नियोजक ने वेतन नहीं दिया, मुझे क्या करना चाहिए …?
|समस्या-
अहोरे, जिला जालौर, राजस्थान से प्रवीण कुमार ने पूछा है-
मैं ने बजाज एलियांज लाइफ इंश्योरेंस कम्पनी में 26 जुलाई 2012 से 28 अगस्त 2012 तक काम किया है। मुझे अभी तक वेतन नहीं दिया गया है। पूछने पर हर बार एक ही उत्तर मिलता है क आप के वेतन के बारे में हमारी प्रक्रिया चल रही है और बहुत जल्द ही आप को वेतन मिल जाएगा। लेकिन अभी तक वेतन नहीं मिला है। कृपया बताएँ मुझे क्या करना चाहिए?
समाधान-
आप के क्षेत्र के संयुक्त श्रम आयुक्त का कार्यालय जोधपुर में स्थित है आप उन्हें एक शिकायत पंजीकृत डाक से भेज दें। आप की शिकायत पर कार्यवाही अवश्य होगी। इस शिकायत की एक प्रति आप राजस्थान सरकार के मुख्य मंत्री को साधारण डाक से अवश्य भेज दें।
यदि आप का वेतन रुपए 10,000/- प्रतिमाह या उस से कम है तो आप न्यायालय प्राधिकारी वेतन भुगतान अधिनियम के यहाँ वेतन का समय से भुगतान न करने की शिकायत के साथ वेतन दिलाने के लिए आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं। यह एक निर्धारित फार्म पर एक रुपए की कोर्ट फीस टिकट के साथ प्रस्तुत करना होता है, आवेदन की एक प्रति कंपनी को भेजने के लिए और संलग्न करनी होगी। कानून के अनुसार सूचना भेजने का खर्चा खुद सरकार को भुगतना चाहिए। पर राजस्थान सरकार इतनी गरीब है कि वह इस की व्यवस्था नहीं करती। इसलिए हो सकता है कि कंपनी को सूचना भेजने के लिए एक रजिस्टर्ड डाक का लिफाफा भी देना पड़े। आप ये लिफाफा अवश्य दे दीजिएगा। अन्यथा न्यायालय का क्लर्क उस पर नोट लगा देगा कि न्यायालय में डाक व्यय का बजट समाप्त हो जाने से नोटिस नहीं भेज जा सका। आखिर जल्दी कार्यवाही की जरूरत तो आप को है सरकार को नहीं।
देरी कर के भुगतान न किए गए वेतन अथवा अवैधानिक रूप से काटे गए वेतन के लिए निम्न प्रपत्र में आवेदन प्रस्तुत किया जा सकता है –
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वेतन भुगतान अधिनियम की धारा 15/3 के अंतर्गत आवेदन पत्र का प्रारूप
न्यायालय प्राधिकारी वेतन भुगतान अधिनियम ………….. क्षेत्र,……. प्रकरण संख्या /2012 …………………………………………………………………………………………………… ……………………………………………………………………………………………………. …. प्रार्थी/कर्मचारी बनाम ……………………………………………………………………………………………………. ……………………………………………………………………………………………………. …. प्रतिपक्षी/नियोजक प्रार्थना पत्र अन्तर्गत धारा 15/3 वेतन भुगतान अधिनियम, 1936 मान्यवर, प्रार्थी निम्न निवेदन करता है:- 1. यह कि प्रार्थी प्रतिपक्षी द्वारा नियोजित श्रमिक है, जिसका पता सूचना आदि प्रेषित करने हेतु ऊपर शीर्षक में अंकित है। 2. यह कि प्रतिपक्षी प्रार्थी के वेतन के भुगतान के लिए अधिनियम की धारा 3 के अन्तर्गत जिम्मेदार व्यक्ति है, जिसका पता सूचना आदि प्रेषित करने हेतु ऊपर शीर्षक में अंकित है। 3. यह कि प्रार्थी प्रतिपक्षी के यहाँ ………………………..के पद पर दिनांक ……………………….. से नियोजित था। उस का वेतन …………………….. प्रतिमाह था। प्रार्थी का दिनांक ……………. से दिनांक …………………. तक का वेतन प्रतिपक्षी ने देरी कर के भुगतान नहीं किया है। अथवा/तथा प्रार्थी के दिनांक ……………………….. से दिनांक ………………………… तक के वेतन से रुपए …….. ……………………………. की अवैधानिक कटौती कर ली गई है। 4. यह कि प्रार्थी को प्राप्त होने वाले लाभ का मूल्य रुपए ………………….. अक्षरे रुपए…………… ……………………………… मात्र है। 5. यह कि प्रार्थी प्रार्थना करता है कि अधिनियम की धारा 15 की उपधारा (3) के अन्तर्गत प्रतिपक्षी को आदेश हो कि वह:- क. प्रार्थी को उसके भुगतान न किए गए एवं अवैधानिक रुप से काटे गए वेतन की अनुमानित धनराशि का भुगतान करे, तथा ख. भुगतान न किए गए व अवैधानिक रुप से काटे गए वेतन की अनुमानित धनराशि से दस गुणा हर्जाने का भुगतान करे। सत्यापन- मैं घोषणा करता हूँ कि उक्त प्रार्थना पत्र में वर्णित समस्त तथ्य प्रार्थी के ज्ञान एवं विश्वास से सही एवं सत्य है। हस्ताक्षर प्रार्थी (प्रार्थी का नाम)…………………………………………………… (प्रार्थी का पता) …………………………………………………… ……………………………………………………..प्रार्थी/कर्मचारी स्थान-……………… दिनांक- ……………………. |
जानकारी देने के लिए धन्यवाद.
यदि आवेकक डाक टिकट लगा लिफाफा देता है तब वह पैसा क्लर्क ऑफिस का खर्च में दिखा कर खुद रख लेता है या यही हिसाब किया जाता है कि आवेदक के खर्च पर नोटिस भेजा गया.
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बहुत अच्छी जानकारी दी है आपने । बहुत से लोग है जो काम करवा लेते है पर वेतन देना पसन्द नहीं करते और बहाना बनाकर कम्पनी से बाहर कर देते है।
गुरुदेव जी, काफी अच्छी जानकारी दी है. साथ अदालतों की सच्चाई (कानून के अनुसार सूचना भेजने का खर्चा खुद सरकार को भुगतना चाहिए। पर राजस्थान सरकार इतनी गरीब है कि वह इस की व्यवस्था नहीं करती। इसलिए हो सकता है कि कंपनी को सूचना भेजने के लिए एक रजिस्टर्ड डाक का लिफाफा भी देना पड़े। आप ये लिफाफा अवश्य दे दीजिएगा। अन्यथा न्यायालय का क्लर्क उस पर नोट लगा देगा कि न्यायालय में डाक व्यय का बजट समाप्त हो जाने से नोटिस नहीं भेज जा सका) भी बताई है कि कैसे क्लर्क नोट लगा देगा.
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यदि आवेकक डाक टिकट लगा लिफाफा देता है तब वह पैसा क्लर्क ऑफिस का खर्च में दिखा कर खुद रख लेता है या यही हिसाब किया जाता है कि आवेदक के खर्च पर नोटिस भेजा गया.
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