पति और पुत्र को छोड़ कर प्रेमी के साथ भाग कर आप प्रेमी को अपराधी बना देंगी।
समस्या-
नागपुर, महाराष्ट्र से संजना ने पूछा है –
मेरी शादी को सात साल हुए हैं। मेरे एक चार वर्ष का बच्चा भी है। मैं अपने पति से खुश नहीं हूँ। मैं ने अपने पति से तलाक मांगा भी, लेकिन उस ने देने से इन्कार कर दिया। मैं किसी और से प्यार करती हूँ और वह भी मुझे बहुत प्यार करता है। उस की अभी तक शादी नहीं हुई है। हम दोनों शादी करना चाहते हैं। हम दोनों भाग जाएँ तो क्या होगा?
समाधान-
आप के नाम से पता लगता है कि आप हिन्दू हैं। हिन्दू विधि के अनुसार हिन्दू विवाह एक विधिक संस्था है जो एक स्री व एक पुरुष का विवाह होने से अस्तित्व में आता है। जब एक बार कोई भी स्त्री-पुरुष एक विवाह में बंध जाते हैं तो दोनों एक दूसरे से विधिक रूप से कर्तव्यों और अधिकारों में बंध जाते हैं। हिन्दू विवाह केवल न्यायालय की डिक्री से अथवा जीवन साथी के मृत्यु पर ही समाप्त हो सकता है। एक विवाह में रहते हुए एक स्त्री और एक पुरुष दूसरा विवाह नहीं कर सकता। आप की भी स्थिति यही है कि जब तक आप अपने पति से विवाह विच्छेद की डिक्री न्यायालय के माध्यम से प्राप्त नहीं कर लेती हैं तब तक आप दूसरा विवाह नहीं कर सकतीं।
आप के एक चार वर्ष का पुत्र भी है। आप पति से अप्रसन्न हैं और इसीलिए आप उन से तलाक चाहती हैं और एक अन्य युवक से जिसे आप प्यार करती हैं और वह भी प्यार करता है के साथ भाग जाना चाहती हैं। जब आप ने विवाह किया था तब आप अपने पति से न तो प्रसन्न थीं और न अप्रसन्न। क्यों कि आप अपने पति के साथ नहीं रही थीं। साथ रहने पर ही पता लगा कि आप उस के साथ प्रसन्न नहीं हैं। आप ने उन के साथ सात वर्ष बिताए और अब अप्रसन्न हैं। अप्रसन्नता के कारण आप ने नहीं बताए हैं। लेकिन जिस युवक से आप प्यार करती हैं उस के साथ भी आप भी अभी तक नहीं रही हैं। आप यह निर्णय कैसे कर सकती हैं कि आप उस के साथ प्रसन्न ही रहेंगी? अर्थात् आप के जीवन में पति से अप्रसन्न रहते हुए भी एक निश्चितता है। लेकिन यदि आप उस युवक के साथ भाग गईं तो आप का जीवन पुनः अनिश्चित हो जाएगा। आप उस के साथ प्रसन्न रह सकती हैं यह निश्चित नहीं किया जा सकता।
आप निश्चित रूप से अपने पुत्र को तो प्रेम करती होंगी। आप के भाग जाने से उसे भी आप को छोड़ना पड़ेगा और उस से व उस के प्रेम से वंचित हो जाएंगी। आप एक बच्चे को माँ के स्नेह और संरक्षण से वंचित कर देंगी। आप उसे साथ ले जाएंगी तो फिर आप उसे अपने पिता के संरक्षण और प्रेम से वंचित करेंगी। आप ने यह नहीं बताया कि आप के पति आप से प्रेम नहीं करते हैं। लगता तो यही है कि वे आप से प्रेम करते हैं, अन्यथा वे आप को तलाक देने को तैयार हो जाते।
आप के उस युवक के साथ भाग जाने के बाद। आप के पति आप की तलाश करेंगे। पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराएंगे। पुलिस आप को व आप के प्रेमी को पकड़ कर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करेगी। आप की चिकित्सकीय जाँच भी होगी। जिस में सहज रूप से यह प्रमाणित हो जाएगा कि आप ने उस युवक के साथ यौन संबंध बनाए हैं। आप तो इस में किसी तरह के अपराध की दोषी नहीं होंगी लेकिन वह युवक आप के साथ यौन संबंध बनाने का अर्थात जारता का दोषी होगा क्यों कि वह जानबूझ कर एक ऐसी स्त्री के साथ यौन संबंध स्थापित करेगा जो कि किसी दूसरे की पत्नी है। उसे भारतीय दंड संहिता की धारा 497 में पाँच वर्ष के लिए दंडित किया जा सकता है। ऐसी अवस्था में आप उस युवक के साथ किसी भी स्थिति में प्रसन्न नहीं रह सकेंगी। आप का घर उस प्रेमी युवक के साथ भी नहीं बसेगा। आप न तो घर की रहेंगी और न घाट की।
इस अवस्था में आप के पास दो ही विकल्प हैं। एक तो आप अपने पति से विवाह विच्छेद के लिए न्यायालय को आवेदन करें और विवाह विच्छेद की डिक्री प्राप्त करें फिर उस युवक के साथ संबंध बनाएँ। दूसरा विकल्प यह है कि आप जिन कारणों से अपने पति से अप्रसन्न हैं उन्हें अपने पति को बताएँ और उन से अपने मतभेद दूर कर के उन के साथ प्रेम पूर्वक जीवन निर्वाह करें। इस से आप को अपने पुत्र को भी नहीं छोड़ना पड़ेगा। आप चाहें तो अपनी इस समस्या के लिए किसी पारिवारिक काउंसलर की मदद भी ले सकती हैं जो आप को और आप के पति की काउंसलिंग कर के मतभेदों को सुलझाने में बड़ी भूमिका अदा कर सकता है।
मेरी शादी को ४ साल हुवे है तो क्या मेरी वाइफ मुझपर दहेज़ प्रथा का केश जार सकती है क्या वो मौसे तलाक चाहती है पर में नहीं देना चाहता तो आप बताये में क्या कर
बहुत अच्छा लिखा पियुश जि,
गुरुदेव जी, आपने @संजना को काफी अच्छी सलाह दी है. यदि वो माने तो वरना…..आपने सही लिखा है कि वो न तो घर की रहेंगी और न घाट की।
अरे मेडमजी गजब । आप को तलाक लेना है बहुत आसान है कोई भी झूठा इल्जाम जैसे घरेलू हिँसा,मानसिक प्रताड़ना जिसमेँ केवल और केवल कानून स्त्रीयोँ का ही पक्ष लेता है, अपने पति पर लगा दीजिए फिर देखिए अपके पति बेचारे कैसे तलाक देतेँ है वसे भी प्यार और जंग मे सब जायज होता है।बच्चे की तो छोड़िए बेचारा अगर इस दुनिया मेँ आ ही गया है किसी भी तरह से माँ के प्यार को भुलाकर केवल पिता के प्यार से ही किसी भी तरह जीवन जी लेगा अब करेगा भी क्या जब उसकी माँ को अपने बेटे को प्यार देने की उम्र मेँ अपने प्यार का परवान चढ़ा हो। ।चुकि आपकी शादी को 7साल हो चुके है और आप दहेज का मामला भी नही बनता वरना आपका तलाक और आसान हो जाता।धन्य है आप जैसी माँ का सुना था एक माँ अपने बच्चोँ के लिए हर दुख दर्द सह लेती है और बड़ी से बड़ी कुर्बानी दे देती है,इसीलिए उसे दुनिया के सबसे बड़ी देवी का दर्ज मिला है।यदि ऐसी हर माँ को किसी और से प्यार होने लगे और उन्हे तलाक मिलता रहे तो शादी का पवित्र बंधन पवित्र नही व सात जन्मो का नही रहेगा।कौन सा घर होगा जहाँ पति पत्नी मे थोड़ा बहुत नोकझोक नही होता और फिर अगर पति भी किसी के प्यार के कारण तलाक लेना चाहे तो कानून एवं समाज तो उसे अपराधी बनाकर मार डालेँगे।
मेरी राय है आप को अपने पति व बच्चे के प्रति प्यार को जगा कर,सामांजस्य बनाकर साथ रहना चाहिए,जिँदगी सवर जाएगी।ऐ प्यार जो आपको हुआ है सब चार दिन की चाँदनी है,फिर आधेरी रात आएगी। बाकी आपकी मर्जी। लेकिन गलत कदम उठाने से पहले अपने बेटे के बारे मे गहराई विचार जरूर कर लिजिएगा कि बिना माँ के बच्चो का क्या हाल होता है।
धन्यवाद!
पीयूष जी, बहुत सुंदर लिखा है आपने. आजकल कुछ लड़कियां जिनकी शादी को सात साल नहीं हुए होते है. अपने परिजनों के बहकाने या प्रेम में अंधी होकर अपने पति को झूठे केसों में फंसाकर तलाक लेने के साथ ही मोटी रकम भी लेती हैं. इसका मैं स्वयं मुक्तभोगी रहा हूँ. एक दिन ऐसा आता है वो न घर की रहती है और न घाट की.