तृतीय पक्ष की सूचनाएँ विस्तृत लोकहित के लिए होने पर ही प्राप्त की जा सकती हैं।
|सुरेश ने धार मध्य प्रदेश से समस्या भेजी है कि-
मैं ने पंचायत से सूचना अधिकार से मांगने पर फाइल मिली, जिस में कुछ लोगो के अकाउंट हैं। मैं उन अकाउंट की जानकारी बैंक से लेना चाहता हूँ। बैंक किसी व्यक्तिगत अकाउंट की जानकारी देना नहीं चाहती इसलिये में क्या करूँ?
समाधान-
आप ने यह नहीं बताया कि आप को इन बैंक खातों की जानकारी क्यों चाहिए? बैंक में किसी भी व्यक्ति के खाते से संबंधित सूचनाएँ उस व्यक्ति और बैंक के बीच की गोपनीय सूचनाएँ होती हैं। बैंक के व्यवसाय के लिए आवश्यक है कि वह उन सूचनाओं को किसी भी अन्य व्यक्ति को न दे। ये सूचनाएँ कुछ विशिष्ट परिस्थितियों में ही किसी तीसरे व्यक्ति को दी जा सकती हैं। सूचना अधिकार अधिनियम में भी धारा 8 (1) में इस तरह के उपबंध हैं कि तीसरे पक्ष से संबंधित सूचनाएँ देने से इन्कार किया जा सकता है।
सूचना अधिकार अधिनियम की धारा 8 (1) निम्न प्रकार है।
इस प्रकार आप देखते हैं कि सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा 8 (1) के खण्ड (घ) (ङ) व (ञ) में ऐसे उपबन्ध हैं कि बैंक किसी तीसरे व्यक्ति से संबंधित सूचनाएँ तब तक नहीं दे सकता जब तक कि उस में विस्तृत लोक हित का समर्थन नहीं होता हो।
यदि उक्त सूचनाएँ जो आप जानना चाहते हैं उन के लिए आप यह सिद्ध कर पाएँ कि इस से विस्तृत लोक हित का समर्थन होगा तो ही बैंक उन सूचनाओं को आप को प्रदान कर सकता है अन्यथा नहीं।
सुरेश जी ,
आप इसके लिए उस आदमी की बैंक की एक फोटो स्टेट कॉपी लेले और बैंक की कॉपी देखे की क्या जिस date को पंचायत ने उसके कहते में राशि डाली है उसके बाद भी क्या उसने कोई लें दें किया है यदि हाँ तो उस आदमी को आपके द्वारा मांगी गयी सुचना की कॉपी देकर बैंक में भेजे बैंक उसको बता देगा सब कुछ ! यदि उसके कहते में कुछ नहीं है तो आप पंचायत की शिकायत बी डी ओ को करे बी डी ओ कुछ न करे तो D D ओ या जिला उपायुक्त को करे
में सुरेश पाटीदार मेने अभीअभी राष्ट्रीय मानवाधिकार एसोसिएशन ज्वाइन किया है परन्तु मुझे धाराओ का अभाव होने के कारण मानव सेवा करने में दिक्कत आ रहा है कृपया आप कोचिंग सेन्टर का पता दे या आप से जानकारी ले लुगा
मेने जो आप से जानकारी ली थी वो खेल मैदान बनानहीं और खेल मैदान का राशी निकल गई जब हमें ये पता चला तो मेने पंचायत में सूचना अधिकार लगाया तो पंचयत ने जानकारी दी इस जानकारी में व्यक्तियो के नाम, जाबकार्ड नंबर, बैंकका नाम व् बैंक का अकाउंट नम्बर औरजो राशी डाली गई उसकी जानकारी थी जब बैंक से जानकारी मांगी गई तो बैंक ने जानकारी देने से मनाकर दिया बैंक मेंनेजर ने जबाब दिया की किसी भी वयक्ति की जानकारी नहीं देती है। हद तो जब हुई जब
एक व्यक्ति से पूछा गया की आपने पंच्यात के खेल मैदान में कार्य किया है तो उसने कहा नहीं मेने कोई कार्य नहीं किया फिर उससे पूछा आपका जाबकार्ड कहा है तो उसने कहा मेरा जाबकार्ड नहीं है और पंचयत ने मेरा जाबकार्ड बनाया भी नहीं । फिर उनसे पूछा किया आपने पंचयत में आपका बैंक अकाउंट नम्बर दिया था उन्होंने कहा नहीं फिर हमने उनसे कहा की आपकी बैंक खाते की पासबुक कहा है तो उन्होंने कहा की मेरे पास ही है मेने उन्से कहा की आप हमारे साथ बैंक चलेगे फिर हमने खाते का स्टेटमेंट निकलवाया उसमे पाया की पंचयत दुवारा कोई राशी नहीं डाली थी ।
अब आप ने बताया की बैंक से धारा8(1) के नियम से ले सकते है । आगे की कारवाही केसे करे किनकिन अधिकारियो को करे यह कार्य पंचयत ने मनारेगा के तहत किया है क्योंकि इसमें पंचयत , सब इंजिनियर सीईओ मिले हुए है ।