हस्तान्तरण विलेख के पंजीयन के बिना आप स्थावर/अचल संपत्ति के स्वामी नहीं हो सकते।
|कैथल, हरियाणा से यश ने पूछा है-
मैंने कुछ जमीन लगभग २० वर्ष पहले अनुसूचित जाति के लोगो से खरीदी है, उस जमीन की असली मालिक ग्राम पंचायत है। यह जमीन ग्राम पंचायत द्वाराअनुसूचित जाति के लोगों को दी गयी थी| अनुसूचित जाति की जमीन होने के कारनउसकी रजिस्ट्री नहीं हो रही है। मैंने कुछ लोगों से पंचायत में उसकेखरीदने और उसके कब्जे का साधारण कागज पर लेख लिया है जिस में गवाह के रूप मेंग्राम पंचायत की मुहर भी सरपंच द्वारा लगाई हुई है तो कुछ स्टाम्प पेपर परनोटरी द्वारा अटेस्टेड है। अब मैं उस जमीन पर घर बनाना चाहता हूँ उस जमीन परमेरा कब्ज़ा भी तभी से है जब से वो जमीन मैंने खरीदी है। यदि मैं उस जमीन परघर बना लूँ तो कोई दुविधा तो नहीं होगी।
समाधान-
यह ठीक है कि आप ने जमीन खरीदी है जिस के सबूत के रूप में आप के पास सादे कागज पर विक्रय विलेख है और स्टाम्प पर नोटेरी का अटेस्टेशन भी है। पर ये सब मात्र एग्रीमेंट हैं। इन दस्तावेजों से अचल संपत्ति का हस्तान्तरण नहीं हो सकता। इन दस्तावेजों के आधार पर इतना तो माना जा सकता है कि आप ने उक्त जमीन खरीदने का सौदा किया। उस की कीमत अदा कर दी और कब्जा प्राप्त कर लिया। बीस साल से आप का कब्जा है। लेकिन आप किसी भी तरह उस के स्वामी नहीं हुए हैं। क्यों कि किसी भी स्थावर संपत्ति का स्वामित्व केवल रजिस्टर्ड हस्तान्तरण पत्र के माध्यम से ही प्राप्त किया जा सकता है।
मुझे लगता है कि इस जमीन के विक्रय पत्र का पंजीयन न हो सकने का कारण यह नहीं है कि वह जमीन अनुसूचित जाति के लोगों की है। इस का मूल कारण यह होना चाहिए कि जमीन उन्हें पंचायत ने मकान बना कर रहने को दी। उन्हों ने मकान नहीं बनाया बल्कि उस का कब्जा आप को बेच दिया। पंचायत ने उन्हें कभी उस का स्वामित्व हस्तान्तरित ही नहीं किया था। जिस से वे उस के मालिक नहीं बन सके। जो व्यक्ति खुद किसी संपत्ति के मालिक नहीं हैं वे कैसे आप को स्वामित्व हस्तान्तरण कर सकते हैं। यदि ग्राम पंचायत उन्हें पट्टा जारी करती और वे उस पट्टे का पंजीयन करवा लेते तो वे उस जमीन के स्वामी हो सकते थे। तब वे आप को वह भूमि हस्तान्तरित कर के उस का पंजीयन करवा सकते थे।
अब आप मकान तो बना सकते हैं, हो सकता है उस में कोई भौतिक बाधा खड़ी न हो। लेकिन ग्राम पंचायत जो कि सरकार की प्रतिनिधि है। सरकार के किसी निर्णय के आधार पर उस भूमि पर से उस के अनुसूचित जाति के लोगों का आवंटन रद्द कर सकती है। वैसी स्थिति में आप का उक्त जमीन पर कब्जा भी अवैध हो सकता है। उस पर से आप को हटने के लिए भी कहा जा सकता है। हालांकि ऐसे मामलों में अक्सर यह होता है कि सरकार या ग्राम पंचायत उक्त भूमि का प्रीमियम ले कर कब्जेदार को पट्टा जारी कर देती है और कब्जेदार उस पट्टे का पंजीकरण करवा कर लीज होल्ड स्वामित्व प्राप्त कर लेता है।
मैंने 600 वर्ग मी. कृषि भूमि खरीद कर रजिस्ट्री करवा ली है । क्या इसका इन्तकाल चढाना या पट्टा बनवाना आवश्यक होगा?
पंकज सैनी, अलवर (राजस्थान)
सर अपंजकृत विक्रय पत्रो के आधार पर कोर्ट में दावे की अवधि कितनी है /सर अपंजकृत विक्रय पत्रो के कितने साल तक कोर्ट ने दावा किया जा सकता है
सूचना के अधिकार में मिली सूचना से काम न चलेगा। आप उक्त भूमि का रिकार्ड देखिए वह किस रूप में दर्ज है और उस की वर्तमान स्थिति क्या है? कौन उस का स्वामी है? रिकार्ड की प्रमाणित प्रति लीजिए और फिर किसी स्थानीय वकील से सलाह कीजिए।
दिनेशराय द्विवेदी का पिछला आलेख है:–.हस्तान्तरण विलेख के पंजीयन के बिना आप स्थावर/अचल संपत्ति के स्वामी नहीं हो सकते।
महोदय मैं आपकी बात से बिलकुल सहमत हूँ लेकिन उकत जमीं के बारे में मैंने सुचना का अधिकार के अंतर्गत जब सुचना मांगी तो उसमे ग्राम पंचायत और अनुसूचित जाती के लोगो को उसका मालिक बताया गया है और उन्होंने बताया की इसकी रजिस्ट्री नहीं हो सकती है यह जमीं गद्दा खाद के नाम से है ये जमीं उसी प्रकार की है जैसे अनुसूचित जाती के लोगो को अभी अभी १०० १०० गज के प्लाट दिए गए है उस जगह पर स्वर्ण जाती के लोगो के गद्दे खाद भी है जिनकी रजिस्ट्री हो जाती है मुझे दर है की कहीं मैं अस सी अस टी एक्ट में तो न फस जाऊं