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माता पिता की संपत्ति उन के जीवन काल में उन की है, वे उसे वसीयत कर सकते हैं।

property-partition1समस्या-
गर्दनीबाद, बिहार से बद्री प्रसाद ने पूछा है –

म दो भाई हैं। दोनों विवाहित एवं बाल बच्चेदार हैं। कुछ वर्षों से मेरे माता-पिता को मेरी पत्नी का व्यवहार ठीक नहीं लग रहा है जिस कारण घर में रोज-रोज लडाई झगडा हो रहा है और वं हम लोगों को अपने घर से निकलने को कह रहे हैं। पापा के मित्र मुझे बतलाये कि वे वकील से मिल कर कोर्ट से हमलोगों को अपनी सम्पत्ति से बेदखल कराने वाले हैं।  कृपया मुझे बतलाएं कि यदि वे कोर्ट द्वारा अपनी सम्पत्ति से हम लोगों को बेदखल करा देगें तो फिर उन लोगों की मृत्यु के बाद उनकी सम्पत्ति में मेरा अधिकार बनेगा या नही? क्योंकि वे लोग अतिवृद्ध भी हो गए हैं। उन लोगों की मृत्यु के बाद उनकी सम्पत्ति में केवल छोटे भाई का ही हक होगा या मेरा भी होगा? मैं बहुत चिन्तित हूँ। कृपया सलाह दें।

समाधान-

प के माता पिता की संपत्ति यदि उन की स्वअर्जित है तो उस पर उन का पूर्ण अधिकार है। यदि आप उन के साथ रह रहे हैं तो उन की इच्छा से ही रह रहे हैं। वे आप को उस संपत्ति से निकलने को कह सकते हैं, लेकिन आप न निकलें तो जबरन निकाल नहीं सकते। उस के लिए उन्हें आप के वहाँ रहने की अनुज्ञा (लायसेंस) समाप्त करनी होगी। फिर भी आप वह घर नहीं छोड़ते हैं तो आप के विरुद्ध संपत्ति में आप के रहने के भाग का कब्जा प्राप्त करने के लिए दीवानी वाद आप के पिता जी को करना होगा।

किसी को संपत्ति से बेदखल करने की कोई कानूनी प्रक्रिया नहीं होती। क्यों कि अभी तो वह संपत्ति आप की है ही नहीं उस से आप को बेदखल कैसे किया जा सकता है? हाँ अपनी संपत्ति की वसीयत करने का अधिकार सब को होता है। आप के पिता भी अपनी संपत्ति की वसीयत कर सकते हैं। यदि आप के पिता कोई वसीयत करते हैं और उस में वे आप को कोई हिस्सा नहीं देते और आप के छोटे भाई या किसी भी अन्य व्यक्ति या व्यक्तियों को वसीयत करते हैं तो आप को उस संपत्ति में कोई हिस्सा प्राप्त नहीं होगा।

लेकिन यदि आप के पिता कोई वसीयत नहीं करते हैं तो उन के बाद हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम के अनुसार आप की माता जी और आप के भाई, बहनों का उस संपत्ति में बराबर का हिस्सा प्राप्त होगा। चूँकि आप का व आप के भाई का उक्त संपत्ति पर आज कोई अधिकार नहीं है इस कारण आप उस के बारे में आज कोई कानूनी प्रक्रिया आरंभ भी नहीं कर सकते। अच्छा ये है कि आप और आप की पत्नी माता-पिता से अच्छा व्यवहार करें और साथ रहें तथा अपने पिता को कोई वसीयत न करने या वसीयत में सभी उत्तराधिकारियों के साथ समान व्यवहार करने को प्रेरित करें। अन्यथा संपत्ति से वंचित होने को तैयार रहें।

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