पट्टे के आधार पर दीवानी न्यायालय में घोषणा और निषेधाज्ञा का वाद प्रस्तुत करें।
हितेश ने कैलाशपुरी, राजसमन्द, राजस्थान से समस्या भेजी है कि-
ग्राम पंचायत कैलाशपुरी द्वारा 1995 में सरपंच साहब ने मेरी माताजी के नाम का निशुल्क पट्टा दिया उसका रेकॉर्ड है या नहीं हमें पता नहीं है। हम ने निर्माण कराने के लिए पत्थर डलवाए थे और 1-2 ट्रेक्टर पत्थर पहले से पड़े थे जो 15-20 साल पहले से पड़े थे। हमारे पड़ौस में कब्ज़ा करने के लिए पत्थर किसी ने डलवाए तो किसी की शिकायत पर ग्राम पंचायत ने एक आम सूचना चस्पा की कि ये पत्थर और अन्य सामग्री 3 दिन में उठा ली जाए तो हम ने पत्थर पंचायत नहीं ले जाए इसलिए मालिकाना हक की सूचना ग्राम पंचायत को 3 दिन मे दे दी जो पोस्ट द्वारा भेजी गई ओर उन्हें मिल गई। सूचना सरपंच और सचिव दोनों को भेजी गई थी। तब पंचायत 6 दिन बाद मेरे पत्थर नहीं ले गई। पंचायत द्वारा न तो हमारी सूचना पर हम से पट्टा मांगा गया और न ही पत्थर लेजा ने के बारे में सूचित किया गया। पंचायत की कार्यवाही के दौरान पट्टा बताया तो उसे जाली कह कर पत्थर ले गए। तो आप से अनुरोध है कि मुझे बताएँ कि हम अपने पत्थर और ज़मीन दोनों प्राप्त करने के लिए क्या उन लोगों पर क्रिमिनल ओर सिविल कार्यवाही दोनों एक साथ की जा सकती है। पट्टा निशुल्क वाला है यह 1995 में ग्राम पंचायत ने मेरी माताजी के नाम का दिया था जो निरस्त नहीं किया गया और न ही उस ज़मीन पर 15-20 साल से किसी ने आपत्ति की है। ना ही इस पंचायत द्वारा निरस्त किया गया है। सरपंच ओर अन्य सभी प्रभावशाली लोग हैं तो आप बताएँ कि हम इस मुसीबत से कैसे निपटें?
समाधान-
आप की माँ के पास पट्टा है जो इस बात का सबूत है कि आप की माताजी को उस भूखंड पर पट्टे के अन्तर्गत स्वामित्व प्राप्त है। इस के बाद भी पंचायत ने पत्थर उठाए हैं तो आप को पंचायत के समक्ष पत्थर लौटाए जाने के लिए आवेदन देना चाहिए। यदि यह आवेदन निरस्त हो जाता है तो आप जिला कलेक्टर के समक्ष उस की अपील प्रस्तुत कर सकते हैं। यदि ग्राम पंचायत ने बिना कोई कागजी कार्यवाही किए पत्थर उठाए हैं तो आप अपराधिक मुकदमा कर सकते हैं। लेकिन यदि पंचायत की यह कार्यवाही रिकार्डेड है तो आप को दीवानी और प्रशासनिक उपाय ही करने होंगे।
आप को तुरन्त दीवानी न्यायालय में पट्टे के आधार पर घोषणा का वाद दाखिल करना चाहिए तथा इस बात के लिए निषेधाज्ञा प्राप्त करने की प्रार्थना करनी चाहिए कि आप वैध रूप से प्लाट पर काबिज हैं, पट्टे से स्वामित्व प्राप्त है, आप के कब्जे और स्वामित्व में ग्राम पंचायत दखल न दे, नियमानुसार भूखंड पर निर्माण करने की अनुमति प्रदान करते हुए आप को निर्माण करने दे।
आप को इसी वाद के साथ अस्थाई निषेधाज्ञा का आवेदन प्रस्तुत कर तुरन्त अस्थाई निषेधाज्ञा प्राप्त करनी चाहिए कि ग्राम पंचायत आप के पत्थर लौटाए और आप के कब्जे में दखल नहीं करे तथा नियमानुसार भूखंड पर निर्माण करने की अनुमति प्रदान करते हुए आप को निर्माण करने दे।
Wow Bernetta! I did2n#8&17;t know your husband was in New York or that he was taking part in the cleanup. AND you are pregnant and have your other little ones. I know that is a LOT to handle. Thanks for entering the contest!
मेरा नाम इमरान हे . में बसना ..छतीशघर. रायपुर से. हूँ मेरे समस्या का हल कीजिए सर … बोहत जरुरी हे. हम लोग ५ साल हुआ मेरे नाना जी के साथ रेहते हे…मेरे नाना age 65 और उनकी अम्मी age ७५ ..और मेरे नानी जी और मामा ४० साल से अलग ररहते थे…..और मेरे नाना जी के पास नहीं आते थे और ओ लोग बोहत तक्लिप उठउठ थे …तब मेरे नाना जी ने मेरे अम्मी को बुलाया और हम उनको ४ साल से केयर किआ तो मेरे नाना जी ने खुस होके उनका aabadi माकन मेरे अम्मी के नाम कर दिए हे …१०० का स्टाम्प में नोटरी करके दिए हे .अब ओ इस दुनिया में नहीं हे . तो मेरे मामा और नानी .. जो मकान नाना जी ने हम को दे दिए हे उसपर हम से हिस्सा मांग ‘रे हे …और परेसान ककरे हे ….अब हम किआ करे सर …. …..और नाना जी ने स्टाम्प पे उल्लेख किए हे की … में हाजी कदर अपने राजी खुसी से @ … मेरी बेटी अमरीन बनो को अपना माकन डेरा हूँ . मेरे उप चलने फिरने में तकलीफ होती हे isle मेरा सेवा मेरी बेटी अमरीन बनो को खुस होके डेरा हूँ …आज १२-३-२०१२ से उक्त माकन का मालिक अमरीन होगी और . मेरा नाम राजस्व अविलेक और पटवारी अवलेक से हटा कर खुद का नाम जोड़ ले …………. हम लोग्ने नगर पंचायत से उनका नाम हटा कर अम्मी का नाम जोड़ लिए हे.. …पर पटवारी अवलेक में उनका नाम हटा कर अम्मी का नाम कैसे कैसे जोड़े …पटवारी के पास जाने से ओ जबाब नहीं डेरा हे …उसको मेरे मामा पैसा खिला देय हे …. हम को किआ करना होगा सर.. तहसील ऑफिस में कोई आबेदन देना होगा किआ सर …प्लीज सर हेल्प करे …हम बोहत तक्लिप में हे ….
श्री मान जी , ऐसा ही समस्या मेरे साथ भी है । हमारे 1998 मे गाँव मे एक मकान खरीदा था जिसका कोई सरकारी कागजात नहीं है । विक्रेता द्वारा लिखा गया बेचाननामा है । इसे हस्तांतरित करने के लिए पट्टा बनवाना चाहिए या अन्य कोई दस्तावेज़ बनता है ।
मकान के बेचाननामे के दर्शन किए बिना पुख्ता राय नहीं दी सकती।
तीसरा खंबा का पिछला आलेख है:–.अंतिम प्रतिवेदन पर मजिस्ट्रेट के निर्णय तक परेशान होने की कोई आवश्यकता नहीं।