DwonloadDownload Point responsive WP Theme for FREE!

नए कानून आम तौर पर गजट प्रकाशन की तिथि से प्रभावी होते हैं।

समस्या-

नायरा खान ने नैनपुर जिला मांडला मध्यप्रदेश से पूछा है-

हमारा एसडीएम कोर्ट में वसीयत को लेकर मामला चल रहा है। वसीयत हिंदू क़ानून से रजिस्टर्ड करवाई हुई है। जिसे हमने मुस्लिम विधि द्वारा चुनौती दी है। अगर देश मे इस बीच यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू हो जाए तो क्या हमारा मुस्लिम विधि वाला आधार खत्म हो जाएगा?

समाधान-

आप को बहुत गलतफहमियाँ हैं। एक तो जितना आसान नोटबंदी करना और संविधान से अनुच्छेद 370 को संशोधित करना है उतना आसान यूनीफॉर्म सिविल कोड लागू होना नहीं है। उसके लिए अनेक कानून बदलने होंगे और हिन्दू कानून भी बदलने होंगे। फिर यदि कोई कानून बदला भी तो वह उस दिन से प्रभावी होगा जिस दिन वह राष्ट्रपति के हस्ताक्षर हो कर गजट में प्रकाशित होगा। उस से पूर्व के सभी मामले पुराने कानून से ही शासित होंगे। इस तरह आप का जो मुकदमा चल रहा है वह पुराने कानून से ही निर्णीत होगा।

वसीयत को पंजीकृत कराने का कानून हिन्दू कानून नहीं है। वसीयत शब्द भी हिन्दी का नहीं है। कोई भी व्यक्ति किसी दस्तावेज को सब रजिस्ट्रार के कार्यालय में जा कर पंजीकृत करवा सकता है। फिर मुस्लिम लॉ के अंतर्गत भी वसीयत की जा सकती है। लेकिन वह उत्तराधिकारियों के हक में नहीं की जा सकती और केवल एक तिहाई संपत्ति की ही की जा सकती है। इसी कारण उक्त वसीयत पंजीकृत हुई है। वैसे यदि पर्सनल लॉ में कोई परिवर्तन भी आता है तो उसका आप के वर्तमान मुकदमे पर कोई असर नहीं होगा।

One Comment