क्रूरता के आधार पर तलाक का मुकदमा करें।
|शिरीश गौड़ ने इन्दौर, मध्यप्रदेश से समस्या भेजी है कि-
मेरी शादी 08/06/2014 को हुई थी। 24/02/2015 को मेरी पत्नी होली के त्यौहार के लिए अपने पिता के साथ ख़ुशी ख़ुशी अपने मायके गयी थी तब से आज तक वह अपने ससुराल वापस नहीं आई है।| मैंने बुलाने के लिए काफी प्रयास किये और 01/05/2015 को महिला थाना में उसको घर बापिस बुलाने के लिए एक आवेदन दिया।| मेरे आवेदन को महिला थाना द्वारा मेडिएशन सेंटर भेजा गया और उसमे मेरी पत्नी ने कहा कि मुझे तलाक और 40 लाख रूपये चाहिए नहीं तो मैं आपको 498A में फसा दूंगी।| तलाक की बात सुनकर मैंने अपनी पत्नी की अलमारी चैक की तो देखा की हमारे द्वारा शादी में चढ़ाया हुआ सोने का जेवर उसकी अलमारी में नहीं है। हम अपनी इज़्ज़त और 498A से बचने के लिए तलाक देने के लिए तैयार हो गए तो मेडिएशन सेंटर में समझोते के दौरान यह तय हुआ की वह हमें हमारा जेवर वापिस करेंगे और हम 25 लाख रुपया के बैंक ड्राफ्ट उनको देंगे। जैसे ही मैंने बैंक ड्राफ्ट बनवाये तो बैंक ड्राफ्ट की फोटो कॉपी लेकर वह जेवर देने से मुकर गए। इस कारण से मेडिएशन विफल हो गया। फिर मेरी पत्नी ने 06/08/2015 को मुझ पर, मेरे माता-पिता और मेरे दीदी-जीजाजी पर मारपीट, दहेज़ प्रताड़ना, दहेज़ मांगना एवं मुझपर नपुंसक जैसे झूठे एलीगेशन लेकर महिला थाना में रिपोर्ट दर्ज करा दी। अब डिस्टिक एंड सेशन कोर्ट से हम सब को अग्रिम जमानत मिल गयी है। मैं यह पूछना चाहता हूँ कि 1. मुझे अब आगे क्या करना चाहिए? 2. क्या मेरी पत्नी को मारपीट, दहेज़ प्रताड़ना, दहेज़ मांगना जैसे झूठे आरोपों के एविडेंस कोर्ट में देने पड़ेंगे? क्या मैं अपनी पर नपुंसक जैसे झूठे एलीगेशन के लिए मानहानि का दावा कर सकता हूँ। यदि मेरी पत्नी झूठी रिपोर्ट को वापिस ले है तो क्या मैं मानहानि का दावा कर सकता हूँ?
समाधान–
आप जानते हैं कि दहेज लेना व देना दोनों ही निषिद्ध हैं। इस कारण स्त्री को मिले सभी उपहार उस का स्त्री-धन हैं। जो आभूषण आप ने व आप के परिवार ने उपहार स्वरूप आप की पत्नी को दिए हैं वे भी उस का स्त्री-धन हैं। आप उन्हें वापस लेने की मांग नहीं कर सकते। यह आभूषण वापस लेने की आप की जिद ने ही आप को कमजोर बनाया है। अब तक समझौते के प्रयास विफल होने का कारण यही है।
अब तो बात बिगड़ चुकी है। 498ए में आप की अग्रिम जमानत हो चुकी है। वैसी स्थिति में अब आप के पास डरने का कोई कारण शेष नहीं बचा है। 498ए का मुकदमा पुलिस का मुकदमा है। अब उस में आप के विरुद्ध आरोप प्रमाणित करने का भार आप की पत्नी का नहीं अपितु पुलिस का है। यदि प्रमाणों से आप के विरुदध कोई आरोप साबित नहीं होता है तो आप दोष मुक्त हो जाएंगे। आप इस मुकदमे को लड़िए। यदि यह मुकदमा मिथ्या है तो आप के पक्ष में निर्णय होने की पूरी संभावना है।
यदि आप व परिवार के लोग 498ए से दोष मुक्त हो जाते हैं तो तब आप अपनी पत्नी के विरुद्ध मानहानि तथा दुर्भावनापूर्ण अभियोजन का मुकदमा कर सकते हैं। आप पर नपुंसकता का जो आरोप लगाया गया है उसे साबित करना इतना आसान नहीं है। नपुंसकता का आरोप लगाना क्रूरता भी है। आप अकेले इस आधार पर तलाक के लिए मुकदमा कर सकते हैं। आप को सभी संभव आधारों पर तलाक के लिए आवेदन प्रस्तुत कर देना चाहिए।
हमारी राय है कि आप को तलाक का मुकदमा अपनी पत्नी के विरुद्ध करने के उपरान्त भी अपना ऑफर खुला रख सकते हैं। आप 25 लाख रु. पत्नी को देने वाले थे। यदि आप का ऑफर आरंभ से यही होता कि वह सारे आभूषण रख ले और एक यथोचित राशि स्थाई पुनर्भरण केलिए तय कर ले। क्यों कि तलाक की कार्यवाही के दौरान भी न्यायालय एक बार और आप दोनों में समझौते का प्रयास करेगा।
meri patni ne apne aasik ke sath noteri shafat patra se ke dwara shadi kar li hai us par dono ke photo hai mere pas us noteri ki photocopy hai ab mai kya kar sakta hu
श्रीमानजी आपका सुझाव एक दम ठीक है ……….
छोड़ दो भाईया जी।कुछ नही हो सकता।कानून लडकी का ही साथ देगा और अभी तो कम मानहानि हुईं है पुलिस और भी ज्यादा बेइज्त करती हैऔर हर फैसला लडकी के पक्षमे जाता है।मेरे साथ भी यही घटना हुई और जब मै कोर्ट मे पुन्रस्थापना का आवेदन दिया तो कोर्ट मेआने से मना कर दिया और पुलिस से झुठे ४९८ मे फसाने की धमकी देकर अपने मायके के थाने मे बुलाकर अंदर करवाने और अदालत मे तलाक की अर्जी न लगाने तथा नोटरीयल शपथ पत्र के आधार पर तलाक लेने और स्त्री धन वापस करने की धमकी देकर लिखा पढी करके दूसरी फिर तीसरी शादी एक साल के अंदर कर ली और मै देखता रह गया उसका बाल भी बांका नहीं कर सका।मेरा तो धन- धर्म ,इज्जत सब बरबाद हो गया।अभी उसका तीसरे पति से ६माह का लडका भी है।अब मै भी दूसरी शादी कर ली।