DwonloadDownload Point responsive WP Theme for FREE!

हिन्दु विवाह विच्छेद न्यायालय के बाहर संभव नहीं

समस्या-

मेरी शादी को तीन माह हुए हैं।  मैं एक मध्यवर्गीय परिवार से हूँ लेकिन मेरी पत्नी एक धनी परिवार से आई है। हम  दोनों में आप सी समझ नहीं बन पा रही है। हम लोग अपना विवाह विच्छेद करना चाहते हैं। लेकिन हम यह भी चाहते हैं कि हमारा तलाक बिना अदालत जाए हो जाए। क्यों कि अदालत में तलाक में कई साल लग जाएंगे।  मेरी पत्नी भी तलाक चाहती है क्यों कि विवाह के पहले वह किसी से प्यार करती है और उसी से विवाह करना चाहती है। उस के अनुसार यह शादी उस की मर्जी के खिलाफ हुई है।  क्या कोई तरीका है कि हमारा तलाक बिना अदालत हो जाए और वह वैध भी हो?

-अनूप केसरवानी, इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश

समाधान-

भारत में निवास करने वाले सभी मुसलमानों, ईसाइयों, पारसियों, यहूदियों,  वे जो कि यह सिद्ध कर सकें कि वे  हिन्दू विधि से शासित नहीं होते तथा अनुसूचित जनजाति के व्यक्तियों को छोड़ कर सभी पर हिन्दू विवाह अधिनियम प्रभावी है। आप के विवरण के अनुसार आप पर भी हिन्दू विवाह अधिनियम प्रभावी है। इस अधिनियम में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है जिस से न्यायालय के बाहर किसी तरह विवाह विच्छेद किया जा सके। इस तरह आप का और आप की पत्नी के बीच विवाह विच्छेद केवल न्यायालय की डिक्री से ही संभव है।

प के विवाह को केवल तीन माह हुए हैं। शायद ही दुनिया में कोई पति पत्नी ऐसे मिलें जिन के बीच इतने कम समय में आपसी समझदारी विकसित हुई हो। आम तौर पर समझदारी बनने में कुछ वर्ष लग जाते हैं। इस कारण दोनों ही पक्षों को लगातार आपसी समझदारी विकसित करने का प्रयत्न करना चाहिए। स्त्री पुरुष के बीच विवाह कोई गुड्डे गुड़िया का खेल नहीं है जिसे जब चाहो तब कर लिया जाए और जब चाहो तब तोड़ दिया जाए। अभी जितना समय आप लोगों ने एक साथ गुजारा है वह तो एक दूसरे को पहचानने के लिए भी पर्याप्त नहीं है। आप की पत्नी सोचती हैं कि जिस व्यक्ति से वह विवाह करना चाहती थीं वह तलाक के बाद उन से विवाह कर लेगा। हो सकता है अब वह विवाह से इनकार कर दे। फिर उन के पास क्या मार्ग शेष रहेगा? मेरे विचार में आप दोनों को अपने रिश्ते को समझना चाहिए और उसे मजबूत बनाने का प्रयत्न करना चाहिए।

दि आप तलाक लेना चाहेँ तो वर्तमान में एक तरफा तलाक का कोई आधार आप लोगों के पास नहीं है। यदि दोनों सहमत हों भी तो भी विवाह होने के एक वर्ष की अवधि तक तलाक की अर्जी न्यायालय स्वीकार नहीं करेगा। यदि एक वर्ष प्रतीक्षा करने के बाद आप लोग अर्जी लगाएँ तो भी कम से कम आठ माह और लग जाएंगे तलाक होने में। इस तरह आप के पास लगभग डेढ़ वर्ष का समय अभी साथ रहने के लिए है। यदि इस बीच आप दोनों कोशिश करें और ऐसी स्थिति लाएँ कि तलाक की आवश्यकता नहीं रहे। तो आप लोग इस निर्णय को टाल सकते हैं और अपना जीवन सुखमय बना सकते हैं। इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि तलाक के बाद आप दोनों अपने जीवन को सुखी बना सकेंगे। हो सकता है बाद भी ऐसी ही परेशानियाँ आप दोनो को देखनी पड़े। इस से तो अच्छा है कि वर्तमान परेशानी को हल किया जाए।

Print Friendly, PDF & Email
4 Comments