अनुकम्पा नियुक्ति के लिए अन्य आश्रितों की अनापत्ति आवश्यक
|समस्या-
गुना, मध्यप्रदेश से विकास शर्मा ने पूछा है –
मेरे पिताजी का स्वर्गवास दिनांक 30.12.2012 को हो गया है। मेरे पिताजी ने मेरी माता जी के देहान्त के बाद दूसरा विवाह किया था जिस से 2 पुत्रियाँ हैं। हम दो भाई उनकी पहली पत्नी मेरी माताजी से हैं। पिताजी नगरपालिका में लेखापाल के पद पर सेवारत थे उनकी मृत्यु के बाद हमारे पिताजी की दूसरी पत्नी उन की नौकरी एवं उनका पूरा पैसा चाहती है, वह हमें कुछ भी नहीं देना चाहती। इस विषय में आप से मार्गदर्शन चाहता हूँ। मैं अपने पिता जी के स्थान पर अनुकंपा नियुक्ति चाहता हूँ। यह कैसे संभव होगा?
समाधान-
आप के पिता के सेवा संबंधी लाभों में पेंशन के अतिरिक्त उन की ग्रेच्यूटी, बकाया वेतन और भविष्य निधि राशि सम्मिलित है। इस के अतिरिक्त बैंक, बीमा आदि की राशि जो सेवा से संबंधित नहीं है वह भी हो सकती हैं। पेंशन के अतिरिक्त जो भी सेवा संबंधी लाभ तथा अन्यत्र जमाएँ हैं वे सब आप के पिता जी की सम्पत्ति थीं जो उन की मृत्यु के साथ ही उन के उत्तराधिकारियों को प्राप्त हो गयी हैं।
आप के पिता ने दूसरा विवाह आप की माता जी के देहान्त के उपरान्त किया था। इस तरह उन का दूसरा विवाह वैध है और आप की विमाता भी आप के पिता की उत्तराधिकारी हैं। इस तरह आप के पिता के पाँच उत्तराधिकारी आप की विमाता, आप दोनों भाई तथा दो बहनें हैं। इस तरह आप की समस्त चल-अचल संपत्ति, बीमा से प्राप्त राशि, बैंक में जमा राशियाँ, उन की नौकरी के कारण मिलने वाली ग्रेच्युटी, भविष्य निधि आदि सभी अब आप पाँचों की सँयुक्त संपत्तियाँ हैं। प्रत्येक कुल संपत्ति में पाँचवें भाग का अधिकारी है। चल अचल संपत्ति के लिए विभाजन का वाद प्रस्तुत किया जा सकता है। जो राशियाँ आप के पिता के नियोजक से अथवा बीमा बैंक आदि से प्राप्त होनी शेष हैं उन के लिए उत्तराधिकार प्रमाण पत्र हेतु जिला न्यायाधीश के न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत किया जा सकता है।
यदि आप को आशंका हो कि इन राशियों में से किसी राशि का भुगतान आप की माता जी या किसी अन्य व्यक्ति को किया जा सकता है और आप को प्राप्त नहीं होगा, तो वैसी स्थिति में आप दीवानी न्यायालय में स्थाई व्यादेश हेतु वाद प्रस्तुत कर अस्थाई व्यादेश (Injuction) प्राप्त कर सकते हैं। वैसी स्थिति में उक्त सभी राशियों का भुगतान केवल उत्तराधिकार प्रमाण पत्र के आधार पर ही किया जा सकेगा।
जहाँ तक पेंशन का प्रश्न है वह केवल आप की विमाता तथा अवयस्क पुत्र पुत्रियों को ही प्राप्त हो सकती है। यदि आप दोनों भाई वयस्क हो चुके हैं तो आप का पेंशन पर कोई अधिकार नहीं है।
अनुकम्पा नियुक्ति कोई अधिकार नहीं है। इस का आधार यह है कि किसी कर्मचारी का अचानक देहान्त हो जाने पर उस का परिवार अचानक संकट में न आ जाए। फिर अनुकम्पा नियुक्ति केवल रिक्त पद के विरुद्ध ही प्रदान की जा सकती है। इस के लिए मृत शासकीय कर्मचारी के परिवार को यह तय करना होगा कि किस व्यक्ति को नियुक्ति दी जाए। इस के लिए परिवार के सभी वयस्क सदस्यों को अनापत्ति प्रकट करनी होगी। आप अनुकम्पा नियुक्ति तभी प्राप्त कर सकते हैं जब कि आप का भाई तथा आप की विमाता दोनों ऐसी नियुक्ति में आपत्ति न होने संबंधित घोषणा विभाग को लिख कर दें। इसी तरह आप की विमाता को भी यह नियुक्ति तभी प्राप्त हो सकती है जब कि आप दोनों भाई उस नें अनापत्ति प्रकट करें। इस कारण आप तीनों को आपस में ही तय करना होगा कि किस व्यक्ति को नियुक्ति दी जाए। यदि अनापत्ति नहीं दी जाती है तो किसी भी व्यक्ति को अनुकम्पा नियुक्ति प्राप्त नहीं होगी। यदि आप नियुक्ति चाहते हैं तो आप अपने भाई व विमाता से किस तरह अनापत्ति प्राप्त कर सकते हैं उस का मार्ग आप को ही निकालना होगा।
सर जी, मृत्हू के कितने समय की भीतर अनुकम्पा नियुक्ति प्राप्त की जा सकती है. और क्या योग्यता के आधार पर पिता के पद से उच्चा पद पर नियुक्ति प्राप्त हो सकती है ???