हैकिंग आई टी एक्ट में गंभीर अपराध है।
समस्या-
दुर्ग, छत्तीसगढ़ से सचिन ने पूछा है-
कई लोगों से करोड़ों की ठगी कर एक शातिर व प्रभावशील ठग पिछले तीन साल से फरार है आरोपी के राजनैतिक प्रभाववश पुलिस आज तक मामले को लटका कर रखी है। एक पीड़ित ने आरोपी का ई-मेल हेक किया उस में कई सबूत प्राप्त हुए तथा उसके कुछ अन्य साथियों के बारे में जानकारी व सबूत प्राप्त हुए हैं। सबूत अत्यंत महत्वपूर्ण हैं जिससे उसका व उसके सहयोगियों का अपराध सिद्ध हो सकता है, मगर समस्या यह है कि उन सबूतों का किस तरह से उपयोग करें ताकि उस ठग व उसके सहयोगियों पर कार्यवाही हो सके? क्या इस तरह से प्राप्त सबूत आई टी एक्ट का उलंघन हैं? क्या हम उस सबूतों का उपयोग न्यायालय में कर सकते हैं?
समाधान-
सबूत तो सबूत हैं। वे किस तरह हासिल किए गए हैं यह महत्वपूर्ण नहीं है। हैकिंग आई टी एक्ट में एक गंभीर अपराध है। लेकिन इस अपराध साबित करने के लिए अभियोजन पक्ष को साबित करना होगा कि वाकई हैकिंग की गई थी। उस के लिए हैकर के विरुद्ध सबूत अभियोजन कैसे हासिल करेगा यह आप को कोई तकनीकी व्यक्ति ही बता सकता है।
यदि आप को सबूत प्राप्त हुए हैं तो आप उन का उपयोग न्यायालय में परिवाद के माध्यम से कर सकते हैं। परिवाद को धारा 156 (3) दंड प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत पुलिस को अन्वेषण के लिए भेजा जा सकता है। पुलिस उन्हीं सबूतों को कानूनी रूप से प्राप्त कर सकती है। पुलिस कार्यवाही को त्वरित और असरदार बनाने के लिए मीडिया का उपयोग किया जा सकता है।