वह अपने माता पिता के पास रह रही है। उस के 1 लड़की 8 साल की तथा लड़का 5 साल का है। हम दोनों बहुत घनिष्ठ मित्र हैं तथा जब भी उसे किसी चीज़ की ज़रूरत होती है या कोई मदद की ज़रूरत होती है तो मैं कर देता हूँ। अब हम दोनों शादी करना चहते हैं। वह उस के पति के साथ नहीं रहना चाहती है लेकिन उसका पति आये दिन उसे परेशान करता रहता है, गाली गलौच करता है। वह कहीं भी काम करके अपना और बच्चों का गुजारा करती है। लेकिन उस का पति हर जगह आ कर परेशान करता है। जिस से वो कहीं काम भी नही कर पाती है। वह उस इंसान के साथ जाना नहीं चाहती है। उस के माता पिता भी उस के पति से परेशान हैं क्योंकि वह रोज़ रोज़ उन के यहाँ आ के गाली गलौच करता है। वे लोग भी हमारी शादी कराना चाहते हैं। ताकि वह खुश रहे और मुझे और मेरे परिवार को भी कोई समस्या नहीं है। लेकिन उसका पति उसे तलाक देना नहीं चाहता और लड़की उस के पास जाना नहीं चाहती। इस समस्या का क्या तरीका निकालें कि उस का पति उस का पीछा छोड कर उसे तलाक दे तथा हम लोग शादी कर सकें।
समाधान–
आप की मित्र के पति की जो कहानी आप ने बताई है उस से तो लगता नहीं है कि किसी भी परिस्थिति में पति आप की मित्र को तलाक देने को तैयार होगा। पर आप ऐसा क्यों सोचते हैं कि उस का पति तलाक देगा तभी तलाक हो सकता है।
हिन्दू विवाह अधिनियम में पति और पत्नी दोनों को कुछ विशेष आधारों पर तलाक लेने का अधिकार प्रदान किया गया है। आप ने जितना कुछ बताया है उस से स्पष्ट है कि आप के मित्र के पति का व्यवहार न केवल अपनी पत्नी के प्रति अपितु उस के संबंधियों के प्रति भी क्रूरता पूर्ण है। तलाक के आधारों में क्रूरता पूर्ण व्यवहार भी एक आधार है जिस के कारण आप की मित्र अपने पति के विरुद्ध विवाह विच्छेद की अर्जी प्रस्तुत कर सकती है और विवाह विच्छेद प्राप्त कर सकती है।
इस के अतिरिक्त आप की मित्र को धारा 498ए तथा 406 आईपीसी के अन्तर्गत पुलिस में शिकायत दर्ज करानी चाहिए। पुलिस शिकायत दर्ज न करे तो उसे न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत कर मुकदमा दर्ज कराना चाहिए। इस के साथ ही अपने व अपने बच्चों के लिए भरण पोषण के लिए भी धारा 125 दंड प्रक्रिया संहिता के अन्तर्गत आवेदन प्रस्तुत करना चाहिए। ये तीनों कार्यवाहियाँ इन परिस्थितियों में किया जाना किसी भी प्रकार से गैरवाजिब नहीं है।
इन तीन कार्यवाहियों से आप के मित्र के पति पर दबाव बनेगा और वह विवाह विच्छेद के लिए तैयार हो सकता है। यदि वह तैयार न भी हो तो भी न्यायालय से विवाह विच्छेद की डिक्री प्राप्त की जा सकती है। विवाह विच्छेद होने तक आप को आप की मित्र से विवाह करने के लिए प्रतीक्षा करनी होगी। इस के अतिरिक्त कोई भी ऐसा उपाय नहीं है जिस से आप दोनों विवाह कर सकते हों।
महोदय आप से निवेदन है की
498a क्यों करने की सलाह देते है?
जब की दहेज़ तो माँगा ही नही गया है इस प्रकरण में
क्या यह गलत राय नही है ?
क्या ४९८अ का गलत उपयोग नही है?
लडकी को अपना जीवन जीने का अधिकार है । आगे बढ अपनी जिन्दगी खुशहाल बनाने के लिए आज ही उसे कदम उठा लेना चाहिए ।
अगर इन सब के होते हुए उसके माता पिता भी उसका साथ ना दे क्यों की उनको भी अपनी इज्जत प्यारी है और कोर्ट में ना जाने दे तो में किस तरह उसकी मदद कर सकता हु कृपया रास्ता दिखाए
धन्यवाद
अगर वो हमारे रिश्ते को गलत बता कर कोर्ट या दूसरे लोगो को भर्मित करे तो क्या करना चाहिए क्योकि वो अक्सर मेरी दोस्त की कॉल डिटेल्स चेक करता रहता है तःथा कहता है की में सब को बताऊंगा की तू कैसी है और तुझे बदनाम करूँगा इस डर से में तुझे तलाक भी नही मिलने दूंगा.
अगर वो कॉल डिटेल्स निकाल कर या और किसी तरीके से हमको बदनाम करता है तो क्या करना चाहिए हम लोग डर नहीं रहे लेकिन लोगो और कोर्ट को ये सब जवाब नही देना चाहते तो क्या कोर्ट उसकी ये सब बाते सुन के उसके तलाक में अड़चन हो सकती है
आपके सराहनीय प्रयास के लिए बहुत बहुत धन्यवाद.