ठेकेदार कर्मचारी क्या पार्ट टाइम जॉब कर सकता है?
|समस्या-
दिल्ली से राकेश सरकारी कार्यालय में प्राईवेट ठेकेदार द्वारा लगाये कर्मचारियों की समस्या के संबंध में पूछते हैं –
जब प्राइवेट ठेकेदार द्वारा नियोजित कर्मचारी किसी सरकारी कार्यालय में काम करता है तो क्या उस पर भी सरकारी नियम लागू होते हैं? क्यों कि एक प्राईवेट कर्मचारी सरकारी कार्यालय में जॉब करने के बाद पार्ट टाईम् जॉब कर सकता है। कुछ सरकारी आफिसर कहते हैं कि आप सरकारी कार्यालय में काम करने के साथ-साथ पार्ट टाईम् जॉब नहीं कर सकते। क्या यह गैर कानूनी है? आफिस का कार्य समय सुबह 9:30 से शाम 5:00 बजे तक है। पार्ट टाईम जॉब का समय शाम 7 बजे से 10 रात बजे तक। मेरी जॉब केवल आफिस के डाटा एन्ट्री कम्प्यूटर आपरेटर की है। कई बार कार्य समय (9:30 से शाम 5:00 बजे तक) के बाद भी हम से कार्य लिया जाता है उस अवस्था में हम क्या कर सकते है? कृपया बताएँ? हम मानते हैं कि सरकारी आफिस में कई बार जरूरी कार्य होने पर रुकना चाहिए। लेकिन जब हम रुकते हैं तो उसकी हाजरी भी कहीं दर्ज होनी चाहिए। ताकि भविष्य में इसके बदले हमें कोई धनराशि मिले। लेकिन उसमें हमें यह कहकर मजदूरी नहीं दिया जाता क्यों कि हम प्राईवेट कर्मचारी हैं।
समाधान-
आप सरकारी कर्मचारी नहीं हैं। आप उस ठेकेदार के कर्मचारी हैं जिस ने आप को सरकारी कार्यालय में काम करने के लिए भेजा है, वही आप का वेतन चुकाता है। आप एक दिन में आठ घंटों से अधिक काम करने के लिए बाध्य नहीं हैं। यदि आप को किसी दिन आठ घंटे और सप्ताह में 48 घंटों से अधिक काम करने के लिए कहा जाता है तो आप आदेश देने वाले से कह सकते हैं कि आप को लिखित आदेश दिया जाए। जिस से आप के पास यह साक्ष्य रहे कि आप ने आठ घंटे से अधिक काम किया है। किसी सप्ताह में आप के काम के घंटे 48 से अधिक हो जाते हैं तो आप अपने नियोजक ठेकेदार से कह सकते हैं कि अतिरिक्त समय काम करने के लिए आप को ओवरटाइम की दर से जो संस्थान के प्रकार के अनुसार सामान्य वेतन दर से डेढ़ से दो गुना तक हो सकती है। यदि आप का ठेकेदार इस पर भी आप को अतिरिक्त समय का ओवरटाइम की दर से वेतन देने को तैयार न हो तो आप अपने अतिरिक्त वेतन के लिए (यदि आप का वेतन 10000 रुपए प्रतिमाह या उस से कम है तो न्यायालय प्राधिकारी वेतन भुगतान अधिनियम के अंतर्गत आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं।
आप की सेवा शर्तें आप के नियोजक ठेकेदार और आप के बीच हुई सेवा संविदा से शासित होते हैं। आम तौर पर यह सेवा संविदा नियुक्ति पत्र के रूप में होती है जिस पर नियोजक या उस के किसी अधिकारी के हस्ताक्षर होते हैं और अक्सर नियोजन प्रदान करने के समय इस नियुक्ति पत्र पर कर्मचारी के हस्ताक्षर करवा कर नियोजक वापस ले लेता है। कोई नियोजक उस की एक प्रति कर्मचारी को भी देता है और कई नियोजक ऐसे है जो उस की कोई प्रति कर्मचारी को नहीं देते। यदि इस सेवा संविदा में यह शर्त शामिल हुई कि आप इस नियोजन के अतिरिक्त कोई अन्य नियोजन नहीं करेंगे तो निश्चित रूप से आप के अन्यत्र पार्ट टाइम नियोजन प्राप्त करने के पर प्रतिबंध है। ऐसी अवस्था में आप यदि अन्यत्र पार्ट टाइम कार्य करते हैं तो यह दुराचरण होगा और इस के लिए आप को दुराचरण का आरोप लगा कर सेवा से पृथक किया जा सकता है।
लेकिन यह प्रतिबंध केवल नियोजन के संबंध में है। यदि आप अपनी आमदनी में वृद्धि करने के लिए स्वयं का कोई काम करते हैं तो उस पर प्रतिबंध नहीं होगा। सेवा संविदा में अन्यत्र पार्ट टाइम नियोजन में काम करने पर प्रतिबंध न होने पर आप ठेकेदार की सेवा में रहते हुए पार्ट टाइम नियोजन में काम कर सकते हैं।
पर्तिमे जॉब की अवस्कता ह किर्पया
इ ऍम रियली चर्रिएर इन्तेर्स्तेद पर्त्तिमे जॉब
गुरुदेव जी, आपने बहुत अच्छी जानकारी दी है. आप जरा पहले पैराग्राफ की इन लाइनों को देखें (यदि आप को किसी दिन आठ घंटे और “माह” में 48 घंटों से अधिक काम करने के लिए कहा जाता है तो आप आदेश देने वाले से कह सकते हैं कि आप को लिखित आदेश दिया जाए। जिस से आप के पास यह साक्ष्य रहे कि आप ने आठ घंटे से अधिक काम किया है। किसी सप्ताह में आप के काम के घंटे 48 से अधिक हो जाते हैं) मुझे लगता है कि कुछ छूट गया है या कुछ गलत हो गया है. शायद “माह” के स्थान पर “सप्ताह” होना चाहिए था.
रमेश कुमार जैन उर्फ सिरफिरा का पिछला आलेख है:–.दहेज न लेने पर भी सजा मिलती है (टिप्पणियाँ)
त्रुटि की और ध्यान दिलाने के लिए धन्यवाद। गलती दुरुस्त कर दी गई है।
दिनेशराय द्विवेदी का पिछला आलेख है:–.ठेकेदार कर्मचारी क्या पार्ट टाइम जॉब कर सकता है?
जानकारी देने के लिए धन्यवाद.
-महेश